राज्य में प्रमुख 11 रोगों के प्रसार की सूची जारी
पटना : राज्य में कुत्ते के काटने की समस्या बड़ी बीमारियों में शामिल हो गयी है. रोगों में कुत्ता काटने की बीमारी चौथे स्थान पर है. हाल ही में सरकारी आंकड़ों में पाया गया है कि राज्य में छह लाख 27 हजार लोगों को कुत्तों ने काटा है. अस्पताल पहुंचनेवाले रोगियों में इसकी संख्या 12 फीसदी हो गयी है. राज्य में प्रमुख 11 रोगों के प्रसार की सूची जारी की गयी है.
राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा दो वित्तीय वर्षों (2013-14 और 2014-15) के प्रमुख रोगों के आंकड़ों को तैयार कराया गया है. बताया गया है कि राज्य में सबसे अधिक जनस्वास्थ्य की समस्या चार प्रकार की बीमारियां हो गयी हैं. तेज सांस की बीमारी, अज्ञात बुखार, डायरिया और कुत्ता काटने की प्रमुख बीमारी है.
तेज सांस की शिकायत राज्य के 17 लाख 30 हजार लोग में पायी गयी है. इसी तरह से अज्ञात मूल के बुखार से 13 लाख 18 हजार लोग पीड़ित हुए. डायरिया से भी छह लाख 87 हजार लोग पीड़ित हुए. पेचिश की शिकायत लेकर तीन लाख 64 हजार लोग पहुंचे. पेचिस का मुख्य कारण दूषित जल का सेवन है.
राज्य में 13 जिला (1590 बसावटों) में आर्सेनिक, 11 जिला (1157 बसावट) में फ्लोराइड और नौ जिला (18673 बसावट) में आयरन की मात्रा आवश्यकता से अधिक पायी जाती है. राज्य में बढ़ रही सांस की तकलीफ पर श्वसन रोग विशेषज्ञ डा उदय कुमार ने बताया कि इसका सीधा कारण है कि पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ी है. सिगरेट, बीड़ी और हुक्का पीनेवालों की संख्या में कमी हुई है, तो स्वाभाविक है कि दूसरे कारण सांस की तकलीफ को बढ़ा रहे हैं. इसमें आटोमाबाइल की संख्या में बेतहासा वृद्धि हुई है.
निर्माण कार्य से भी प्रदूषण की समस्या बढ़ी है. राज्य में अगर सांस की तकलीफ के मरीजों की संख्या अधिक है तो सरकार को उसी के अनुसार सेवाओं की प्राथमिकता भी निर्धारित करनी होगी. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर इस तरह की बीमारियों के इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए. डायरिया का सीधा संबंध स्वच्छता को लेकर है. स्वच्छता में सुधार होगा तो डायरिया में स्वत: कमी आ जायेगी.