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धान की खरीद पर हुआ हंगामा

पटना : राज्य में लक्ष्य से कम धान की खरीद पर विप में विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. पहली पहली की कार्यवाही शुरू हाेते ही भाजपा के रजनीश कुमार ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के माध्यम से धान की खरीद पर बहस कराने की मांग की. सभापति ने इसे शून्यकाल में उठाने की सलाह […]

पटना : राज्य में लक्ष्य से कम धान की खरीद पर विप में विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. पहली पहली की कार्यवाही शुरू हाेते ही भाजपा के रजनीश कुमार ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के माध्यम से धान की खरीद पर बहस कराने की मांग की. सभापति ने इसे शून्यकाल में उठाने की सलाह देते हुए कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया.
शुन्यकाल शुरू होते ही भाजपा के सदस्यों ने धान खरीद पर सरकार के जवाब की मांग पर अड़ गये. भाजपा के रजनीश कुमार ने कहा कि पिछले साल 24 लाख मीटरिक टन धान की खरीद हुई थी. इस साल लक्ष्य 30 लाख मीटरिक टन का था और खरीद मात्र 18.35 लाख मीटरिक टन ही हुयी. सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने केबाद विपक्षी दलों के सदस्यों ने बेल में आकर सरकार विरोधी नारा लगाने लगे. सदन में हंगामे को देखते हुए सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
दूसरी पाली में गैर सरकारी संकल्प पर विमर्श के दौरान पुन: भाजपा के सदस्यों ने मतदान कराने पर अड़ गये. भाजपा के कृष्ण कुमार सिंह के गैर सरकारी संकल्प के दौरान अभिस्ताव वापस नहीं लेने पर अड़ गये. उन्हेांने कहा कि यह राज्य के किसानों का मामला है.
सदन में यह तय हो जाये कि किसानों को तीन सौ रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने के समर्थन आैर विरोध में कौन हैं? पहली पाली की कार्यवाही संपन्न होने के बाद विरोधी दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विपक्ष ने पहले ही धान की कम खरीद की आशंका व्यक्त की थी. लेकिन सरकार इसे गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि किसानों की धान की खरीद नहीं हो सकी है. वे सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि वे केंद्र सरकार से धान की खरीद की तिथि बढ़ाने का अनुरोध करें. उन्होंने कहा कि धान बिकता तो कम से
कम किसानों को लाभ होता.
श्री मोदी ने आरोप लगाया कि किसानों के छह सौ करोड़ रूपये बकाया है. इसे किसानों को मिलने में अभी दो माह का समय लगेगा. सुखाड़ वाले जिलों में धान की अधिक खरीद और धान के कटोरा वाले जिलों में धान की कम खरीद का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि सुखाड़ वाले जिले अरवल, शेखपुरा और नालंदा में लक्ष्य से अधिक धान की खरीद हुई है.
कहीं इन जिलों में दूसरे जिलों के तो धान नहीं बेचे गये हैं? वहीं भोजपुर, पूर्वी चंपारण, बक्सर, खगड़िया आदि जिलों में लक्ष्य से कम धान की खरीद हुई है. उन्हेांने कहा कि मार्च के अंतिम दस दिन में सर्वाधिक धान की खरीद हुई है, जबकि इस दौरान सर्वाधिक छुट्टी था.

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