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न्याय देने में लगेंगे ग्राम कचहरियों को छह माह
प्रक्रिया. कचहरी के 16784 पदों पर नियुक्ति का िनर्देश पटना : ग्राम कचहरियों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर न्याय देने में अभी छह माह से अधिक का वक्त लगेगा. ग्राम कचहरी की न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग देने के लिए अभी 8392 न्यायमित्र और 8392 ग्राम कचहरी सचिव की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ भी नहीं […]
प्रक्रिया. कचहरी के 16784 पदों पर नियुक्ति का िनर्देश
पटना : ग्राम कचहरियों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर न्याय देने में अभी छह माह से अधिक का वक्त लगेगा. ग्राम कचहरी की न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग देने के लिए अभी 8392 न्यायमित्र और 8392 ग्राम कचहरी सचिव की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ भी नहीं हुई है. कचहरी में कुल 16784 पदों पर नियुक्ति के लिए पंचायती राज विभाग के निदेशक कुलदीप नारायण ने जिला पदाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है. ग्राम कचहरियों के द्वारा न्याय दिये जाने के लिए दो पदों पर नियुक्ति की प्रक्रियानये सिरे से आरंभ की गयी है. जिन पदों पर नियुक्ति की जायेगी उसमें ग्राम कचहरी के सचिव और न्यायमित्र का पद शामिल है.
पंचायत आम चुनाव 2016 संपन्न हो चुका है. नियमावली कहती है कि नये पंचायत के गठन के बाद दोनों पद पर कार्यरत व्यक्ति का कार्यकाल स्वत: समाप्त हो जायेगा. इसके लिए नये सिरे से नियुक्ति की प्रक्रिया अपनायी जायेगा. इधर, राज्य में ग्राम कचहरियों के गठन का कार्य भी अंतिम रूप से 30 जून तक समाप्त हो जायेगा. इसके बाद ग्राम कचहरियां काम करना शुरू कर देंगी.
ऐसे चलेगी नियुक्ति की प्रक्रिया
न्यायमित्र व कचहरी सचिव की नियुक्ति का एक ही प्रक्रिया है. सचिव के लिए इंटर व न्यायमित्र के लिए विधि स्नातक होना आवश्यक है. दोनों पदों के लिए जिला स्तर पर तैयार रोस्टर के आधार पर सभी ग्राम कचहरियों में आरक्षण की कोटि निरधारित की जायेगी. इसकी सूचना पंचायत समिति, ग्राम कचहरी, जिला परिषद के कार्यालय के सूचना पट्ट पर प्रकाशित किया जायेगा.
रिक्त पदों के लिए आवेदन प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय में ऑनलाइन प्राप्त किया जायेगा. पदाधिकारी मेधा अंकों के आधार पर पैनल तैयार करेंगे. दोनों पदों के लिए ग्राम कचहरी नियोजन समिति का गठन किया जायेगा. इस समिति के अध्यक्ष सरपंच होंगे जबकि उप सरपंच इसके सदस्य और प्रखंड विकास पदाधिकारी या उनके नामित व्यक्ति सदस्य सचिव होंगे.
चयन समिति द्वारा दोनों पदों के चयन के बाद 15 दिनों के लिए दावा आपत्ति का समय दिया जायेगा. बीडीओ इसका आपत्ति की जांच 15 दिनों में कर लेंगे और उसका निष्पादन सात दिनों के अंदर पूरा कर लेंगे. 30 दिनों के अंदर जिला पंचायती राज पदाधिकारी के यहां अपील की जा सकती है. जिला पंचायती राज पदाधिकारी 45 दिनों में कोई निर्णय नहीं देते है तो नियोजन को स्वत: वैध मान लिया जायेगा.
8392 न्यायमित्रों के अभाव में कार्य बाधित
ग्राम कचहरी के सरपंच, उप सरपंच और पंचों के न्यायिक कर्तव्यों के निर्वहन और निष्पादन में हर कानूनी पहलू की जानकारी देना न्यायमित्र का काम है. कचहरी के समक्ष लाये गये हर मामले की सुनवाई की अधिकारिता कचहरी को है या नहीं इसका निर्धारण भी न्याय मित्र ही करता है. ग्राम कचहरी के न्यायपीठ या पूर्ण पीठ के समक्ष लाये गये वादों की सुनवाई संबंधित तारीखों को सरपंच द्वारा निदेशित या आदेशित सभी आदेश पत्रों को लिखने में सरपंच की सहायता करना न्यायमित्र का ही काम है. वह समस्याओं को सुलझाता है.
किसी भी वाद की सुनवाई के दौरान विधि संबंधी किसी मुद्दे पर कानूनी पक्ष की जानकारी सरपंच व पंचों को देना एवं ग्राम कचहरी से संबंधित खर्च का रखरखाव की भी जिम्मेवारी सचिव की है. सरपंच या न्यायपीठ के समक्ष आये मामलों का लिपिबद्ध करना तथा संबंधित पक्षाें को नोटिस या सम्मन तामिल करना सचिव का ही काम है.
अभी नियोजन की प्रक्रिया आरंभ नहीं
अभी किसी भी जिले में नियोजन की प्रक्रिया आरंभ नहीं की गयी है. साथ ही विभाग द्वारा पूर्व से कार्य कर रहे न्यायमित्रों के बारे में कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं दिया गया है.
विनय कुमार तिवारी ,बिहार राज्य न्यायमित्र संघ के अध्यक्ष
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