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सबकी हां, तो फिर अब कहां टिक सकेगी शराब : स्पीकर

पटना : शराबबंदी पर बुधवार को विधानसभा मेें हुई चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आपस में बातचीत में मशगुल सदस्यों को टोकना पड़ा. मुख्यमंत्री उत्पाद विधेयक की खास बातों की जानकारी दे रहे थे. इस दौरान कुछ सदस्यों की बातचीत सुनायी पड़ी. मुख्यमंत्री ने उन्हें टोका और कहा कि बात तो आपस […]

पटना : शराबबंदी पर बुधवार को विधानसभा मेें हुई चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आपस में बातचीत में मशगुल सदस्यों को टोकना पड़ा. मुख्यमंत्री उत्पाद विधेयक की खास बातों की जानकारी दे रहे थे. इस दौरान कुछ सदस्यों की बातचीत सुनायी पड़ी.
मुख्यमंत्री ने उन्हें टोका और कहा कि बात तो आपस में करबे कीजिएगा अभी तो सुन लीजिए. मुख्यमंत्री जब अपनी बात रख रहे थे उस समय वह पूरी तरह अपनी रौ में थे. बिहार की सीमा होकर दूसरे राज्य से आने वाली गाड़ियों के दूसरे राज्य में जाने पर चर्चा हो रही थी. उनका कहना था कि गाड़ी खराब भी हो गयी तो 24 घंटे में ठीक भी हो जायेगा और आपको बाहर भी निकल जाना पड़ेगा. सीएम कह रहे थे. शराब की बोतलों पर जो होलोग्राम लगेगा वह नासिक में प्रिंट होगा.
नकल भी संभव नहीं है. शराबबंदी को लेकर सदस्यों में जबरदस्त उत्साह दिख रहा था. जब विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि विधेयक के पक्ष में जो है वह हां कहें तो विपक्ष के नेता डा प्रेम कुमार, नितिन नवीन और ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू अपनी सीट पर खड़े होकर कहा अध्यक्ष महोदय इसे सर्व सम्मति से कहा जाये. इस पर स्पीकर ने भी खुशी की इजहार करते हुए कहा लगता है कि सरकार की यह नीति जरूर सफल होगी. सब लोग कह रहे हैं सर्वसम्मति, मैंने तो अभी हां की ही बात की है.
ना पक्ष से तो एक भी आवाज नहीं आ रही. इस पर मुख्यमंत्री ने नहले पर दहला दागा. उठ कर कहा ना में एक भी नहीं इसलिए सर्वसम्मति. इस दौरान भारत माता के जयकारे भी लगे. विपक्ष की ओर से आवाज आयी भारत माता की जय तो जवाब में सत्ता पक्ष से किसी ने कहा नीतीश कुमार की जय. हालांकि, विपक्ष ने इस दौरान कुछ मौकों पर सरकार पर ताना कसने में कोई चूक नहीं की. भाजपा विधायक विजय कुमार सिन्हा ने पूछा कि क्या वीआईपीज के ड्राइंग-रुमों से भी सरकार शराब हटवायेगी?
उन्होंने पूछा कि देशी और विदेशी शराब की जांच का क्या कोई पैमाना भी विभाग ने तय किया है क्या? उन्होंने पूछा कि क्या सरकार शराब बंदी का उल्लंघन करने वाले विधायकों पर भी कार्रवाई करेगी?
प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार शराब बंदी को ले कर एनडीए की पीठ थपथपाने से भी नहीं चूके. उन्होंने कहा कि विधान सभा चुनाव में हमने जनता से पूर्ण शराब बंदी कराने का वायदा किया था. हम चाहते हैं कि बिहार में शराब नहीं, दूध की नदियां बहे.
जदयू विधायक श्याम रजक चर्चा के दौरान भाजपा पर निशाना साधने से नहीं चूके. उन्होंने कहा कि शराब बंदी तो पहले भी हो सकती थी, किंतु क्यों नहीं हुआ? भाजपा के पास इसका कोई जवाब नहीं है. उन्होंने भाजपा को ‘अगरबत्तीवादी’ करार दिया और कहा कि असली जेपी और लोहियावादी तो हम लोग हैं.
शराब बंदी पर हुई चर्चा में गुजरात भला कैसे बंचित रहता? प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने कहा कि गुजरात ने तो पूर्ण शराबबंदी के मामले में पहले ही किर्तिमान स्थापित कर लिया है. सिर्फ गुजरात ही नहींं. बल्कि ‘गौ-हत्या’ का मामला उठाने में भी पीछे नहीं रहें.
सत्ता पक्ष
मुख्यमंत्री का यह ऐतिहासिक कदम है. चार हजार करोड़ की तिलांजलि देते हुए उन्होंने महिलाओं और गरीबों के पक्ष में बड़ा काम किया है. सौ साल बाद इस कानून में बदलाव किया गया है. यह साहसिक कार्य है. मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं. सराहनीय प्रयास है उन्होंने ईमानदारी से इसे लागू किया है. पूर्ण शराबबंदी होगी. शनै:शनै यह लागू होगा.
सदानंद सिंह, कांग्रेस
विपक्ष के नेता प्रेम कुमार अगरबत्ती वाद का प्रचार कर रहे हैं. विजय माल्या को भाग जाने देते हैं और यहां कहते हैं कि दूध की नदियां बहायेंगे. हम लाेग जेपी और लोहिया वादी हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह साहसिक कदम उठाया है. शराबबंदी से व्यापक असर होगा. सबसे अधिक शराबबंदी से गरीब लोगों को राहत मिलेगी.
श्याम रजक, जदयू
यह ऐतिहासिक फैसला है. समाजवादियों का यह सपना रहा है. गांधी, लोहिया और जेपी ने शराबबंदी का सपना देखा था. शराबबंदी के खिलाफ मुजफ्फरपुर में महिलाओं ने आंदोलन किया था. मुख्यमंत्री का यह फैसला और इस विधेयक से पूरे राज्य की महिलाओं को खुशी होगी, खासकर मुजफ्फरपुर की महिलाओं को.
महेश्वर यादव, राजद
बिहार में शराबबंदी के ऐतिहासिक पहल पर भाजपा की ओर से बार-बार तंज कसना बिहारद्रोही मानसिकता का परिचायक है. विजय माल्या जैसे शराब माफियाओं से मिले पैसों को खाकर भाजपा नेता इस कदर मदमस्त हो गये हैं कि उन्हें अब बिहार के लोगों का स्वास्थ्य और गरीब गुरबों के घरों की खुशहाली भी नहीं सुहा रही. भाजपा की जहां-जहां सरकारें हैं, वह शराबबंदी लागू करके दिखाये.
नवल शर्मा, प्रवक्ता, जदयू
शराबबदी सामाजिक -सांस्कृतिक आंदोलन है. सदन के लिए आज का दिन ऐतिहासिक दिन है. मुख्यमंत्री ने अपने संकल्प को आज पूरा किया है. इस निर्णय से राज्य के 11 करोड़ लोग खुश हैं. जयशंकर प्रसाद की कामायनी में मनु द्वारा कहा गया है कि सृष्टि का विनाश देवों द्वारा सुरा पीने की वजह से ही हुआ. इसके कारण पूरा देव लोक भ्रष्ट हो गया है.
केदार नाथ पांडेय,
सामाजिक सांस्कृतिक आंदोलन
बिहार के इस कदम की सफलता के लिए संपूर्ण बिहारवासी कमर कसे हुए हैं, पर भाजपा नेता इर्ष्यावश इसमें मीन-मेख निकालने में जुटे हैं. हमारी महागंठबंधन सरकार का संकल्प है.
इसके लिए शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में बच्चों के अभिभावकों से शराब नहीं पीने के लिए संकल्प पत्र भरवा रहें हैं. भाजपा के प्रो नवल किशोर यादव ने बच्चों से शराब नहीं पीने के लिए शपथ भरवाने का विरोध किया.
दिलीप कुमार चौधरी, कांग्रेस
विपक्ष
देश का पहला राज्य गुजरात है जहां पूर्ण शराबबंदी लागू की गयी है. मुख्यमंत्री ने पूर्ण शराबबंदी की बात कही थी. अब इसे बदल दिया गया है. सरकार इस पर विचार करे. भ्रम की स्थिति है. जब हम सरकार में थे, तो कैबिनेट में दुकानों की संख्या बढाने का विरोध किया था. उस समय मुख्यमंत्री ने पैसा कहां से आयेगा कह कर मना कर दिया था.
डा प्रेम कुमार, नेता विपक्ष
विधेयक को लागू करने के पहले छह महीने में जनमत कराना चाहिए. जनता की राय जान लेने के बाद इस पर विचार करना चाहिए. कारण बिना प्रचार प्रसार के गरीब लोग जो अखबार या न्यूज नहीं पढ़ते-सुनते, उन्हें कानून की जानकारी नहीं होगी और वह जेल चले जायेंगे. इसके िलए व्यापक प्रचार प्रसार होना जरूरी है, तभी यह सफल होगा.
अरुण कुमार सिन्हा
हमलोग पहले से ही शराबबंदी के पक्ष में रहे हैं. गरीबों का नुकसान हो रहा था. देर से ही सही सरकार ने अच्छा फैसला लिया है. हमलोग पहले से ही शराब के विरोधी रहे हैं. हम सरकार के पूर्ण शराब बंदी का समर्थन करते हैं. जन जागरण में भी पूर्ण भूमिका निभायेंगे. सरकार को अपनी बातों पर अडिग रहना होगा.
सत्यदेव राम
सदन के सदस्यों के साथ ही आइएएस अधिकारियों को भी शराब नहीं पीने का संकल्प दिलायें. विधायिका के साथ न्यायपालिका और कार्यपालिका को भी इसके लिए संकल्प लेने की जरूरत है. 1915 में उत्पाद कानून बना था. 2015 में नयी उत्पाद नीति लायी गयी. अब एक साल बाद 2016 में संशोधन हो रहा है. यह जिनके हित के लिए लाया गया है वह उद्देश्य भी दिखना चाहिये.
विजय कुमार सिन्हा, भाजपा
सरकार 101 साल बाद संशोधन कर रही है. सरकार को संशोधन नहीं लाकर नया विधेयक लाना चाहिए था. इसके साथ पुराने विधेयक की प्रति भी सदन में देनी चाहिये थी, ताकि तुलना किया जा सके. इस विधेयक से अफसर शाही को बढावा मिलेगा. जनता काे दंड की जानकारी दिये बिना इसे लागू किया जा रहा है. सरकार को इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए.
संजय सरावगी
एक अप्रैल को नौ बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू होगी उसी समय विधानसभा अध्यक्ष महोदय सभी सदस्यों को शराबबंदी को लेकर संकल्प दिलवायें. जब विदेशी शराब पर प्रतिबंध नहीं तो पूर्ण शराबबंदी को कैसे लागू करेंगे. आप कह रहे हैं कि दुकानों की संख्या कम हो गयी. लेिकन सरकारी दुकानों की संख्या कम होने पर भी शराब का कोटा वही रहा. इस पर रोक लगनी चाहिए.
गायत्री देवी

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