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आठ जिलों में फ्लोराइड युक्त पानी पी रहे लोग
लीटर पानी में 2.34 से 1.8 एमजी है फ्लोराइड की मात्रा, नालंदा, जमुई और मुंगेर टॉप जिलों में पटना : फ्लोराइड प्रभावित पानी वाले जिलों में लोक स्वास्थ्य अभियंक्षण विभाग शुद्ध पानी मुहैया कराने का प्रयास तो कर रहा है, किंतु इस मोरचे पर उसे सफलता नहीं मिल रही. आज भी आठ जिलों में लोग […]
लीटर पानी में 2.34 से 1.8 एमजी है फ्लोराइड की मात्रा, नालंदा, जमुई और मुंगेर टॉप जिलों में
पटना : फ्लोराइड प्रभावित पानी वाले जिलों में लोक स्वास्थ्य अभियंक्षण विभाग शुद्ध पानी मुहैया कराने का प्रयास तो कर रहा है, किंतु इस मोरचे पर उसे सफलता नहीं मिल रही. आज भी आठ जिलों में लोग 2.34 से 1.8 एमजी प्रति लीटर फ्लोराइड युक्त पानी पीने का विवश है
फ्लोराइड युक्त पानी के सेवन से एेसे जिलों में संक्रामक और चर्म रोग का संक्रमण नहीं रुक पा रहा है.यह हाल तब है, जब केंद्र प्रायोजित जलापूर्ति योजना से आठों जिलों में डीप चापाकल लगवाये गये हैं, हालांकि चापाकलों के मेंटनेंस के मोरचे पर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग पुख्ता काम भी नहीं कर पा रहा है. मेंटेनेंस न होने के कारण आठों जिलों में बड़ी संख्या में चापाकलों से बालू-मिट्टी निकल रहे हैं. बांका में 927 चापाकल लगे हैं, किंतु पानी महज 711 चापाकलों से ही लोगों को मिल रहा है. उसी तरह भागलपुर के 928 चापाकलों में से 850, गया के 1045 में से 1008, जमुई के 1199 में से 1044, भभुआ के 10 में से सात, मुंगेर के 1286 में से 1260 और नालंदा के 1367 में से 1287 चापाकलों से ही लोगों को पीने का पानी मिल रहा है.
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने अप्रैल-मई में आठों जिलों में केंद्र प्रायोजित ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत लगाये गये चापालों के पानी की जांच करायी है. जांच रिपोर्ट में चापाकलों के पानी में 2.34 से 1.8 एमजी प्रति लीटर फ्लोराइड की मात्रा पायी गयी है.
फ्लोराइड युक्त पानी के मामले में नालंदा टॉप पर है. वहां के पानी में 7.85 एमजी प्रति लीटर फ्लोराइड मिला है, दूसरे नंबर पर जमुई और मुंगेर हैं. दोनों जिलों के पानी में क्रमश: 3.40 और 3.28 एमजी प्रति लीटर फ्लोराइड की मात्रा मिली है. सबसे कम फ्लोराइड गया के बेला में, यानी 0.69 2.34 से 1.8 एमजी प्रति लीटर फ्लोराइड ही मिले हैं.
आठों जिलों में केंद्र ने शुद्ध पेय जल मुहैय्या कराने की योजना पर 957.57 लाख रुपये खर्च किये हैं. इस योजना के तहत रोहतास और शेखपुरा में भी चापाकल लगाये जाने हैं. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद पीएचइडी हरकत मेंआया है.ऐसे जिलों में विभाग वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से लोगों को बिना फ्लोराइड वाला पानी पिलाने की योजना पर काम शुरू करने जा रहे है.
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