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कैसे टूटेगा संतोषा का अवैध हिस्सा, आज हो जायेगा तय
अंतिम घड़ी. निगम की सात सदस्यीय अभियंताओं की टीम ने किया निरीक्षण संतोषा कॉम्प्लेक्स के अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में आज अहम बैठक आयोजित की गयी है. पटना : नगर निगम संतोषा कॉम्प्लेक्स के अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए बाहर से एक्सपर्ट बुला रहा है, जो निगम के अभियंताओं […]
अंतिम घड़ी. निगम की सात सदस्यीय अभियंताओं की टीम ने किया निरीक्षण
संतोषा कॉम्प्लेक्स के
अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में आज अहम बैठक आयोजित की गयी है.
पटना : नगर निगम संतोषा कॉम्प्लेक्स के अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए बाहर से एक्सपर्ट बुला रहा है, जो निगम के अभियंताओं की टीम का निर्देशन करेंगे. उन्हीं स्ट्रक्चर अभियंता के निर्देश पर अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई की जायेगी. वहीं, संतोषा कॉम्प्लेक्स के लोगों ने भी अपनी तरफ से दिल्ली के स्ट्रक्चरल अभियंता राहुल अग्रवाल को बुलाया है, जाे संतोषा कॉम्प्लेक्स के सचिव के बेटे हैं.
इधर, अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई को लेकर शनिवार को प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में साढ़े 11 बजे से बैठक होगी. इसकी अध्यक्षता प्रमंडलीय आयुक्त करेंगे. बैठक में नगर निगम से नगर आयुक्त सहित 12 पदाधिकारी और संतोषा के सभी फ्लैट धारकों को बुलाया गया है. इसमें लिये गये निर्णय आधार पर निगम अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई शुरू होगी.
सात अभियंताओं की टीम ने किया संतोषा का निरीक्षण :शुक्रवार को निगम के मुख्य अभियंता अशोक कुमार की अगुआई में सात अभियंताओं की टीम ने संतोषा के अवैध निर्माण का निरीक्षण किया.
निगम की टीम दोपहर दो बजे संतोषा पहुंची थी. इस दौरान अपार्टमेंट की छत के साथ आठ फ्लोर से लेकर पूरे अवैध निर्माण का निरीक्षण किया गया. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने बताया कि संतोषा के 21 फ्लैटों में रहने वाले लगभग 90 फीसदी लोगों ने अपना घर खाली कर दिया है. वहीं, निगम से पास नक्शा में लोगों ने कोई विशेष बदलाव नहीं किया था. ऐसे में निगम को तोड़ने की कार्रवाई करने मेें परेशानी नहीं होगी.
पटना : संतोषा के अवैध हिस्से में रह रहे लगभग 90 फीसदी लोगों ने अपने समान की पैकिंग कर ली है. शनिवार तक लगभग पूरा अपार्टमेंट खाली हो जायेगा. संतोषा के लोग अपने समानों के साथ दरवाजों और खिड़कियों तक को ले जा रहेे हैं. संतोषा अपार्टमेंट के सचिव एनके अग्रवाल ने बताया कि अवैध हिस्से का आधा फ्लैट खाली हो चुका है.
बाकी लोग तेजी से इस काम को निबटा रहे हैं. शनिवार को निरीक्षण के लिए गयी निगम के अभियंताओं की टीम ने संतोषा अपार्टमेंट के लोगों को निर्देश दिया कि अपना एक- एक समान लेकर चले जाएं. निगम की टीम तोड़ने की कार्रवाई शुरू करेगी, तो कोई दलील नहीं सुनी जायेगी.
निरीक्षण को गये मुख्य अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य था कि निगम ने जो डिमोलिशन का प्लान तैयार किया है, उस आधार पर निगम कैसे निर्माण तोड़ेगा इसकी जांच की जाये.
उन्होंने बताया कि हमने शुक्रवार तक कितने लोगोें ने मकान खाली कर दिया है, इसकी रिपोर्ट तैयार की है. इसके अलावा निगम ने पूरे फ्लैटों में कितने कमरे, कितनी खिड़कियां और दरवाजे के साथ कितना बालकनी है, इसकी रिपोर्ट भी बनायी है. इसके अलावा कौन सा फ्लैट किसका है, इसे भी रिपोर्ट में शामिल किया गया है, ताकि कहीं से कोई संशय नहीं हो. उन्होंने बताया कि निगम की टीम तोड़ने के समय लोगोें के बिजली, पानी और लिफ्ट की सुविधा में कोई रुकावट नहीं करेगी.
सोमवार तक मिल जायेगा फ्लैट मालिकों को पैसा: संतोषा अपार्टमेंट के सचिव एनके अग्रवाल ने बताया कि लोगों ने फ्लैट का पैसा लेने के लिए कोर्ट में अपनी रिपोर्ट फाइल कर दी है.
वेरिफिकेशन का काम भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शनिवार या सोमवार तक कोर्ट सभी लोगों को भुगतान के लिए आरटीजीएएस कर देगा. नगर आयुक्त ने बताया कि हमे संतोषा के लोगों ने इसकी जानकारी दी है कि हाई कोर्ट में अवैध निर्माण तोड़ते समय सुरक्षा और बुनियादी सुविधा को ध्यान में रखने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि हम लोग इसका पूरा ध्यान रखेंगे.
दस दिनों में निगम को तोड़ना है अवैध निर्माण : नगर निगम
को दस दिन यानी 21 जुलाई तक अवैध निर्माण को तोड़ना है. नगर आयुक्त ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर 12 जुलाई के हस्ताक्षर हैं. इसमें आवंटियों को सात दिनों के भीतर निर्माण खाली करना और दस दिन में निगम को तोड़ने का आदेश है.
ऐसे में लोगों को 18 जुलाई तक फ्लैट खाली कर देना है और निगम को 21 जुलाई तक फ्लैट को तोड़ देना है. नगर आयुक्त ने बताया कि जैसे ही 18 जुलाई को फ्लैट खाली करेंगे, इसके बाद निगम इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में भेज देगा. इसके बाद निगम तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर देगा.
हर हाल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का होगा अनुपालन :
पटना. पटना उच्च न्यायालय ने संतोष अपार्टमेंट मामले में वहां के निवासियों को कोई राहत नहीं दी. जस्टिस रवि रंजन की अदालत ने शुक्रवार को कहा कि हर हाल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन होगा.
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