पटना: बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को अब हर नियोजन केंद्र में आवेदन देने की जरूरत नहीं है. अब जिलावार शिक्षकों की नियुक्ति होगी. इसके लिए जिले में एक ही जगह आवेदन देना होगा. आवेदन में अभ्यर्थियों को मनचाही 10 नियोजन इकायों का विकल्प भी देना होगा. साथ ही 11वां विकल्प कोई भी अन्य नियोजन इकाई होगा.
इसी आधार पर मेधा सूची निकाली जायेगी और नियोजन इकाईवार इनकी नियुक्ति होगी. शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन किया है.
संशोधित नियमावली को मंजूरी के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव भी भेज दिया गया है. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के साथ ही शिक्षकों के नियोजन के लिए शुरू होनेवाले नये चरण से यह व्यवस्था लागू हो जायेगी. इसके साथ ही नियोजित शिक्षकों का भी अब तबादला नियोजन इकाई के एक स्कूल से दूसरे स्कूल में हो सकेगा. नियोजन इकाई के किसी दूसरे स्कूल में छात्र और शिक्षक का अनुपात सही नहीं रहने पर ही शिक्षकों का स्थानांतरण होगा. नियोजित शिक्षकों के तबादले का अधिकार जिला शिक्षा पदाधिकारी को होगा. इससे पहले नियोजित शिक्षकों के स्थानांतरण का कोई नियम नहीं था.
बिना वेतन ट्रेनिंग
साथ ही अप्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों को प्रशिक्षण प्राप्त करने की छूट तो रहेगी, लेकिन इस दौरान उन्हें वेतन नहीं मिलेगा. इसके अलावा बिना सूचना के स्कूल से गायब रहने पर भी अब शिक्षकों का वेतन काटा जा सकेगा. प्रारंभिक शिक्षक नियोजन संशोधित नियमावली में अब भूतपूर्व सैनिकों की विधवा को मेधा अंक में 10 अंकों की भी छूट देने का प्रावधान रखा गया है. वहीं, उर्दू योग्यता के लिए इंटरमीडिएट में 100 अंक के पेपर की जगह अब 50 अंक के एक पेपर की पढ़ाई की अनिवार्यता होगी. साथ ही शिक्षक नियोजन में तीन राउंड की भरती प्रक्रिया खत्म होने के बाद बचे पदों के लिए मेगा कैंप लगा कर नियुक्ति पत्र बांटा जायेगा. मेधा सूची की मान्यता की अवधि पहले सीमित नहीं थी, लेकिन अब एक साल के लिए ये मान्य होगा.