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किताबों के साथ बच्चों को दें जिंदगी की शिक्षा: प्रधान सचिव
पटना : किताबी शिक्षा के साथ ही बच्चों को जिंदगी की शिक्षा देना भी जरूरी है. अगर बच्चे अपनी जिंदगी के बारे में नहीं जानेंगे तो उनके अंदर सामाजिकता नहीं आयेगी. ऐसे में अभिभावक को चाहिये वह जिंदगी से जुड़े पहलुओं के बारे में बच्चों को बतायें. यह कहना है शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव […]
पटना : किताबी शिक्षा के साथ ही बच्चों को जिंदगी की शिक्षा देना भी जरूरी है. अगर बच्चे अपनी जिंदगी के बारे में नहीं जानेंगे तो उनके अंदर सामाजिकता नहीं आयेगी. ऐसे में अभिभावक को चाहिये वह जिंदगी से जुड़े पहलुओं के बारे में बच्चों को बतायें. यह कहना है शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डॉ धर्मेंद्र सिंह गंगवार का. वे शनिवार को केयर इंडिया व यूनिसेफ की ओर से आयोजित समावेशी और लैंगिंग संवेदनशीलता विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. डॉ गंगवार ने कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में लाइब्रेरी की सुविधा दी जा रही है.
बच्चों को भारत की संस्कृति और समाज में एक दूसरे के प्रति प्रेम आदि जैसे विषयों के बारे में जानकारी देनी चाहिए. वहीं यूनिसेफ के प्रोग्राम मैनेजर शिवेंद्र पांड्या ने कहा कि बच्चों को असली शिक्षा तीन से छह वर्ष की आयु में दी जानी चाहिये. ऐसा करने से बच्चों का मानसिक विकास होगा. इसके अलावा पांचवीं से आठवीं कक्षा में बच्चों को जिंदगी व समाज का पाठ पढ़ाना जरूरी होता है.
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