पटना : चेक का क्लोन बना कर बुद्ध मार्ग स्थित सेन लेबोरेटरी के खाते से जालसाजों ने चार लाख निकाल लिये. चेक के गलत होने की जानकारी बैंक के अधिकारियों को भी हुई, लेकिन जब तक पैसे को रोकने की प्रक्रिया की गयी, तब तक जालसाज पैसे निकाल चुका था. इस संबंध में सेन लेबोरेटरी प्रशासन द्वारा कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. खास बात यह है कि बैंक द्वारा प्रदत चेक की मूल कॉपी लेबोरेटरी प्रशासन के पास ही है.
बताया जाता है कि सेन लेबोरेटरी का खाता बुद्ध मार्ग में स्थित है. वहां 14 मई को जालसाजों ने चेक डाला और वह पास भी कर दिया गया और बाद में गड़बड़ी की जानकारी बैंक प्रशासन को मिली. इसके बाद घटना के संबंध में बैंक प्रशासन ने सेन लेबोरेटरी को जानकारी दी है.
इस संबंध में डीएसपी विधि व्यवस्था डाॅ मो शिब्ली नोमानी ने बताया कि गलत चेक होने की जानकारी हुई और रोकने का प्रयास बैंक द्वारा किया गया, लेकिन तब तक पैसे की निकासी कर ली गयी. इस संबंध में कोतवाली थाने में प्राथमिकी की गयी है. पुलिस सूत्रों के अनुसार जल्द ही मामले का खुलासा हो जायेगा. बैंकों के सीसीटीवी फुटेज समेत अन्य बिंदुओं पर छानबीन चल रही है. बैंककर्मियों से भी संपर्क किया जा रहा है. पुराने मामले भी खंगाले जा रहे हैं.
तब निकाल लिये गये थे बैंक से ~ 40 लाख
चेक क्लोन का यह मामला नया नहीं है. इसके पहले क्लोन चेक के माध्यम से बिहार दलित विकास मिशन के खाते से 40 लाख की निकासी कर ली थी. 10 से अधिक बार जालसाजों ने फर्जी चेकों को बैंक में डाला था और हर बार चेक पास हो गया. एक बार भी वह चेक बैंक कर्मी की पकड़ में नहीं आया. जालसाजों ने सितंबर 2015 से लेकर फरवरी 2016 तक कई चेक के माध्यम से कभी 1.96 लाख, तो तो कभी 1.81 लाख, तो कभी दो लाख, इस तरह कुल 40 लाख रुपये क्लोन चेक से निकाल लिये गये थे. बुद्धा कॉलोनी थाने में मामला दर्ज हुआ, पर कोई जालसाज पकड़ में नहीं आया है.
पूरे देश में फैला है क्लोन चेक से निकासी करने वाला गिरोह, पटना में आधा दर्जन मामले दर्ज
जानकारी के अनुसार फर्जी और क्लोन चेक के माध्यम से निकासी करनेवाला गिरोह पूरे देश में फैला है. पटना में भी यह गिरोह काफी सक्रिय है और अब तक कई बैंकों से गिरोह के सदस्यों द्वारा तीन करोड़ से अधिक की निकासी कर ली गयी है. समय-समय पर बाहर की पुलिस भी पटना में इसे लेकर जांच करने आती है.
सूत्रों के अनुसार पटना में ऐसे गिरोह फैले हुए है. चेक का क्लोन बना कर बैंकों से निकासी की प्राथमिकी कोतवाली, श्रीकृष्णापुरी, गांधी मैदान, कंकड़बाग, बुद्धा कॉलोनी, पाटलिपुत्र थाने आदि में दर्ज हैं. ऑरिजनल चेक खाताधारक के पास रह जाता है और उसके क्लोन चेक के माध्यम से लाखों की निकासी कर ली जाती है. इसमें खास बात यह है कि वर्ष 2013 के बाद एक भी गिरोह नहीं पकड़ा गया. उस वर्ष इओयू की टीम ने पटना, दिल्ली, कोलकाता आदि में छापेमारी कर गिरोह के आठ लोगों को पकड़ा था, जिसमें दो एसबीआइ बैंक के कर्मचारी भी शामिल थे. गिरोह का सरगना सन्नी प्रियदर्शी पटना में पकड़ा गया था और उसकी निशानदेही पर बैंक कर्मी व पाटलिपुत्र एसबीआइ बैंक के सहायक सुरेंद्र तिवारी व दिल्ली के लाला लाजपत नगर एसबीआइ ब्रांच के कर्मी प्रशासन कुमार को पकड़ा गया था. इसके बाद टीम को यह जानकारी मिली थी कि फर्जी चेक को भुनाने के मामले में जालसाज कमीशन पर काम करते थे. इसमें उन्हें कुल राशि का 10 फीसदी कमीशन मिलता था.