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राष्ट्रपति पुरस्कार को जिलों से मांगे गये शिक्षकों के नाम
30 मार्च तक जिलों को नाम देने का निर्देश, राज्य पुरस्कार में 50 फीसदी महिलाओं को जगह पटना : शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए शिक्षकों के नामों की अनुशंसा करने का निर्देश दिया है. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डा. डी. एस. गंगवार ने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक (आरडीडीइ) और […]
30 मार्च तक जिलों को नाम देने का निर्देश, राज्य पुरस्कार में 50 फीसदी महिलाओं को जगह
पटना : शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए शिक्षकों के नामों की अनुशंसा करने का निर्देश दिया है. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डा. डी. एस. गंगवार ने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक (आरडीडीइ) और जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) को 30 मार्च तक शिक्षकों के नामों और संबंधित परफॉर्मा भर कर विभाग को सौंपने का निर्देश दिया है. इसके लिए शुक्रवार को निर्देश जारी कर दिये गये.
जिलों से क्लास एक से आठ तक के प्रारंभिक स्कूलों के लिए और क्लास 10 से 12 तक के हाइ व प्लस टू स्कूल के लिए अलग-अलग नाम मांगे गये हैं. इस प्रारंभिक स्कूलों में यह पुरस्कार सरकारी प्रारंभिक स्कूलों के साथ-साथ केंद्रीय विद्यालय संगठन, सैनिक स्कूल, आण्विक ऊर्जा सोसायटी, नवोदय विद्यालय, सीटीएसए के शिक्षक-शिक्षिकाओं का चयन किया जायेगा. राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए उन्हीं शिक्षकों के नामों की अनुशंसा की जायेगी, जो बेदाग होंगे. शिक्षकों पर कोई आरोप, विभागीय जांच, फौजदारी या कोई कानूनी कार्रवाई लंबित ना हो इसकी भी अनुशंसा संबंधित जिले के डीइओ करेंगे. राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए वहीं शिक्षक योग्य माने जायेंगे, जिनकी सेवा सात साल हो चुकी होगी. साथ हीराज्य पुरस्कारों में 50 फीसदी महिला शिक्षकों को प्रतिनिधित्व मिलेगा व नियोजित शिक्षकों को भी इसमें शामिल किया जायेगा.
राज्य पुरस्कार के लिए हर जिले से दो शिक्षक का नाम भेजने का निर्देश दिया गया है. राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षक भी राज्य पुरस्कार के लिए योग्य माने जायेंगे. इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, पिछड़ा व अल्पसंख्य कोटि के शिक्षकों की योग्यता रहने पर उन पर विशेष ध्यान दिया जाये.
इसके अलावा शिक्षक अगर प्राथमिक स्कूल (क्लास एक-पांच) में कार्यरत हैं तो क्लास पांचवीं में और अगर मिडिल स्कूल (क्लास आठ तक) में कार्यरत हैं तो आठवीं क्लास में कितने बच्चे नामांकित थे, कितने परीक्षा में शामिल हुए और किसे क्या ग्रेड मिला, इसका आंकड़ा देना होगा. हाइ व प्लस टू स्कूलों जिन शिक्षकों का चयन किया जायेगा उनके स्कूल का मैट्रिक या इंटर का पांच सालों का परीक्षाफल भी देना होगा. कितने छात्र-छात्राए परीक्षा में शामिल हुए, कितने पास किये, कितने फर्स्ट किये और कितने असफल रहे, इसका पूरा आंकड़ा देना होगा.
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