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मैडम, भाई पीटता है व पुलिस सुनती ही नहीं
लोक शिकायत निवारण अधिनियम पटना : मैडम, मैं क्या करूं? प्रेम विवाह की सजा परिवार तो दे ही रहा है, पुलिस भी नहीं सुनती है. थाने जाती हूं, तो पुलिस भगा देती है. अब आप ही सुनवाई करिये. सुबह के 11 बजे कलेक्ट्रेट परिसर में बने लोक शिकायत निवारण केंद्र पर एतवारपुर की रहनेवाली दिव्यांग […]
लोक शिकायत निवारण अधिनियम
पटना : मैडम, मैं क्या करूं? प्रेम विवाह की सजा परिवार तो दे ही रहा है, पुलिस भी नहीं सुनती है. थाने जाती हूं, तो पुलिस भगा देती है. अब आप ही सुनवाई करिये. सुबह के 11 बजे कलेक्ट्रेट परिसर में बने लोक शिकायत निवारण केंद्र पर एतवारपुर की रहनेवाली दिव्यांग रूबी कुमारी सदर अनुमंडल की निवारण पदाधिकारी कुमारी सीमा से कुछ इसी तरह अपने दर्द बयां करने पहुंची थी.
मंगलवार को इंसाफ के लिए वह पहुंची थी. रूबी ने शेखपुरा निवासी दीपक से 2010 में शादी की थी. थानेदार की तलाश की गयी तो वे पहुंचे ही नहीं थे़ तब निवारण पदाधिकारी ने पुलिस को नोटिस जारी किया. पीड़िता को 23 जून को बुलाया है. मंगलवार को पटना के जिला सेंटर पर कुल 15 शिकायतों की सुनवाई हुई और अनुमंडल में 10 शिकायतों की सुनवाई हुई. खास बात रही कि कई मामलों में अफसर गायब रहे.
मामला नंबर एक : सैदपुर लोदीपुर की रहनेवाली तिजिया मसोमात की मुआवजा राशि दूसरे के खाते में भेज दी गयी है. वह इंसाफ के लिए अनुमंडल के केंद्र पर पहुंची, पर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी की जगह सहायक पहुंचे थे. ऐसे में सुनवाई नहीं हाे पायी.
मामला नंबर दो : इधर फुलवारी प्रखंड के रामजीत चौधरी ने सदर अनुमंडल में जमीन हड़पने की शिकायत की थी. सुनवाई में यहां पर सीओ को आना था, पर उन्होंने प्रभारी अंचल निरीक्षक उपेंद्र कुमार सिन्हा को भेजा. सुनवाई नहीं हो पायी.
(नोट : नियम में छूट है कि अधिकारी अपने प्रतिनिधि को भेज सकते हैं.)
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