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कहीं छोटू चाय वाला, कहीं बाबा का प्रसाद बन गया गांजा

कौशिक रंजन पटना : बिहार पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद पिछले कुछ महीनों में शहर में तेजी से कई ऐसे स्थान विकसित हो गये हैं, जहां गांजे की बिक्री शुरू हो गयी है. इसकी बिक्री बेहद गोपनीय ढंग से हो रही है. इसे खरीदने के लिए कहीं छोटू चाय वाले का रेफरेंस देना पड़ता […]

कौशिक रंजन
पटना : बिहार पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद पिछले कुछ महीनों में शहर में तेजी से कई ऐसे स्थान विकसित हो गये हैं, जहां गांजे की बिक्री शुरू हो गयी है. इसकी बिक्री बेहद गोपनीय ढंग से हो रही है. इसे खरीदने के लिए कहीं छोटू चाय वाले का रेफरेंस देना पड़ता है, तो कहीं सीधे बाबा का प्रसाद मांगने पर यह मिल जाता है.
इस तरह के खास कोड का प्रयोग करने पर नशे की यह पुड़िया आसानी से मिल जाती है, जो इसका निरंतर उपयोग करते हैं, उन्हें इसकी खरीदारी का तरीका बखूबी पता है. आपसी सहमति और जानकारी के आधार पर गांजा और चरस का यह कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. पुलिस महकमे की अब तक हुई छापेमारी और कार्रवाई में यह बात सामने आयी है कि फिलहाल राज्य में चरस और गांजे की ही मुख्य रूप से डिमांड है. अन्य नशीले पदार्थों का उपयोग यहां बहुत ज्यादा नहीं किया जाता है.
पुलिस जुटा रही सूचना : इस तरह के अवैध धंधे की भनक पुलिस महकमे को भी लगी है. पुलिस ऐसे स्थानों को चिह्नित कर उन पर कार्रवाई करने के लिए सूचना एकत्र करने में लगी हुई है. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) भी इसके लिए खासतौर से जासूसी करने में जुटा हुआ है. पिछले कुछ महीनों में इओयू ने गांजे और चरस की कई बड़ी खेप पकड़ी भी गयी है, परंतु अब इओयू स्थानीय स्तर पर इस तरह के होने वाले धंधेबाजों पर भी नजर रख रही है, ताकि इस कारोबार में लगे पूरे गैंग को दबोचा जा सके.
ये जगह हैं रडार पर
बोरिंग रोड : शहर के बोरिंग रोड इलाके में एक खास स्थान पर पान की दो दुकानों के बीच एक नाई या इसी तरह का काम करने वाला एक व्यक्ति बैठता है. वह जो काम करता है, उसे देख कर तो कोई यह नहीं कह सकता कि वह गांजा भी बेचता होगा.
सूत्रों की मानें तो बेचने वाला सभी लोगों या आमतौर पर लोगों से इस मामले में कोई बात भी नहीं करता है, परंतु उससे यह कहने पर कि ‘छोटू चाय वाले ने भेजा है’ तब वह झट से एक पुड़िया निकाल कर थमा देता है. उसके पास दो तरह की पुड़िया रहती है, 50 रुपये वाली छोटी और 100 रुपये वाली बड़ी. जिसकी जैसी जरूरत, उसे वैसी चीज मुहैया करायी जाती है.
हड़ताली मोड़ : इसी तरह हड़ताली मोड़ के पास मौजूद एक पान दुकान में यह कहने पर कि ‘बाबा का प्रसाद’ चाहिए. इसी तरह की पुड़िया मिल जायेगी. स्टेशन के पास मौजूद भोजन की कई दुकानों में भी आसानी से नशे की यह पुड़िया मिलती है. यहां तो कुछ स्थानों पर चरस या स्मैक भी मिलता है.
कंकड़बाग टेंपो स्टैंड : कंकड़बाग टेंपो स्टैंड समेत बाइपास में भी कई इलाकों में यह नशा आसानी से मिलने लगा है. महेंद्रु और पटना सिटी के इलाके में यह काफी पहले से बिक रहा है. इस तरह शहर के कई स्थानों में नशे की पुड़िया का नेटवर्क फैलता जा रहा है. सूत्रों की मानें तो कहीं-कहीं पुलिस की भी मिली भगत होती है.
कहते हैं अधिकारी : इस तरह के धंधेबाजों पर हमेशा पुलिस की नजर है. ऐसे धंधेबाजों को पकड़वाने पर पुलिस की तरफ से इन्हें इनाम भी दिया जायेगा. कई स्तर पर गुप्त सूचना प्राप्त हुई है, जिन पर कार्रवाई की जा रही है.
– जितेंद्र सिंह गंगवार, आइजी, इओयू

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