नारा उछाला था–‘ बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है’. अब कह रहे हैं कि देश में तो नहीं, बिहार में अच्छे दिन आ गये हैं. क्या नीतीश कुमार को एक बार आदित्य की मां और पत्रकार राजदेव रंजन की विधवा से बिहार में आये बहार और अच्छे दिन के बारे में नहीं पूछना चाहिए.
Advertisement
ध्यान हटाने को आरक्षण का शगूफा : मोदी
पटना: भाजपा को वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि अपराध नियंत्रण में बुरी तरह विफल रहने वाले मुख्यमंत्री अब ध्यान भटकाने के लिए आरक्षण खत्म होने का शगूफा छोड़ रहे हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार ने फिल्मी अंदाज में बिहार के लोगों को आश्वस्त किया था–‘ मैं हूं […]
पटना: भाजपा को वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि अपराध नियंत्रण में बुरी तरह विफल रहने वाले मुख्यमंत्री अब ध्यान भटकाने के लिए आरक्षण खत्म होने का शगूफा छोड़ रहे हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार ने फिल्मी अंदाज में बिहार के लोगों को आश्वस्त किया था–‘ मैं हूं ना’.
मोदी ने सवालिया लहजे में कहा कि मुख्यमंत्री बतायें कि अगर उनकी सरकार चेहरे देख कर कार्रवाई नहीं करती है तो फिर जदयू एमएलसी मनोरमा देवी के घर से शराब मिलने के 24 घंटे बाद प्राथमिकी क्यों दर्ज की गयी.
एमएलसी को फरार होने का मौका क्यों दिया गया. एमएलसी को भगाने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ अब तक कौन सी कार्रवाई हुई है.
सीवान में पत्रकार हत्याकांड में ईंट भट्ठे से पकड़े गये उपेंद्र सहित चार लोगों में से तीन जमानत पर कैसे छूट गये. उन्हें शराब पीने जैसी कमजोर धारा में क्यों पकड़ा गया. शहजाद आलम को पुलिस फिर से पकड़ने की कोशिश कर रही है तो दो दिन पहले उसे जमानत कैसे मिली.
श्रीकांत भारती हत्याकांड के अभियुक्त उपेंद्र सिंह ने जब स्वीकार कर लिया कि हत्या का निर्देश जेल से मिला था और पुलिस दावा कर रही है कि शूटर की पहचान हो गयी है तो फिर नाम का खुलासा और गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है.
मो शहाबुद्दीन के करीबी माने जाने वाले परमात्मा राम, मुंशी मियां और उपेंद्र सिंह के साथ ही उत्तर प्रदेश के शूटर चवन्नी सिंह के खुलासे पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. हाल में जेल से छूटा मो. शहाबुद्दीन का करीबी लद्दन मियां हत्या के दिन से ही फरार क्यों है. मुख्यमंत्री बतायें कि क्या बहार केवल जदयू, कांग्रेस और राजद के दबंगों के लिए नहीं आया है. क्या आपके ‘मैं हूं ना’ कहने के बावजूद बिहार की जनता अपराधियों के कहर को झेलने के लिए विवश नहीं है. क्या भाजपा शासित किसी राज्य में बीते छह महीने में एक दर्जन से ज्यादा विधायक आरोपित हुए हैं.
सरकार पर बरसे भाजपा नेता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में हिम्मत है, तो वे त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था के विभिन्न एकल पदों के लिए आरक्षण का कोटा बढ़ा कर दिखाएं. वे आज उस कांग्रेस और लालू प्रसाद के साथ हैं, जिसने हमेशा दलितों एवं अति पिछड़ों की हकमारी की है.
-मंगल पांडेय, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
नीतीश कुमार अपनी महत्वाकांक्षा के लिए पुराने समाजवादियों पर डोरे डाल रहे हैं. इसके बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिल रही है. आगे की राजनीति के लिए नीतीश कुमार को राजनीतिक कंधे की तलाश है.
प्रेम कुमार, नेता प्रतिपक्ष
सरकार की ओर से मिले संरक्षण के कारण सूबे में सत्ताधारी दल के आरोपित 11 विधायक छुट्टे घूम रहे हैं. क्या कारण है कि सरकार उन्हें जेल के भीतर नहीं डालती. इन माननीयों के प्रति सरकार के नरम रवैये का कारण क्या है.
संजय सिंह टाइगर, प्रदेश प्रवक्ता
राज्यपाल से मिले सीपी ठाकुर
सांसद डाॅ सीपी ठाकुर ने राज्यपाल रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर आग्रह किया कि बिहार में बढ़ते अपराध के मद्देनजर वे हस्तक्षेप करें. पिछले कुछ महीनों में अापराधिक घटनाओं के बढ़ने के कारण पूरा राज्य भय के साये में है.
नयी परिभाषा गढ़ रहे नीतीश
नीतीश कुमार अपराध की नयी परिभाषा गढ़ रहे हैं. राज्य में रोज इतनी घटनाएं घट रही हैं फिर भी वो कह रहे हैं कि बिहार में कानून का राज है.
गिरिराज िसंह, केंद्रीय राज्यमंत्री
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement