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देखिए, टेबुल उलटियेगा तो गलत बात होगी
पटना : लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर विधानमंडल में मंगलवार को कई रंग दिखे. विधानसभा में सदन के अंदर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी को हेड मास्टर की भूमिका में आना पड़ा. वेल में नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों को उन्हें चेतावनी देनी पड़ी कि यदि सदन में रिपोर्टर टेबुल को पलटने की कोशिश की गयी […]
पटना : लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर विधानमंडल में मंगलवार को कई रंग दिखे. विधानसभा में सदन के अंदर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी को हेड मास्टर की भूमिका में आना पड़ा. वेल में नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों को उन्हें चेतावनी देनी पड़ी कि यदि सदन में रिपोर्टर टेबुल को पलटने की कोशिश की गयी तो यह गलत बात होगी. स्पीकर के कड़े तेवर ने विपक्ष के सदस्यों को आगे बढ़ने से रोक लिया.
लेकिन, विपक्ष अपनी मांगों को लेकर दिन भर वेल में जमा रहा. युवा सदस्य नारेबाजी में आगे रहे तो बुजुर्ग सदस्यों ने भी उनका भरपूर साथ दिया. शोरगुल और नारेबाजी के बीच सदन की कार्रवाई अधिक से अधिक समय तक चले आसन की यह पहल सफल रही. यही कारण था कि सदन में भोजनावकाश के पहले विपक्ष के सदस्य मुख्यमंत्री चापाकल योजना को लेकर वेल में, नारेबाजी में मशगूल थे इस दौरान प्रश्नोत्तर काल में 19 सवालों के जवाब हुए.
14 सदस्यों के प्रश्नोत्तर काल के दौरान मौजूद नहीं रहने के कारण उनके सवाल नहीं लिये जा सके. वेल में नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों के नेता डा प्रेम कुमार बार-बार आसन से सदन को आर्डर में लेने का अनुरोध कर रहे थे. करीब चार बार डा प्रेम कुमार ने आसन से ऐसा अनुरोध किया. वेल में खड़े नौतन के भाजपा विधायक नारायण प्रसाद लड़खड़ा कर गिर पड़े. उन्हें एक सदस्य ने संभाला. उसके बाद फिर वह सरकार विरोधी नारा लगानेवाले सदस्यों के साथ शामिल हो गये.
विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी से सत्ता पक्ष भी अपने को रोक नहीं सका. अचानक हां, पक्ष की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद का नारा लगा. यह आवाज एक महिला सदस्य की थी.
भोजनावकाश के बाद भी सदन इसी आर्डर में था. आसन जब-जब विपक्षी सदस्यों से शांति की अपील करता, नारे लगाने में युवा सदस्य और जोर लगा देते. युवा सदस्य मिथिलेश तिवारी ने मेज थपथपाने की अपने अलग अंदाज से सदन को रू-ब-रू कराया. हंगामे के बीच ही जदयू की महिला सदस्य कविता कुमारी को अपनी बात रखने का अवसर मिला. दूसरी बार विधायक बनी कविता कुमारी ने जब शायराना अंदाज में कहा कि हार नहीं मानूंगी. ताे आसन से आवाज आयी- वाह क्या बात है. आसन पर इस समय अध्यासी सदस्य राजद के इलियास हुसैन बैठे थे.
सदन में पहली बार आये कांग्रेस के अमित कुमार टुन्ना की बारी आयी तो उन्हाेंने भी पूरजोर तरीके से अपनी बात सदन में रखी. जैसे ही वह रूकते, आसन उन्हें और बोलने को प्रोत्साहित करता और सत्ताधारी दल के सदस्य मेज थपथपा कर उनका स्वागत करता.
मंत्री जी आपके साथ हैं विरोध में नहीं
विधान परिषद की कार्यवाही भी रोचक रही. राजद की रीना यादव के वक्तव्य पर सदस्यों की हंसी फूट पड़ी. ध्यानाकर्षण के एक मामले वह प्रभारी मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव के जवाब से संतुष्ट नहीं थी. वह बोल पड़ी, मंत्री जी हम आपके साथ में हैं, विरोध में नहीं. इस पर मंत्री ने कहा कि मामले को फिर से दिखवा लेंगे. ऐसे नियम तो नियम होता है.
विधान परिषद में वाद-विवाद के दौरान कांग्रेस के दिलीप कुमार चौधरी द्वारा बार-बार बीच में बोलने पर भाजपा के कृष्ण कुमार सिंह को उन्हें टोकना पड़ा. कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि चौधरी जी आप सदन के सचेतक हैं. सचेत रहिये. ऐसे टोकते रहेंगे तो कैसे काम चलेगा.
आप ध्यानपूर्वक सुनिये. सत्ता पक्ष के राणा गंगेश्वर सिंह राजस्व व भूमि सुधार विभाग के बजट पर अपनी बात कहने के दौरान कहा कि विभाग द्वारा काफी काम हो रहा है. विभाग के मंत्री मदन मोहन झा नौजवान हैं. खुब काम कर रहे हैं. इस पर सत्ता पक्ष के नीरज कुमार ने दहला मारते हुए कहा कि बाल रंगा हुुआ है. बजट चर्चा के दौरान जदयू के ललन सर्राफ ने विजय माल्या के बारे में कहा कि विजय माल लिया, भाग लिया. इस पर सदस्य अपनी हंसी रोक नहीं पाये.
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