पटना : राज्य में एक अप्रैल से लागू होने जा रही शराबबंदी को पूरी मुस्तैदी से लागू करने के लिए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने कई स्तरों पर ठोस कदम उठाये हैं. इसके तहत अब राज्य में किसी तरह के स्पिरिट को बेचने का लाइसेंस भी किसी निजी व्यक्ति या संस्थान को नहीं दिया जायेगा. इसके थोक या खुदरा व्यापार के लिए भी अनुमति सरकार के स्तर पर नहीं दी जायेगी. शराबबंदी अभियान के साथ ही इसे भी पूरी सख्ती से लागू किया जायेगा.
वर्तमान में तमाम तरह के स्पिरिट बेचने के लाइसेंसों को 31 मार्च के बाद रद्द कर दिया जायेगा. इन स्पिरिटों को भी सरकार बिहार वेबरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से बेचेगी. जिन व्यापारियों या व्यवसाय में इसकी जरूरत पड़ती है, उन्हें कॉरपोरेशन के डिपो से लाइसेंस के आधार पर इसे मुहैया कराया जायेगा.
मिथाइल स्पिरिट या एल्कोहल का उपयोग बड़ी मात्रा में होमियोपैथी और आयुर्वेदिक दवाओं को तैयार करने में किया जाता है. इसके अलावा कई दवाओं में इसका उपयोग होता है. वहीं, डिनेचर स्पिरिट का उपयोग लकड़ी या अन्य तरह के पॉलिश या फिनिशिंग वर्क में होता है. इन स्पिरिटों का व्यापक उपयोग अन्य कई तरह के व्यावसायिक कार्यों में भी होता है. इस वजह से इनकी उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए इसकी लाइसेंसिंग और उठाव को नियंत्रित कर दिया गया है. सरकार इनकी बिक्री विदेशी शराब की तर्ज पर ही अपने स्तर से करेगी. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने नयी उत्पाद नीति में इन पदार्थों को भी शामिल कर दिया गया है.
शहरी क्षेत्र के बार और क्लब में बिकेगी शराब
राज्य के सभी नगर निगम व नगर परिषद क्षेत्रों में मौजूद बार, रेस्टोरेंट और होटल में जहां शराब मिलती है, वहां विदेशी शराब की बिक्री जारी रहेगी. इन्हें अपना लाइसेंस निर्धारित शुल्क जमा करके नवीकरण कराना होगा. वहीं, ग्राम पंचायत और नगर पंचायत समेत तमाम ग्रामीण क्षेत्र में मौजूद बीयर बार या रेस्टोरेंट में किसी तरह की शराब की बिक्री नहीं होगी. इनका लाइसेंस भी 31 मार्च के बाद रद्द कर दिया जायेगा और इनका कभी नवीकरण नहीं किया जायेगा. सिर्फ पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल राजगीर और बोधगया में बीयर बार और रेस्टोरोंटों में शराब मिलेगी.
अब मिलिटरी कैंटीन में सील खोलकर ही बेची जायेगी शराब
राज्य में मौजूद सभी सीआरपीएफ, मिलिटरी, शस्त्र बल और घुड़सवार बलों की कैंटीन में विदेशी शराब मिलेगी. इनके लाइसेंस का रिन्यूवल किया जायेगा. इनमें मिलने वाली व्हीस्की, रम या वोदका समेत अन्य तरह की विदेशी शराबों की बोतलों की सील तोड़कर बिक्री सैनिकों के बीच की जायेगी. सील बंद बोतल बेचने की अनुमति यहां नहीं होगी.