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अब सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क मिलेगा रोटा वायरस वैक्सीन

आनंद तिवारी पटना : पोलियो मुक्त अभियान की तरह स्वास्थ्य विभाग बच्चों में डायरिया की रोकथाम के लिए नयी स्कीम शुरू करने जा रहा है. बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए विभाग समय-समय पर दवा की खुराक देगा. बाजार में करीब तीन हजार रुपये में मिलने वाले रोटा वायरस की वैक्सीन को विभाग सरकारी […]

आनंद तिवारी
पटना : पोलियो मुक्त अभियान की तरह स्वास्थ्य विभाग बच्चों में डायरिया की रोकथाम के लिए नयी स्कीम शुरू करने जा रहा है. बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए विभाग समय-समय पर दवा की खुराक देगा. बाजार में करीब तीन हजार रुपये में मिलने वाले रोटा वायरस की वैक्सीन को विभाग सरकारी अस्पतालों में मुफ्त देगा.
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने का काम भी शुरू कर दिया है. प्रशिक्षक के बाद पेंटा इंजेक्शन लगाने की मिशन के साथ ही डायरिया की दवा पिलाने का काम किया जायेगा. इस स्कीम को नेशनल इम्यूनाइजेशन शेड्यूल में शामिल किया गया है. स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों की मानें, तो जून महीने से शहर के बड़े अस्पतालों में इसकी शुरुआत की जायेगी.
इस तरह से दी जायेगी दवा : दवा पिलाये बगैर कोई बच्चा न रह जाये इसके लिए सर्वे भी करवाया जायेगा. आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर एएनएम के माध्यम से काम किया जायेगा. दवा घर-घर जाकर पिलायी जायेगी या सरकारी अस्पतालों में इसकी व्यवस्था की जायेगी. डॉक्टरों के मुताबिक नवजात बच्चों को पहली खुराक डेढ़ महीना का होने पर, दूसरी बार ढाई महीने पर, तीसरी बार साढ़े तीन महीने पर पिलायी जायेगी. यानी हर बच्चे को एक-एक महीने के अंतराल के बाद तीन बार पांच-पांच बूंद की खुराक दी जायेगी.
जानलेवा हो सकता है रोटा संक्रमण : रोटा वायरस आदमी के खतरनाक है. इस संबंध में गार्डिनर अस्पताल के इंचार्ज डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि रोटा वायरस संक्रमण आंत की कोशिकाओं को प्रभावित करता है. इससे आंत में इंफेक्शन बढ़ जाता है और डायरिया होने के साथ ही खाना पच नहीं पाता है. हालत गंभीर होने से मरीज की मौत भी हो सकती है.
तीन तरह का होता है डायरिया
आइजीआइएमएस के शिशु रोग विभाग के एचओडी डॉ संतोष कुमार ने बताया कि डायरिया तीन तरह वायरल, बैक्टीरियल, प्रोटोजोअन व एंटाअमीबीक होता है. डायरिया किस तरह का है इसका पता बल्ड टेस्ट के बाद ही चलता है. अवधि के लिहाज से डायरिया क्रॉनिक (लंबे समय से) और एक्यूट (तात्कालिक) दो तरह का होता है. रोटा वायरस से होने वाला डायरिया एक्यूट होता है.
उन्होंने बताया कि डायरिया से व्यक्ति को पहले उलटी शुरू होती है और फिर दस्त. बार-बार ऐसा होने पर रोगी को कमजोरी महसूस होने लगती है. साथ ही शरीर में पानी की कमी हो जाती है. आंत व लिवर में इनफेक्शन होने से पाचन तंत्र बिगड़ जाता है.

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