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पंचायतों को राजस्व उगाही करने का मिलेगा टास्क
कवायद. प्रशिक्षण में दी जायेगी आमदनी बढ़ाने और खर्च के तरीकों की जानकारी इस बार पंचायती राज विभाग द्वारा राज्य के दो लाख 58 हजार 908 जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. पटना : राज्य में पंचायतों का चुनाव संपन्न हो गया, अब सरकार निर्वाचित ग्राम सभाओं को अपनी आमदनी बढ़ाने तथा वित्त आयोग से मिले […]
कवायद. प्रशिक्षण में दी जायेगी आमदनी बढ़ाने और खर्च के तरीकों की जानकारी
इस बार पंचायती राज विभाग द्वारा राज्य के दो लाख 58 हजार 908 जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा.
पटना : राज्य में पंचायतों का चुनाव संपन्न हो गया, अब सरकार निर्वाचित ग्राम सभाओं को अपनी आमदनी बढ़ाने तथा वित्त आयोग से मिले पैसे को खर्च करने के तरीकों की जानकारी देगी. इसके लिए त्रिस्तरीय पंचायती राज के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण की तैयारी शुरू कर दी गयी है.
शुक्रवार को राज्यस्तरीय मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण बिपार्ड में समाप्त हो गया. जुलाई के पहले सप्ताह से जिला स्तरीय प्रशिक्षण आरंभ हो जायेगा.
मास्टर ट्रेनर जिलों में ट्रेनिंग देंगे. जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का एक दिन का प्रशिक्षण दिया गया जबकि प्रखंड स्तर पर जन प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के लिए तीन दिवसीय कोर्स विकसित किया गया है. इस बार पंचायती राज विभाग द्वारा राज्य के दो लाख 58 हजार 908 जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा.
प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य से संबंधित राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, रोगी कल्याण समिति, जननी बाल सुरक्षा योजना, नियमित टीकाकरण, शिक्षा विभाग से संबंधित सर्वशिक्षा अभियान, महिला समाख्या योजना, मुख्यमंत्री साइकिल योजना, मुख्यमंत्री पोशाक योजना, मुख्यमंत्री मेधा पुरस्कार योजना, जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास योजना, मुसहर-भुइयां जाति के बच्चों को छात्रवृत्ति, इंदिरा आवास, मनरेगा, जन वितरण प्रणाली के साथ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, राष्ट्रीय नि:शक्तता पेंशन योजना, लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, बिहार राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, कबीर अंत्येष्टि योजना जैसी योजनाओं से अवगत कराया जायेगा.
प्रशिक्षण के दौरान नवनिर्वाचित जन प्रतिनिधयों को दी जायेगी जानकारी
पंचायतों को ऑिडट करना होगा अिनवार्य
नव नवनिर्वाचित जन प्रतिनिधियों को दिये जानेवाले प्रशिक्षण में सर्वाधिक जोर वित्तीय प्रबंधन को लेकर दिया जायेगा. 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर पंचायतों को दो प्रकार की राशि मिल रही है.
पहला है कार्य अनुदान जो कुल राशि का 90 फीसदी है और दूसरा है कार्य निष्पादन अनुदान जो 10 फीसदी होगा. वित्त आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि ग्राम पंचायतों को अपने राजस्व में बढ़ोत्तरी करनी होगी.
इसी तरह से राज्य वित्त आयोग से प्राप्त राशि का कैसे उपयोग करना है. इसकी जानकारी दी जायेगी. हर पंचायत को अपना अंकेक्षण कराना होगा. ऐसे में पंचायतों को बजट बनाने की जानकारी दी जायेगी. उन्हें बताया जायेगा कि पिछले वित्तीय वर्ष की अंकेक्षण पर कोई टिप्पणी की गयी है तो उसपर विचार कर समाधान कैसे निकाला जाये.
कचहरी 29 तरह के मामलों की करेगी सुनवाई
प्रशिक्षण के दौरान ग्राम कचहरी के सदस्यों को कानून की जानकारी दी जायेगी. उनको यह बताया जायेगा कि जो भी विवाद उनके समक्ष लाये जायें उनको सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान किया जाये.
अगर सौहार्दपूर्ण समाधान नहीं होता है तो मामले की जांच किस तरह से की जाये और उसके लिए साक्ष्य कहां से जुटाये जायें. भारतीय दंड संहिता की 29 प्रकार के मामलों की सुनवाई का अधिकार दिया गया है. उन अधिकारों का प्रयोग किस तरह से किया जाना है. सरपंच को यह बताया जायेगा कि शांति भंग होने या उसमें विघ्न पड़नेवाला है तो वह उसकी रोकथाम के लिए लिखित आदेश देकर उसका संबंधित व्यक्ति को तामील करायेगा.
कब्जा वाली संपत्ति के बारे में भी कार्रवाई करने का निर्देश देगा. उसके द्वारा पारित किया गया आदेश तीन दिनों तक लागू होगा. ग्राम कचहरी की न्यायपीठ 10 हजार तक के मामले की सुनवाई कर सकती है. पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत का कहना है कि प्रतिनिधियों का जितना शीघ्र हो सके प्रशिक्षण आरंभ करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके पहले चरण का कार्य पूरा हो गया है. अब जिला स्तर पर प्रशिक्षण कराया जायेगा.
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