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योजना बनीं, टेंडर हुआ, लेकिन जमीन नहीं

समस्या. बिहार में एनएचडीपी फेज-तीन का काम अटका, फोर लेन बनाने के लिए कांट्रैक्टरों का हुआ चयन फोर लेन बनाने के काम का शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी ने आरा की सभा में किये थे. दस माह बीत गये इसके बावजूद फोर लेन बनाने का काम गति नहीं पकड़सकी है. पटना : राज्य में फोर लेन […]

समस्या. बिहार में एनएचडीपी फेज-तीन का काम अटका, फोर लेन बनाने के लिए कांट्रैक्टरों का हुआ चयन
फोर लेन बनाने के काम का शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी ने आरा की सभा में किये थे. दस माह बीत गये इसके बावजूद फोर लेन बनाने का काम गति नहीं पकड़सकी है.
पटना : राज्य में फोर लेन के निर्माण की गति काफी सुस्त है. फोर लेन बनाने के लिए कांट्रैक्टर को काम मिलने के बावजूद निर्माण काम में तेजी नहीं आ रही है. देश के अन्य राज्यों में राष्ट्रीय उच्च पथ विकास परियोजना के तहत फेज- पांच व छह के काम हो रहे हैं. वहीं बिहार में एनएचडीपी फेज-तीन का काम भी अटका पड़ा है. पिछले साल सितंबर माह में पटना-बक्सर फोर लेन के निर्माण की सुगबुगाहट शुरू हुई थी. फोर लेन बनाने के काम का शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी आरा की सभा में किये थे. दस माह बीत गये इसके बावजूद फोर लेन बनाने का काम गति नहीं पकड़ सका है.
फोर लेन बनाने के लिए कांट्रैक्टर का चयन हुआ, लेकिन जमीन नहीं मिलने के कारण कांट्रैक्टर निर्माण काम शुरू नहीं कर सका है. यही स्थिति बख्तियारपुर- खगड़िया फोर लेन की है. बख्तियारपुर-खगड़िया फोर लेन बनाने के लिए चौथी बार टेंडर निकाल कर कांट्रैक्टर का चयन हुआ है. कांट्रैक्टर कैंप लगा कर काम करने को तैयार है, लेकिन जमीन के अभाव में काम शुरू नहीं हो सका है. पटना-डोभी फोर लेन के निर्माण में कुछ काम शुरू हुआ. बाद में जमीन मुआवजा की मांग को लेकर बीच में काम छोड़ना पड़ा. जहानाबाद में जमीन समस्या को लेकर काम जस का तस पड़ा है.
एनएचएआइ को करना है जमीन का इंतजाम : फोर लेन निर्माण के लिए जमीन का इंतजाम एनएचएआइ को करना है. जमीन के लिए एनएचएआइ द्वारा किसान को मुआवजा राशि भुगतान होता है.
एनएचएआइ ने कई जिले में राशि का भुगतान कर दिया है. एनएचएआइ के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि फोर लेन बनाने के लिए जमीन का मुआवजा राशि किसान द्वारा लेने के बावजूद विरोध किया जा रहा है. किसान अब चार गुना मुआवजा की मांग कर रहे हैं. सूत्र ने बताया कि जमीन के लिए जहां 50 फीसदी से कम मुआवजा राशि का भुगतान हुआ है, वहां किसान को वर्ष 2014 के पहले के सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा राशि देने का प्रावधान है.
अगस्त में चालू होगा बीरपुर उदाकिशुनगंज स्टेट हाइवे
राज्य में स्टेट हाइवे को टू लेन बनाने का काम तेजी से चल रहा है. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने सड़क निर्माण में लगे ठेकेदारों को निर्धारित समय में सड़क निर्माण करने का निर्देश दिया है.
अगस्त महीने में वीरपुर-उदाकिशुनगंज के बीच 102 किलोमीटर सड़क को टू लेन बनाने का काम पूरा कर लिया जायेगा. इसके निर्माण पर 593 करोड़ खर्च हो रहे हैं. राज्य में 574 किलोमीटर स्टेट हाइवे टू लेन का बन रहा है. सात मीटर चौड़ा बनने से आवागमन की सुविधा होगी. राज्य के अन्य सात स्टेट हाइवे के टू लेन के निर्माण पर 3818 करोड़ खर्च हो रहा है. एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से सड़कों का निर्माण हो रहा है.
बिहार राज्य पथ विकास निगम की देखरेख में बन रहे सड़क पर ध्यान दिया जा रहा है. एडीबी के सहयोग से बिहटा-सरमेरा, सक्कडी-नासरीगंज, मोहम्मदपुर-छपरा, बीरपुर-उदाकिशुनगंज, रून्नी सैदपुर-भीसवा व वरूणा पुल-रसियारी स्टेट हाइवे का निर्माण हो रहा है. सोमवार को सिवान-सिसवन स्टेट हाइवे का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री द्वारा किया गया. राज्य में हो स्टेट हाइवे के निर्माण की लगातार समीक्षा हाे रही है. बिहार राज्य पथ विकास निगम द्वारा सड़क निर्माण का देखरेख हो रहा है.
निगम के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि स्टेट हाइवे को टू लेन बनाने का काम समय पर पूरा हो जाये इसके लिए काम की प्रगति की लगातार समीक्षा हो रही है. स्टेट हाइवे संख्या 91 बीरपुर-उदाकिशुनगंज का अगस्त तक काम कंपलीट हो जायेगा. बीरपुर-उदाकिशुनगंज के बीच लगभग 102 किलोमीटर स्टेट हाइवे का निर्माण गैमन इंडिया लिमिटेड कर रही है. टू लेन बननेवाली सड़क पर 593 करोड़ खर्च हो रहे हैं. सड़क निर्माण के दौरान पूरे स्ट्रेच में लगभग 200 पुल-पुलिया बनाये जा रहे हैं.
इसमें पुलिया की संख्या अधिक है. बीरपुर से बलुआ बाजार, छातापुर, जदिया, कोरियापट्टी, कुमारखंड, मुरलीगंज होते हुए उदाकिशुनगंज तक सड़क बन रही है. नये सड़क की कनेक्टिवटी एनएच 106 व 107 के साथ होने से सुविधा बढ़ेगी.
एसएच 87 रून्नी सैदपुर – भीसवा
रून्नी सैदपुर-भिसवा के बीच लगभग 68 किलोमीटर सड़क का निर्माण बीएससी व सीएंडसी कंपनी कर रही है. सड़क निर्माण पर लगभग 443 करोड़ खर्च हो रहे हैं. सड़क का निर्माण फरवरी 2017 तक निर्धारित है. स्टेट हाइवे 78 बिहटा-सरमेरा, 81 सक्कडी-नासरीगंज, 90 मोहम्मदपुर-छपरा का निर्माण 2017 तक पूरा होने की संभावना है. स्टेट हाइवे-88 बरूणा ब्रीज-रसियारी 120 किलोमीटर सड़क का निर्माण जनवरी 2018 में कंपलीट होने की उम्मीद है.कांट्रैैक्टर फोर लेन बनाने के लिए सर्वे किया, पर जमीन नहीं िमलने पर काम आगे न बढ़ा
पटना-बक्सर फोर लेन
पटना-बक्सर फोर लेन फोर लेन बनाने के लिए 557 हेक्टेयर जमीन का आवश्यकता है. तीन पार्ट में बनने वाले फोर लेन 125 किलोमीटर में पटना से कोइलवर तक 165 हेक्टेयर, कोइलवर से भोजपुर तक 199 हेक्टेयर व भोजपुर से बक्सर तक 193 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. जबकि अलग-अलग पार्ट में मात्र 12 से 20 फीसदी जमीन मिली है.
पटना से कोइलवर पहले पार्ट के निर्माण के लिए हैदराबाद की कंपनी मधुकॉन व कोइलवर से भोजपुर व भोजपुर से बक्सर दूसरे व तीसरे पार्ट में संयुक्त रूप से दो कंपनी पीएनसी व एस.पी.सिंघला को काम मिला है. फोर लेन के निर्माण में 1900 करोड़ खर्च अनुमानित है. ईपीसी मोड में बननेवाले फोर लेन का काम ढाई साल में पूरा करना है. इसके बाद कंपनी को चार साल तक सड़क का मेंटेनेंस करना है. पिछले साल सितंबर में टेंडर फाइनल हुआ था. अब तक काम शुरू नहीं हुआ है. आखिर ढाई साल में कैसे फोर लेन बनाने का काम पूरा होगा.
जमीन नहीं मिलने के कारण ही फोर लेन बनाने के लिए वर्ष 2012 में चयनित एजेंसी गैमन इंडिया ने तीन साल बाद काम करने से अपने हाथ खींचा था.
पांचों का बिजली बिल सरकारी खजाने से जाता है. यह सरकारी पैसे का लूट है. नौ साल तक वो एक अणे मार्ग रहे अब कौन सी स्थिति हो गयी कि इतने मकान की जरूरत पड़ गयी, सीएम की यह कैसी नैतिकता है कि वो पूर्व मुख्यमंत्री की सुविधा ले रहे हैं.
भाजपाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि 7 सर्कुलर रोड पर 10 करोड़ खर्च किया गया. नीतीश कुमार को लगता है कि वो अधिक दिनों तक मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे इसलिए यह सब कर रहे हैं.
सीएम से हटने के बाद मुख्यमंत्री तीन माह तक जिस 2 एम स्ट्रैंड रोड में रहे वह जदयू का वार रुम बना.भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री अगर चाहें तो पटना में किसी भी भाजपा कार्यकर्ता के मकान में मुफ्त में रह सकते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के आवास में एक पंखा तक नहीं है और सीएम सरकारी राशि का दुरुपयोग कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने अपनी सुविधा के लिए यह कानून बनाया कि पूर्व सीएम के आवास के रख-रखाव पर खर्च की कोई सीमा नहीं होगी.
लालू प्रसाद के भी हैं पटना में मकान फिर भी सीएम की नहीं जा रही नजर
मंगल पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि सुशील मोदी का पटना में मकान है. जबकि, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद का भी तो समनपुरा, फुलवारीशरीफ, चितकोहरा, शेखपुरा में मकान है. सरकार के भी कई मंत्री ललन सिंह, आलोक मेहता , अवधेश सिंह, मुनेश्वर चौधरी , मदन मोहन झा का मकान है. इसके बाद भी वह सरकारी आवास में रह रहे हैं. पांडेय ने कहा कि जदयू कार्यालय को फ्लैट संख्या 145 से 152, 154, 156 और 159 से 162 तक आवंटित हैं.
बख्तियारपुर-खगड़िया फोर लेन का निर्माण होना है दो पार्ट में
ईपीसी मोड़ में बननेवाले बख्तियारपुर-खगड़िया के बीच फोर लेन का निर्माण दो पार्ट में होना है. पहले पार्ट में बख्तियापुर से औटा व दूसरे पार्ट में सिमरिया से खगड़िया के बीच फोर लेन बनेगा.फोर लेन बनाने के लिए कांट्रैक्टर का चयन मार्च 2016 में किया गया.
कांट्रैक्टर द्वारा फोर लेन बनाने के लिए कैंप लगा कर सर्वे शुरू किया गया है. लेकिन जमीन नहीं मिलने के कारण काम आगे नहीं बढ़ा है. फोर लेन निर्माण में बख्तियारपुर-मोकामा के बीच जमीन को लेकर अधिक समस्या है. बख्तियारपुर-मोकामा के बीच पूरी तरह ग्रीनफील्ड एलायनमेंट है. नये बायपास का निर्माण होना है. नये बायपास के निर्माण के लिए 234 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है.
जमीन नहीं मिलने के कारण वर्ष 2014 व 2015 में चार बार टेंडर रद्द करना पड़ा था. बख्तियारपुर- मोकामा के बीच फोर लेन बनाने का काम बीएससीएल व सिमरिया से खगड़िया के बीच पूंज लॉयड कंपनी काे करना है. बख्तियारपुर -खगड़िया के बीच 105 किलोमीटर फोर लेन के निर्माण पर लगभग 1400 करोड़ खर्च होंगे.
पटना-डोभी फोर लेन
पटना-डोभी फोर लेन का निर्माण जायका के सहयोग से होना है. 127 किलोमीटर फोर लेन बनाने का काम हैदराबाद की कंपनी आइएलएंड एफएस को मिला है. कंपनी के साथ दिसंबर 2014 में काम का एग्रीमेंट हुआ. फोर लेन निर्माण पर लगभग 2000 करोड़ खर्च होंगे.
कंपनी द्वारा डोभी साइड में काम शुरू हुआ था. बाद में गया वायपास के समीप जमीन मुआवजा को लेकर लोगों ने काम बाधित कर दिया. इसके बाद जहानाबाद में जमीन समस्या को लेकर फोर लेन बनाने के काम में बाधा आयी है. पटना-डोभी फोर लेन बनाने के लिए 708 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. इसमें मात्र 20 से 25 फीसदी जमीन का पेमेंट हुआ है. राज्य के तीनों महत्वपूर्ण फोर लेन एनएचडीपी फेज-तीन से बन रहे हैं. पिछले पांच साल से सड़क निर्माण का काम किसी न किसी तरह बाधित है.
योग को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए : रविशंकर
पटना : विश्व योग दिवस के मौके पर राजधानी में मुख्य आकर्षण का केंद्र बने गांधी मैदान में मंगलवार की सुबह केंद्रीय दूर संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने योग किया. बाबा रामदेव के पजंतलि याेग समिति की ओर से आयोजित समारोह में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि योग को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए.
योग राजनीति और सत्ता या विपक्ष से ऊपर है. इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. रविशंकर प्रसाद के साथ विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ. प्रेम कुमार, विधायक नितिन नवीन, अरुण सिन्हा और संजीव चौरसिया आदि नेताओं ने भी योग के कई आसन किये. गांधी मैदान में यहकार्यक्रम हुआ.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव समेत अन्य नेताओं के लिए भी कुर्सियां लगी थी. लेकिन , इनमें से कोई भी नेता नहीं आये. योग करने आये केंद्रीय आइटी और संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम राजनीति करते हैं तो चुनाव लड़ेंगे, चुनाव में हारेंगे और जीतेंगे. योग तो मानव को जाेड़ने की सेतु है. यह पूरे देश को जोड़ता है.
दुनिया में योग जायेगा तो दुनिया के लोग भारत की ओर देखेंगे. इससे वे यहां की ऋषि- मनिषियों को जानेंगे. योग दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी को लाखों लोगों के साथ योग करते देखेंगे तो इससे देश का सम्मान बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि पतंजली ने योग को आंदोलन का रूप दिया. योग का मतलब सुखी जीवन होता है. योग शांति और बेहतर स्वास्थ्य देता है. प्रसाद ने कहा कि योग से दुनिया में क्रांति हो रही है.
यूनाइटेड नेशन के इतिहास का यह पहला प्रस्ताव है जहां नेरंद्र मोदी के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को जबर्दस्त समर्थन मिला. आज चीन, कोरिया, दुबई, गल्फ के देश, क्यूबा, न्यूयॉर्क, रूस, मैक्सिको समेत 177 देशों में योग दिवस मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि योग लोगों को जोड़ता है यह कभी तोड़ता नहीं. योग भारत का संस्कार और परंपरा है.
इसके पूर्व उन्होंने कहा कि पिछले साल योग दिवस के मौके पर मेरी ड्यटी कोलकाता में लगी थी. इस बार चेन्नई जाने को कहा गया, पर मैंने अनुरोध किया कि मुझे पटना में योग दिवस के मौके पर जाने की अनुमति दी जाये. लोगों से उन्होंने योगी बनने अौर योग प्रेमी बनाने का आज संकल्प लेने का आह्वान किया. गांधी मैदान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी राजनीति से उपर नहीं रहा. इस मौके पर इशारे ही इशारे में मुख्यमंत्री का विरोध किया गया.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जहां इस योग पर राजनीति नहीं करने की सलाह दी तो विधानसभा में विरोधी दल के नेता डॉ. प्रेम कुमार ने सीधे सीएम को योग दिवस में शामिल नहीं होने के लिए विरोध किया. कार्यक्रम के समापन के बाद डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री योग पर राजनीति कर रहे हैं. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में उन्हें शामिल होना चाहिए था. उनके मंत्रिमंडल के कई मंत्रियों को योग में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया था, लेकिन किसी ने इतने बड़े कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. डॉ. कुमार ने कहा कि वे खुद 15 साल से योग कर रहे हैं. इससे वे स्वस्थ्य और खुश रहते हैं. योग दिवस के मौके पर विधायक अरुण कुमार सिन्हा, संजीव चौरसिया, नितिन नवीन और एमएलसी डॉ. सूरज नंदन कुशवाहा शामिल थे.
योग को विश्व स्तरीय बनाने के लिए पीएम को बधाई : डॉ. सीपी ठाकुर
पटना. भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद पद्मश्री डॉ सीपी ठाकुर ने योग को विश्वस्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है. वे योग दिवस पर मंगलवार को कार्यक्रमों में शामिल हुए. डॉ. ठाकुर ने कहा कि पूरा भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है. उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में योग दिवस मनाने से भरत के आम लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. देश के एक–एक शहर और गांव में छोटे बड़े स्तर पर योग दिवस का आयोजन किया गया है. यह देश के लिए बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि योग हमारी पुरानी संस्कृति है और इसे मोदी जी ने नये रूप में विश्व स्तर पर पहचान दिलाया.
उन्होंने कहा कि योग महज एक क्रिया नहीं बल्कि शरीर को स्वस्थ्य रखने की विधि है. स्वस्थ्य शरीर के लिए योग को प्रत्येक व्यक्ति अपने दिनचर्या में शामिल करें. इससे मानसिक और शारीरिक तनाव दूर होता है.
योग दुनिया के लिए भारत का सबसे बड़ा उपहार: तेजस्वी
पटना : उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि योग, आयुर्वेद और अध्यात्म दुनिया के लिए भारत का सबसे बड़ा उपहार है. दुनिया भर के महापुरुष समय-समय पर भारत की संस्कृति की ओर आकर्षित हुए हैं
और आज भी आकर्षित हो रहे हैं. योग, प्राणायाम और ध्यान को पूरे विश्व ने खुले दिल से अपनाया है. फेसबुक पर जारी पोस्ट में कहा कहा है कि विश्व योग दिवस से योग के प्रति जागरूकता ही नहीं बढ़ेगी बल्कि भारतीयता का प्रभाव भी बढ़ेगा, पर हमारी आपत्ति भाजपा और केंद्र की सरकार के उस रवैये से है. भाजपा इसे भी भगवा रंग से रंगने की कवायद में जुटी है. अपना एकाधिकार जमाने की होड़ में है.
भाजपा ने कई वर्गों और जन समूहों की भावनाओं को भी आहत किया है. योग स्वास्थ्यवर्धक है. भाजपा संघ के एजेंडे को आगे कर इस महान परंपरा का दुरुपयोग कर हमारे ऋषि मुनियों और साधुओं के अध्यात्म और ज्ञान का अपमान कर रही है. योग के ज्ञान में वृद्धि उन साधुओं ने की जो सांसारिक स्वार्थ, सत्ता, लालच और भौतिकवाद से दूर रहते थे.
पर, इन्हीं दुर्गुणों की राह पर चलकर भाजपा ने इस आयोजन के द्वारा योग के सिद्धांतों पर ही कुठाराघात किया है. हमारी आपत्ति इसी व्यवहार को लेकर है. अगर केंद्र सरकार सचमुच इसका सही मायनों में सफल आयोजन करना चाहती है तो सभी धर्म संप्रदायों के लोगों के मन में बैठी शंका को दूर कर उन्हें साथ लाये. हम योग के नाम पर हो रही फिजूलखर्ची के भी विरुद्ध हैं. देश में भूख, गरीबी, बेरोजगारी से लाखों लोग दम तोड़ रहे हैं. किसान आत्महत्या कर रहे हैं. आदिवासियों की फेलोशिप बंद की जा रही है और आप यहां धन का भौंडा प्रदर्शन कर रहे हैं.

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