पटना: नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने मंगलवार को नगर आवास विकास विभाग के सचिव को पत्र भेज कर निगम के कार्यकलापों का विशेष अंकेक्षण व निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से जांच कराने की मांग की है.
पत्र में कहा गया है कि ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर चयनित ए-टू-जेड कंपनी पर अनियमितता के कई आरोप लगे. इसके बावजूद स्थायी समिति व निगम बोर्ड ने उसे 75 प्रतिशत भुगतान का प्रस्ताव मंजूर किया, जो विरोधाभास है.
एजेंसियों को पहुंचाया लाभ
उन्होंने कहा है कि विज्ञापन एजेंसियों का मामला हाइकोर्ट में चल रहा है. इसके बावजूद स्थायी समिति में गलत निर्णय लिया गया. इसका उद्देश्य विज्ञापन एजेंसियों से मिलनेवाली रॉयल्टी व कर की वसूली से संबंधित एजेंसी को लाभ पहुंचाना था. इसमें निगम के कुछ लोगों का व्यक्तिगत स्वार्थ व साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसको देखते हुए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से शीघ्र जांच करायी जाये.
मिलीभगत का आरोप
नगर आयुक्त ने नक्शा पारित करने की तरीका पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पूर्व में भी निगरानी जांच में नक्शा पारित करने पर सवाल उठाया गया है. इसके बावजूद एसके पुरी व राजेंद्रनगर में पीआरडीए द्वारा आवंटित आवासीय भूखंडों पर अपार्टमेंट व व्यावसायिक इमारत बनायी गयी है. इसमें निगम से जुड़े लोगों की ही मिलीभगत है. इतना ही नहीं, बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गयी इसके साथ ही रामाचक बैरिया स्थित डंपिंग यार्ड के चाहरदीवारी की संचिका में छेड़छाड़ और फाइल से कागज गायब किया गया है. इस मामले को देखते हुए विभागीय सचिव से अनुरोध किया है कि शीघ्र विशेष अंकेक्षण व निगरानी से मामले की जांच करायी जाये.