– डिस्पेंसरी बचाने के लिए कागजात खंगाल रहा पीयू
– 1955 में राज्य के पहले मुख्यमंत्री ने किया था शिलान्यास
पटना : पटना विश्वविद्यालय की सेंट्रल डिस्पेंसरी पर तलवार लटक रही है. पीएमसीएच प्रशासन ने डिस्पेंसरी की जमीन पर अपना दावा किया है. पीएमसीएच ने पीयू प्रशासन को इस संबंध में पत्र भेजा है और डिस्पेंसरी के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा है.
अगर विश्वविद्यालय प्रशासन साक्ष्य प्रस्तुत करने में अक्षम रहता है, तो विवि को डिस्पेंसरी खाली करना होगा. डिस्पेंसरी की जगह पर पीएमसीएच सुपर स्पेश्यलिटी विभाग खोलने की बात कह रहा है.
छात्र, शिक्षक व कर्मियों का होता है इलाज : पीयू डिस्पेंसरी में विवि के छात्र, शिक्षक, कर्मचारी व अधिकारियों का नि: शुल्क इलाज होता है. यही कारण है कि इसे पीएमसीएच के आसपास खोला गया था ताकि मामला गंभीर होने पर तुरंत पीएमसीएच रेफर किया जा सके. इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 50 रुपये है. छात्र पांच रुपये का कार्ड बना कर यहां नि: शुल्क इलाज करा सकते हैं. डिस्पेंसरी में जांच की अधिकतर सुविधाएं हैं. यहां 10 डॉक्टर और तीस कर्मचारी हैं.