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प्रारंभिक स्कूलों के लिए फिर टीइटी
अवसर. दिसंबर या जनवरी में हो सकेगी परीक्षा शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी आने की संभावना है. हाइस्कूल व प्लस टू स्कूलों के साथ ही प्रारंभिक स्कूलों के लिए भी टीइटी लेने की तैयारी शुरू हो गयी है. पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों (प्राइमरी व मिडिल) में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए फिर से […]
अवसर. दिसंबर या जनवरी में हो सकेगी परीक्षा
शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी आने की संभावना है. हाइस्कूल व प्लस टू स्कूलों के साथ ही प्रारंभिक स्कूलों के लिए भी टीइटी लेने की तैयारी शुरू हो गयी है.
पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों (प्राइमरी व मिडिल) में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए फिर से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीचर इलिजिब्लिटी टेस्ट-टीइटी) होगी. शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. सभी जिलों से नियोजन इकाईवार शिक्षकों की रिक्तियां मंगायी गयी हैं. शिक्षकों के कितने स्वीकृत पद हैं, कितने पर काम कर रहे हैं व कितने खाली हैं, इसकी विस्तृत जानकारी मांगी गयी है. विभाग को शनिवार तक सभी जिलों से रिक्तियां आ जाने की उम्मीद है. इसके बाद विभाग आगे की प्रक्रिया करेगा. 2011 में प्राइमरी, मीडिल अौर हाइ-प्लस टू के लिए अलग-अलग टीइटी हुए थे.
इनमें कुल 33 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिनमें से करीब 2.76 लाख अभ्यर्थी सफल हुए थे. सबसे ज्यादा प्राइमरी स्कूल (क्लास एक से पांच) के लिए 1.21 लाख अभ्यर्थी सफल हुए थे. वहीं, मिडिल स्कूलों (क्लास छह से आठ) के लिए हुए टीइटी में करीब 65 हजार, हाइस्कूल के लिए हुए एसटीइटी में करीब 69 हजार व प्लस टू स्कूल के लिए करीब 21 हजार अभ्यर्थी सफल हुए थे. 2011 के टीइटी के बाद 2012 से नयी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी, जिसमें प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में बहाली हो चुकी है, लेकिन हाइ व प्लस टू स्कूलों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. 2011 में हुए टीइटी-एसटीइटी में सोशल साइंस के ज्यादा अभ्यर्थी पास हुए थे. नियुक्ति प्रक्रिया में उनके अधिकतर पद भर गये.
वैसे नियोजन इकाई में इनके पद खाली रह गये, जहां उस कोटि में अभ्यर्थी नहीं मिले. साथ ही टीइटी पास कई अभ्यर्थी ऐसे भी हैं, जो प्राइमरी, मीडिल और हाइ-प्लस टू स्कूल के टीइटी में क्वालिफाइ कर गये और वे एक ही जगह बहाल हो सके. ऐसे दो जगहों पर उनके पद खाली रह गये.
2011 में हुए टीइटी में शामिल हुए 33 लाख अभ्यर्थी, पास हुए 2.76 लाख
हाइकोर्ट के निर्देश के बाद िवभाग ने शुरू की तैयारी
शिक्षा विभाग प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के लिए टीइटी लेने की तैयारी हाइकोर्ट के निर्देश के बाद कर रहा है. एक मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने शिक्षा विभाग से पूछा था कि उन्हें हर साल टीइटी लेने में क्या परेशानी है? इस पर विभाग को 19 जुलाई को जवाब देने का निर्देश दिया है. साथ ही राज्य में प्रारंभिक स्कूलों (प्राइमरी व मिडिल) में शिक्षकों के कितने पद खाली हैं और 2011 में हुए टीइटी पास कितने अभ्यर्थियों को अब तक नौकरी नहीं लग सकी है, इसका आंकड़ा भी मांगा है. इसी के बाद शिक्षा विभाग जिलों से शिक्षकों का आंकड़ा मांग रहा है. सभी आंकड़े आने के बाद शिक्षा विभाग प्रारंभिक स्कूलों के लिए टीइटी के आयोजन की जिम्मेदारी एससीइआरटी को देगा.
हर साल होनी थी टीइटी
2011 में जब पहली बार टीइटी हुआ था, तो निर्णय था कि हर साल यह लिया जाये. उसी आधार पर बहाली शुरू हुई, पर यह बहाली प्रक्रिया अब तक खत्म नहीं हो सकी है. 2011 में टीइटी पास अभ्यर्थियों की ही बहाली की जा रही है. 2011 में टीइटी पास अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की मान्यता सात साल तक रखी गयी थी. बीच-बीच में शिक्षा विभाग की ओर से तर्क दिया गया कि टीइटी पास अभ्यर्थी बचे हुए हैं और जब सर्टिफिकेट की मान्यता सात सालों की है, तो अगले टीइटी की क्या आवश्यकता?
प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए लगेंगे कैंप
प्रारंभिक स्कूलों के करीब 58 हजार खाली पदों को भरने के लिए िफर कैंप लगेंगे. इसका प्रस्ताव इसी महीने कैबिनेट के पास भेजा जायेगा. कैबिनेट की मंजूरी के बाद नवंबर-दिसंबर में कैंप लगाये जायेंगे.
58 हजार खाली पदों में करीब 50 हजार सामान्य शिक्षकों के और करीब आठ हजार उर्दू शिक्षकों के हैं. इसके अलावा हाइ व प्लस टू स्कूलों में जारी नियुक्ति प्रक्रिया सिंतबर में पूरी हो जायेगी. प्रारंभिक से लेकर हाइ व प्लस टू तक के लिए शिक्षा विभाग एक साथ कैंप लगाने की तैयारी कर रहा है, ताकि ज्यादा-से-ज्यादा पदों को भरा जा सके. विभाग इसका शिड्यूल तैयार करने में लग गया है. इसमें प्रारंभिक स्कूलों में 2012 से चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में आवेदन देनेवाले अभ्यर्थी शामिल हो सकेंगे, वहीं हाइ व प्लस टू स्कूलों के लिए वर्तमान में चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होनेवाले अभ्यर्थी भाग ले सकेंगे.
मालूम हो कि 2012 से शुरू हुई बहाली प्रक्रिया में 1.53 लाख पदों पर नियुक्ति होनी थी. इनमें से 95 हजार पद भरे जा चुके हैं और करीब 58 हजार पद खाली हैं.
अभी कहां पदस्थापित हैं मुंगेर के पूर्व डीडीसी
रिजल्ट घोटाला : एसआइटी ने विभाग से पूछा
पटना : मुंगेर के पूर्व डीडीसी नरेंद्र कुमार के संबंध में एसआइटी ने सामान्य प्रशासन विभाग से पूछा है कि अभी वे कहां पदस्थापित है. उनके पदस्थापन स्थान की जानकारी मिलने के बाद उन्हें नोटिस भेजा जायेगा और फिर एसआइटी की टीम डीडीसी से पूछताछ करेगी.
वर्ष 2014 में जब वह डीडीसी थे, तो मुंगेर के ही नियोजित शिक्षक अनिल कुमार को बिहार बोर्ड में प्रतिनियुक्त किया गया था जिसके बाद वह बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के पीए बने.
प्रतिनियुक्ति के लिए डीडीसी स्तर पर एनओसी दिया जाता है. अब एसअाइटी उनसे यह जानना चाहती है कि यह नियमानुकुल गलत होने के बाद भी अनिल कुमार को उन्होंने किस परिस्थिति में प्रतिनियुक्त करने के लिए एनओसी दी. बिहार बोर्ड के अधिकारियों ने भी इस प्रतिनियुक्ति को गलत बताया है.
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि अनिल कुमार की प्रतिनियुक्ति नियमानुसार गलत थी. इस मामले में एसआइटी डीडीसी से पूछताछ करेगी कि उन्होंने किस परिस्थिति में एनओसी दी थी.
महाराष्ट्र, यूपी, मध्यप्रदेश, दिल्ली व बिहार में हो रही छापेमारी
अभी तीन टॉपरर्स, उनके परिजन व पूर्व बिहार बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर का दामाद विवेक फरार है. उन सभी को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीमें महाराष्ट्र, यूपी, मध्यप्रदेश, दिल्ली व बिहार में कई संभावित ठिकानो पर छापेमारी कर रही हैं. पुलिस को जानकारी मिली है कि विवेक ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में आवेदन भी दिया है.
इधर कोर्ट बंद होने के कारण विकास चंद्रा काे पुलिस रिमांड पर लेने की आवश्यक कार्रवाई नहीं हो पायी है. विकास चंद्रा पूर्व बिहार बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद का निजी सहायक था और अभी जेल में है. यह लालकेश्वर प्रसाद के कई गलत कामों का गवाह भी रहा है और परीक्षा, रिजल्ट, संबद्धता से संबधित कामों के लिए मध्यस्थता की भूमिका निभाता था. वह लालकेश्वर प्रसाद से मिलने का लोगों को टाइम भी देता था. इसलिए विकास चंद्रा को रिमांड पर लिया जाना एसआइटी के लिए भी आवश्यक है. यह कई और राज को खोल सकता है.
पूर्व सचिव के खिलाफ मिले कई सबूत
पूर्व सचिव श्रीनिवास चंद्र तिवारी के खिलाफ एसआइटी को स्कूलों की संबद्धता से संबंधित और भी सबूत हाथ लगे हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि संबद्धता देने में गड़बड़ी की गयी है. श्री तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. उनकी संलिप्तता संबद्धता देने में सामने आयी थी.
लालकेश्वर को पकड़नेवाली एसआइटी टीम पुरस्कृत
पूर्व बिहार बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद िसंह को पकड़ने वाली छह सदस्यीय एसआइटी टीम को एसएसपी मनु महाराज ने शुक्रवार को पुरस्कृत किया. इस टीम ने लालकेश्वर व उनकी पत्नी उषा सिन्हा को वाराणसी में उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब वे एक आश्रम में छिपने जा रहे थे. हालांिक, उनका रिश्तेदार िवकास फरार हो गया.
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