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निगम अपने संसाधन से तोड़ेगा संतोषा अपार्टमेंट
पटना : सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी के बंदर बगीचा स्थिति संतोषा अपार्टमेंट के अवैध हिस्सा को चार माह में तोड़ने का आदेश दिया. इस आदेश के आलोक में निगम प्रशासन ने निजी एजेंसी के सहयोग से अवैध हिस्सा तोड़ने के लिए योजना तैयार की, लेकिन कोई एजेंसी शामिल नहीं हुई. अब शहरी योजना के निदेशक […]
पटना : सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी के बंदर बगीचा स्थिति संतोषा अपार्टमेंट के अवैध हिस्सा को चार माह में तोड़ने का आदेश दिया. इस आदेश के आलोक में निगम प्रशासन ने निजी एजेंसी के सहयोग से अवैध हिस्सा तोड़ने के लिए योजना तैयार की, लेकिन कोई एजेंसी शामिल नहीं हुई.
अब शहरी योजना के निदेशक ने भी टेंडर की अवधि 25 जून तक बढ़ा दी है और 27 जून को टेंडर खोला जायेगा. नगर आयुक्त ने शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि एजेंसी नहीं मिल रही है. इसको लेकर टेंडर की अवधि बढ़ाया गया है. एजेंसी नहीं मिलेगी, तो निगम अपने संसाधन से अवैध हिस्सा तोड़ना शुरू करेगा. इसको लेकर कार्ययोजना तैयार करने का भी निर्देश दिया है.
रजिस्ट्रार को देना है मुआवजा : नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि अवैध हिस्सा में जितने भी फ्लैट मालिक है, उनकी नापी का रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को उपलब्ध कराया गया है.
कोर्ट के फैसला में कहीं नहीं निगम को मुआवजा राशि वितरण का आदेश है. फ्लैट मालिकों को खुद रजिस्ट्रार के पास आवेदन देना है और रजिस्ट्रार ही राशि देगा. निगम को चार माह में अवैध हिस्सा तोड़ कर रिपोर्ट देना है, जिसको लेकर संसाधन जुटाया जा रहा है.
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