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अच्छी खबर. आइजीआइएमएस में अब मरीजों को बेड तक मिलेगी ऑक्सीजन

पटना: आइजीआइएमएस अस्पताल में मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए अब अटेंडर को सिलिंडर घसीट कर ले जाने की जरूरत नहीं है. मई से बेड पर ही ऑक्सीजन पहुंचायी जायेगी. पाइप लाइन के जरिये मरीज के बेडों पर ऑक्सीजन पहुंचाने का काम अंतिम चरण में है. अस्पताल के अधिकारियों की मानें तो प्रथम चरण […]

पटना: आइजीआइएमएस अस्पताल में मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए अब अटेंडर को सिलिंडर घसीट कर ले जाने की जरूरत नहीं है. मई से बेड पर ही ऑक्सीजन पहुंचायी जायेगी. पाइप लाइन के जरिये मरीज के बेडों पर ऑक्सीजन पहुंचाने का काम अंतिम चरण में है. अस्पताल के अधिकारियों की मानें तो प्रथम चरण में डीलक्स और प्राइवेट वार्ड से इस सुविधा की शुरुआत की जायेगी. इसके बाद दूसरे चरण में इमरजेंसी सहित सभी वार्डों में यह सुविधा लागू होगी. हालांकि इसी सुविधा के बाद प्राइवेट वार्ड के बेडों के चार्ज भी बढ़ा दिये जायेंगे.
बन रहा लिक्विड ऑक्सीजन टैंक
बिना रुकावट के बेड तक ऑक्सीजन की सुविधा मुहैया कराने के लिए हॉस्पिटल कैंपस में लिक्विड ऑक्सीजन टैंक की स्थापना किया जा रहा है. लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाइ से उन मरीजों को ज्यादा फायदा होगा, जिनका मेजर ऑपरेशन होता है और उनके लिए वार्ड में रहने के लिए वेंटिलेटर की जरूरत होती है.

अधिकारियों की मानें तो मरीजों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए सिलिंडर के इस्तेमाल पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने आपत्ति जतायी थी. इसे देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने पाइप लाइन के जरिये बेडों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का यह निर्णय लिया है. इस मुद्दे को बीओजी की बैठक में उठाया था. फिलहाल मरीजों को सिलिंडर से ही ऑक्सीजन उपलब्ध करायी जा रही है. अस्पताल प्रशासन के अनुसार, लिक्विड टैंक अस्पताल के एसएनसीयू, ट्रामा केयर सर्जरी थियेटर और पोस्ट ऑपरेटिव केयर यूनिट के लिए भी काफी फायदेमंद होगा. मरीजों को इस यूनिट से जो ऑक्सीजन मिलेगी, वह सबसे प्योर (शुद्ध) फॉर्म में होगी.

इ-रिक्शे का किराया पांच से 10 रुपये तय
पटना. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में मरीजों को ऑटो या अन्य साधन की तलाश में भटकना नहीं पड़ेगा. क्योंकि, अस्पताल प्रशासन ने रविवार से मरीजों की सुविधा के लिए इ-रिक्शा सेवा की शुरुआत की है. इसका किराया पांच रुपये से लेकर 10 रुपये तक किया गया है. अस्पताल के मेन गेट से इंदिरा गांधी की प्रतिमा तक का किराया पांच रुपये रखा गया है, जबकि मेन गेट से वार्ड तक का किराया 10 रुपये तय किया गया है. मरीज व उनके परिजन या फिर अस्पताल कर्मचारी सब के लिए किराया एक समान होगा. इजीआइएमएस परिसर में बाहरी रिक्शा व ऑटो का प्रवेश नहीं होगा. अब यहां सिर्फ इ-रिक्शा ही चलेगा, जिस पर संस्थान का स्टीकर और नंबर होगा. यह दो पालियों में चलेंगे. सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे तक पहली पाली और दोपहर बजे से रात 10 बजे तक दूसरी पाली में पांच-पांच इ-रिक्शा चलेंगे. अस्पताल प्रशासन ने 20 इ-रिक्शा की सूची तैयार की है. इसमें 10 इ रिक्शा को पेडिंग में रखा गया है, ताकि अगर कोई इ-रिक्शा चालक अस्पताल का नियम तोड़ेगा, तो उन्हें हटा कर दूसरे को मौका दिया जायेगा. आइजीआइएमएस के अपर चिकित्सा अधिकारी डॉ मनीष मंडल ने बताया कि अस्पताल परिसर में बाहरी ऑटोवालों का जमावड़ा लगा था. ये मरीजों को परेशान करते थे. ऐसे में मरीजों की सुविधा को देखते हुए 10 इ-रिक्शा चलाये जा रहे हैं. इसका किराया पांच रुपये से 10 रुपये तय किया गया है. अगर इ-रिक्शा चालक अस्पताल का नियम तोड़ेंगे, तो उन पर कार्रवाई की जायेगी.

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