पटना : गरमी बढ़ने के साथ ही शहर में पेयजल की किल्लत शुरू हो गयी है. पेयजल आपूर्ति को लेकर निगम क्षेत्र में लगाये गये 102 पंप हाउसों में से अधिकतर का जल स्तर घटने से संबंधित मुहल्लों में पर्याप्त जलापूर्ति संभव नहीं हो पा रही. निगम से जुड़े अधिकारियों की मानें, तो कई इलाकों में जल स्तर पांच से छह फुट तक नीचे चला गया है. इससे 80 प्रतिशत पंप हाउसों से पर्याप्त पानी नहीं आता है.
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प्यास लगी, तो खोदने लगे कुआं
पटना : गरमी बढ़ने के साथ ही शहर में पेयजल की किल्लत शुरू हो गयी है. पेयजल आपूर्ति को लेकर निगम क्षेत्र में लगाये गये 102 पंप हाउसों में से अधिकतर का जल स्तर घटने से संबंधित मुहल्लों में पर्याप्त जलापूर्ति संभव नहीं हो पा रही. निगम से जुड़े अधिकारियों की मानें, तो कई इलाकों […]
जो पानी आता है, उसमें बालू व कंकड़ आना शुरू हो जाता है. इस स्थिति में सप्लाइ वाटर पीने लायक नहीं होता है. हालांकि यह परेशानी कोई नयी नहीं है. पिछले तीन-चार वर्षों में इसकी शिकायत पर बढ़ने पर कई योजनाएं बनायी गयीं, लेकिन वे धरातल पर नहीं उतर सकीं. एक बार फिर लोगों के हलक सूखने लगे तो नगर निगम को पेयजल समस्याएं याद आने लगी है और नयी बोरिंग लगाने की कवायद शुरू की गयी है.
हंगामा भी शुरू : राजधानी में दिन-प्रतिदिन पानी की समस्या बढ़ ही रही है. इसको लेकर शहर के कई इलाकों में हंगामा भी देखने को िमलता है. पिछले दिनों खाजेकलां के लोगों ने नयी बोरिंग चालू करने को लेकर काफी हंगामा किया था, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया.
कहीं बोरिंग लगी नहीं, जहां लगी, वहां चालू नहीं
निगम क्षेत्र की पेयजल समस्या को दूर करने के लिए दो साल पहले 15 नयी बाेरिंग लगाने की योजना बनायी गयी थी. इस योजना को बिहार राज्य जल पर्षद (बीआरजेपी) के माध्यम से पूरा कराया जाना था.
इसके लिए पेयजल संकट से जूझ रहे 15 वार्ड को चिह्नित कर इन वार्डों में बाेरिंग लगाने का काम शुरू किया गया. लेकिन, अब तक सिर्फ तीन बाेरिंग को ही संचालित किया जा सका है. इसके अलावा पटना सिटी के वार्ड नंबर 54 व 57, वार्ड नंबर 15, कांग्रेस मैदान व कंकड़बाग में तिवारी बेचर के पास बोरिंग लगायी तो गयी है, लेकिन उसे चालू नहीं किया जा सका है. वहीं, एसके पुरी में चिल्ड्रेन पार्क के समीप, बेऊर के शिवपुरी, एएन कॉलेज और भूतनाथ रोड में बाेरिंग लगाने का काम अब तक चालू है.
11 करोड़ होंगे खर्च, पर कैसे और कहां, पता नहीं
पिछली स्थायी समिति की बैठक में पंप हाउस की तकनीकी खराबी को दूर करने के लिए 1.87 करोड़ की स्वीकृति दी गयी. इससे मोटर, ट्रांसफॉर्मर, रंगा व अन्य स्पेयर पार्ट्स की खरीदारी होगी. साथ ही मुख्यमंत्री के हर घर पेयजल निश्चय योजना के तहत 14वें राज्य वित्त आयोग से मिले 37 करोड़ की 30 प्रतिशत राशि यानी लगभग 11 करोड़ भी पेयजल पर खर्च करने का निर्णय लिया गया. लेकिन यह राशि कहां और कैसे खर्च होगा, इसका एजेंडा अब तक नहीं बना है.
जल संकट के 11 नये इलाके भी चिह्नित
पुरानी अधूरी योजनाओं के बीच ही निगम ने जल संकट वाले 11 नये इलाकों की पहचान भी की है. इसमें अदालतगंज, छज्जूबाग, कटरा, सिटी हॉस्पिटल, मालसलामी, आलमगंज, विश्वविद्यालय कैंपस, समाहरणालय, धोबी घाट, नून का चौराहा और राजेंद्र नगर रोड नंबर-एक शामिल हैं. इन जगहों पर नयी बोरिंग लगाये जाने को लेकर प्रस्ताव बना कर नगर विकास विभाग को भेजा गया है, जहां से राशि स्वीकृत होने के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जायेगी.
इंजीनियरों की मंशा पर खड़े होते सवाल
पेयजल संकट को लेकर सालों भर जलापूर्ति शाखा व निगम के अधिकारी हाथ-पर-हाथ रख कर बैठे रहते हैं. उस दौरान न तो उपकरणों की कमी की गणना होती है और न ही पुरानी चल रही योजनाओं की निगरानी. लेकिन, गरमी बढ़ते ही अचानक सबकी नींद खुल जाती है. इसके पीछे पैसे की बंदरबांट मुख्य वजह होती है. दरअसल इस वक्त आनन-फानन में राशि खर्च होती है, जिससे कोई इस पर सवाल खड़ा नहीं कर पाता.
पेयजल योजना भी फेल
सड़क पर चलने वाले लोगों की परेशानी को देखते हुए तीन साल पहले सार्वजनिक स्थलों पर शीतल पेयजल की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया था. 1.66 लाख रुपये की लागत से दस चिह्नित जगहों पर इसे लगाया जाना है. इस दौरान स्थायी समिति की अधिकतर बैठकों में एजेंडा के रूप में इसको शामिल किया गया. लेकिन, अब भी यह योजना महज डिजाइन को लेकर अटकी हुई है.
दूर होगी समस्या
नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि गैंग जलापूर्ति से जुड़ी शिकायतों का तत्काल समाधान करेंगे. चार गैंग कार्यरत है और एक गैंग की जरूरत है. वार्ड के सफाई निरीक्षकाें को जिम्मेवारी दी गयी है कि वे अपने वार्ड में पाइप लीकेज की सूची जलापूर्ति शाखा को उपलब्ध कराएं. उन्होंने बताया कि दो सप्ताह में पांच-छह नयी बोरिंग चालू हो जायेंगी. इसके साथ ही पीने के पानी की समस्या नहीं हो, इसके लिए कनीय अभियंता से लेकर कार्यपालक अभियंता तक की जिम्मेवारी तय की गयी है.
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