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पीएमसीएच में खुलेगा गठिया व जोड़ रोग विभाग

जुलाई से करने लगेगा काम, पीएमसीएच ने स्वास्थ्य विभाग को भेजा प्रस्ताव, आइजीआइएमएस की पूरी बिल्डिंग और सुविधाएं एम्स अस्पताल की तरह होगी पटना : जोड़ों का दर्द और गठिया की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए अच्छी खबर है. पीएमसीएच में अलग से गठिया रोग के लिए विभाग खुलेगा. मेडिसिन विभाग की मांग पर […]

जुलाई से करने लगेगा काम, पीएमसीएच ने स्वास्थ्य विभाग को भेजा प्रस्ताव, आइजीआइएमएस की पूरी बिल्डिंग और सुविधाएं एम्स अस्पताल की तरह होगी
पटना : जोड़ों का दर्द और गठिया की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए अच्छी खबर है. पीएमसीएच में अलग से गठिया रोग के लिए विभाग खुलेगा. मेडिसिन विभाग की मांग पर पीएमसीएच के प्रिंसिपल ने इसका प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेजा है. वर्तमान में पीएमसीएच के मेडिसिन विभाग में गठिया व जोड़ों के दर्द से परेशान आये मरीजों का इलाज किया जा रहा है. अलग से कोई व्यवस्था नहीं होने के चलते मरीजों को परेशानी हो रही है.
प्राइवेट अस्पतालों को छोड़ कर पटना सहित पूरे प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पतालों में गठिया व जोड़ रोग के लिए अलग से कोई विभाग नहीं है. हालांकि पीएमसीएच में इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टर हैं, लेकिन अलग से कोई विभाग नहीं है. यह मेडिसिन विभाग के अंतर्गत चल रहा है. ऐसे में मरीजों को सही से इलाज नहीं मिल पा रहा है. मरीज इलाज को लेकर डॉक्टर का चक्कर लगाते रहते हैं.
तीन डॉक्टरों की अलग से होगी तैनाती : मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए पीएमसीएच प्रशासन गठिया विभाग में तीन सीनियर डॉक्टरों की अलग से तैनाती करेगा.
ये तीनों डॉक्टर की देखरेख में ही विभाग का संचालन होगा. तीन सीनियर डॉक्टरों के अलावा सीनियर रेजीडेंट और जूनियर डॉक्टर 24 घंटे देख-रेख करेंगे. अस्पताल के अधिकारियों की मानें, तो जुलाई माह में यह सौगात मरीजों को मिल जायेगा. इसकी पूरी तैयारी पीएमसीएच प्रशासन अपने स्तर पर कर ली है.
बिहार में दो तो पूरे देश में 14 फीसदी लोग ग्रसित : डॉक्टरों की मानें तो बिहार में दो और पूरे भारत में 14 प्रतिशत लोग गठिया व जोड़ों के दर्द से ग्रसित हैं. डॉक्टरों की मानें, तो पिछले तीन सालों में 45 प्रतिशत इस रोग से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ी है. ऐसे में रूमेटोलॉजी विभाग के खुल जाने पर मरीजों का बेहतर इलाज मिल पायेगा. इतना ही नहीं, इस विभाग के जरिये एमबीबीएस छात्रों को सीखने का मौका भी मिलेगा.
अलग विभाग होने से राहत
पीएमसीएच में अलग से रूमेटोलॉजी विभाग खुले, इसके लिए लंबे समय से हम लोग मांग कर रहे हैं. हालांकि हमारी मांग पर प्रिंसिपल राजी हो गये हैं. अलग से विभाग खुल जाने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी.
– डॉ राजन कुमार, एचओडी, मेडिसिन विभाग
आइजीआइएमएस का कैंसर वार्ड दिल्ली एम्स के तर्ज पर बनेगा
पटना : दिल्ली एम्स की तर्ज पर पटना का आइजीआइएमएस को बनाया जायेगा. इसकी पूरी बिल्डिंग और सुविधाएं एम्स अस्पताल की तरह ही होगी. यहां तक की बिल्डिंग का नक्शा भी उसी तरह का होगा. यह कहना है आइजीआइएमएस के डायरेक्टर डॉ एनआर विश्वास का.
सोमवार को दिल्ली एम्स अस्पताल के कैंसर वार्ड के डॉ जीके रथ ने आइजीआइएमएस के स्टेट कैंसर वार्ड का निरीक्षण किया. इस दौरान कहां कोबॉल्ट और उसकी क्षमता कितनी होगी, किस जगह मरीजों की जांच किया जायेगा और मरीजों का बेड कहां होगा इसकी पूरी सूची डॉ रथ ने बनाया. कोबॉल्ट मशीन से होने वाली रेडिएशन से मरीजों को परेशानी नहीं हो इसके लिए उन्होंने अलग से रूम बनाने बनाने की सलाह दी. वहीं आइजीआइएमएस के डायरेक्टर डॉ एनआर विश्वास ने कहा कि डॉ जीके रथ निरीक्षण के दौरान संतुष्टि जाहिर किया है.
साथ ही उन्होंने सुविधाओं को शुरू करने के लिए लिस्ट भी बनायी है. उनके आधार पर दिये गये लिस्ट के अनुसार ही बिल्डिंग और बेड, रूम, उपकरण आदि की व्यवस्था की जायेगी.

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