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पढ़ाई में जीरो, बातें बनाने में हीरो

पढ़ाई में जीरो, बातें बनाने में हीरो- उस्ताद धुरंधरों का जवाब पढ़ शिक्षक भी खुजला रहे अपना माथा- प्रश्नों के उत्तर अपने अंदाज में देकर बन गये परीक्षा के सिकंदरअनुपम कुमारी, पटनाये जरूरी नहीं कि जाे कोर्स की पढ़ाई में जीरो है, वह हर काम में भी पीछे ही हो. कभी-कभी अपने सिलेबस में हर […]

पढ़ाई में जीरो, बातें बनाने में हीरो- उस्ताद धुरंधरों का जवाब पढ़ शिक्षक भी खुजला रहे अपना माथा- प्रश्नों के उत्तर अपने अंदाज में देकर बन गये परीक्षा के सिकंदरअनुपम कुमारी, पटनाये जरूरी नहीं कि जाे कोर्स की पढ़ाई में जीरो है, वह हर काम में भी पीछे ही हो. कभी-कभी अपने सिलेबस में हर सवाल पर फंसने वाले स्टूडेंट्स सब्जेक्ट से इतर इतने ब्रिलिएंट होते हैं कि आपको पल भर के लिए भी नहीं लगेगा कि इनका पढ़ाई-लिखाई से कोई मतलब नहीं है. पढ़ने-लिखने में उस्ताद धुरंधरों से तो आप बहुत बार मिले होंगे, लेकिन बात बनाने में माहिर इन धुरंधरों के बारे में जान कर आप मुस्कुराये बिना नहीं रह पायेंगे. इन बच्चों ने परीक्षा में सवालों के जवाब ही कुछ इस तरह से दिए हैं कि शिक्षक भी इन्हें पढ़ कर अपना सिर खुजलाने लगे हैं. बता दें कि जिले में इंटर मूल्यांकन के दौरान बच्चों के लिखे ऐसे-ऐसे विचित्र जवाब टीचर्स को मिले हैं कि आप भी सुनेंगे, तो दंग रह जायेंगे. इतिहास में लिख डाली अपनी प्रेम कहानीइतिहास का पेपर था. इसे सवालों के जवाब तो आ नहीं रहे थे, फिर सोचा तीन घंटे बेकार बैठने से क्या फायदा. इतिहास ही तो लिखना है, तो अपना ही सही. फिर क्या उसकी कलम तब तक अनवरत चलती रही, जब तक अपना इतिहास खत्म नहीं हुआ. उसने लिखा कि सर मुझे एक लड़की बहुत पसंद थी. उसके प्यार में ऐसा डूबा कि पता ही नहीं चला कि कब एग्जाम आ गया. छात्र ने डिटेल में अपनी लव स्टोरी लिखी और फिर अंत में अपील की कि सर मेरी व्यस्तता का अंदाजा लगाते हुए प्लीज मुझे परीक्षा में पास कर दीजिये.मांग की लोच को बना दिया लोचाअब इनकी कहानी सुनिए. इकोनॉमिक्स में मांग का लोच के बारे में सवाल पूछा गया गया था. जवाब में इस मेधावी स्टूडेंट ने अर्थशास्त्र के लोच को मुन्नाभाई एमबीबीएस वाला लोचा समझ लिया. अपना पूरा उत्तर इसी लोचा पर लिख डाला. अपने जवाब में उसने लिखा कि व्यावहारिक जीवन में जो भी लोचा आता है, वह ठीक नहीं है. …जब कोक बन गया रेलगाड़ीभूगोल में आपने कोक के बारे में जरूर पढ़ा होगा. जब कोक दर्रा पर सवाल आया, तो इस छात्रा ने इसे रेलगाड़ी समझ कर पूरी व्याख्या कर डाली. उसने उत्तर में लिखा कि कोक नामक एक रेलगाड़ी है, जो 1620 की स्पीड में चलती है. इसमें महिलाओं के लिए आरक्षण है. वहीं, एक दूसरी छात्रा को जब भूगोल में कुछ समझ में नहीं आया, तो उसने सारे पेज में सभी प्रश्नों को लिख कर पूरा पेज भर दिया. वहीं, बीच-बीच उसने घघो रानी कितना पानी… लिखना नहीं भूला.श्रृषि-मुनि का चित्र बना पूजा करने की सलाह एक बच्चे को जब इकोनॉमिक्स के पेपर में किसी सवाल का उत्तर देते नहीं बना, तो उसने अपने किताब के कवर का चित्र ही बना डाला. उसके बाद लिखा कि यह पुस्तक ही हमारा कल्याण करवाती है. इसी से संबंध बनाया जाना चाहिए, तभी छात्रों का कल्याण होगा. इसी से हमारा जीवन संवर सकता है. एक ने तो इतिहास में ऋषि-मुनि का चित्र बना दिया, जिसमें लिखा कि यह शाक्य मुनि हैं और पढ़ने-लिखने से बेहतर है, इनकी पूजा की जाये. ————–व्हॉट्सएप्प पर भी चल रहे हैं कई जोक्स- प्रश्न था, भारत की आजादी में गांधी जी का कितना बड़ा हाथ था? बच्चे ने जवाब में एक बड़े से हाथ की तसवीर बनायी और लिखा, ‘इतना बड़ा हाथ था.’- वहीं एक प्रश्न था ‘रामनवमी’ किसे कहते हैं? बच्चे ने जवाब दिया- ‘जब राम आठवी कक्षा से नवमी कक्षा में गया, तो उसे रामनवमी कहा गया.

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