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किस डीडीसी ने अनिल को दिया एनओसी, हो रही खोजबीन
पटना : बिहार बोर्ड घोटाला मामले में एसआइटी की जांच वैशाली, मुजफ्फरपुर, नालंदा, समस्तीपुर के बाद अब मुंगेर पहुंची है. एसआइटी ने मुंगेर के जिला प्रशासन को पत्र भेजा है. पत्र में उस डीडीसी का नाम पूछा गया है, जो वर्ष 2014 में तैनात थे और जिन्होंने अनिल कुमार को एनओसी दी गयी थी. इसके […]
पटना : बिहार बोर्ड घोटाला मामले में एसआइटी की जांच वैशाली, मुजफ्फरपुर, नालंदा, समस्तीपुर के बाद अब मुंगेर पहुंची है. एसआइटी ने मुंगेर के जिला प्रशासन को पत्र भेजा है. पत्र में उस डीडीसी का नाम पूछा गया है, जो वर्ष 2014 में तैनात थे और जिन्होंने अनिल कुमार को एनओसी दी गयी थी.
इसके बाद अनिल कुमार बिहार बोर्ड में प्रतिनियुक्त हुए थे और लालकेश्वर प्रसाद ने उसे अपना पीए बनाया था. एसआइटी ने तत्कालीन डीडीसी को शक के दायरे में लिया है. अब मुंगेर से जवाब आने के बाद उनसे पूछताछ की जायेगी.
फरार चल रहे तीन टॉपर्स, उनके परिजनों की तलाश में एसआइटी की छापेमारी जारी है. गुरुवार को भी कई ठिकानों पर दबिश हुई है. लेकिन, किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. यहां बता दें कि एसआइटी की एक टीम बिहार के बाहर छापेमारी कर रही है. लेकिन, अब तक कोई सुराग नहीं लगा है. एसआइटी को बिहार बोर्ड घोटाले से जुड़े कुछ नये दस्तावेज हाथ लगे हैं.
इस कड़ी में विकास चंद्रा से कुछ और पूछताछ की जानी है. उम्मीद है कि कुछ और राज खुलेंगे. कुछ नये चेहरे भी उजागर हो सकते हैं. इसलिए एसआइटी ने विकास चंद्रा को रिमांड पर लेने की तैयारी की है. अगर एसआइटी का यह तीर निशाने पर लगा, तो वे घोटालेबाज भी जाल में फसेंगे, जो अब तक सामने नहीं आ सके हैं. फिलहाल एसआइटी की छानबीन जारी है.
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