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नदियों की धारा मापने को नहीं है कोई मशीन!

पटना : सूबे में बाढ़-आपदा की स्थिति है, किंतु जल संसाधन विभाग के पास नदियों का जल प्रवाह रोकने के लिए कोई मापक मशीन नहीं है! इसका खुलासा सोमवार को जल संसाधन विभाग की समग्र योजना, अन्वेषन एवं प्रोजेक्ट प्री प्रेशन के अभियंताओं की समीक्षा बैठक में हुआ. बाढ़ की आशंका को देखते हुए समग्र […]

पटना : सूबे में बाढ़-आपदा की स्थिति है, किंतु जल संसाधन विभाग के पास नदियों का जल प्रवाह रोकने के लिए कोई मापक मशीन नहीं है! इसका खुलासा सोमवार को जल संसाधन विभाग की समग्र योजना, अन्वेषन एवं प्रोजेक्ट प्री प्रेशन के अभियंताओं की समीक्षा बैठक में हुआ. बाढ़ की आशंका को देखते हुए समग्र योजना, अन्वेषन एवं प्रोजेक्ट प्रीप्रेशन यूनिट ने विभाग को तत्काल कम-से-कम 10 नदियों पर ‘डिसचार्ज-स्टेशन’ गठित करने और जल प्रवाह मापक मशीनें लगाने का प्रस्ताव दिया है.
जल संसाधन विभाग ने छोटी-बड़ी नदियों पर जल स्तर मापने के लिए 85 गेज स्टेशन बनाये हैं. गेज स्टेशनों पर हर दिन नदियों का जल स्तर की मापी का काम युद्ध स्तर पर हो रहा है, किंतु किन नदियों का जल-प्रवाह कम या अधिक हो रहा, इसकी मापी के लिए न कहीं ‘डिसचार्ज-स्टेशन’ हैं और न कहीं जल प्रवाह मापक मशीनें लगी हैं.
‘डिसचार्ज-स्टेशन’ गठित होने और नदियों पर जल प्रवाह मापक मशीनें लगाने से केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष का बाढ़-कटाव सूचना तंत्र अधिक मजबूत होगा. जल प्रवाह की स्थिति की जानकारी न मिलने का खामियाजा बुधवार को पूर्णिया के बनमंखी में लोगों को झेलना पड़ा. फिलहाल केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष 85 गेज स्टेशनों से विभिन्न नदियों के जल स्तर में वृद्धि की सूचना के आधार पर ही जल प्रवाह का अनुमान लगा रहा है.
नदियों की मैथिमेटिकल माॅडलिंग व सर्वे होगा : जल संसाधन विभाग ने सूबे की सभी नदियों की मैथिमेटिकल मॉडलिंग और सर्वे कराने का निर्णय लिया है. नदियों की मैथिमेटिकल मॉडलिंग व सर्वे कराने का जिम्मा जल संसाधन विभाग ने बाढ़ प्रबंधन सुरक्षा सहायता केंद्र को दिया है.
इसमें बाढ़ प्रबंधन सुरक्षा सहायता केंद्र सभी नदियों की चौड़ाई व गहराई की जानकारी केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष और आम लोगों को मुहैया करायेगा. मैथिमेटिकल मॉडलिंग और सर्वे के बाद बाढ़ प्रबंधन सुरक्षा सहायता केंद्र सभी नदियों का फिजिकल सर्वे का भी काम करेगा. फिलहाल खगौल में नदियों के फिजिकल सर्वे का काम हो रहा है, किंतु वह पर्याप्त नहीं है.

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