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मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने कहा – कितना बैंड बजाओगे, मैं सोऊं तो कैसे सोऊं
पटना : राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिलाल नाजकी ने बताया कि मानवाधिकार के बारे में कम जागरुकता है. यहीं कारण है कि शादी के मौसम में देर रात तक लोग बैंड बजाते रहते हैं, जिससे मेरी भी नींद खराब हो जाती है. आयोग के अध्यक्ष के नाते मैं इसे स्वत: संज्ञान भी नहीं […]
पटना : राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिलाल नाजकी ने बताया कि मानवाधिकार के बारे में कम जागरुकता है. यहीं कारण है कि शादी के मौसम में देर रात तक लोग बैंड बजाते रहते हैं, जिससे मेरी भी नींद खराब हो जाती है. आयोग के अध्यक्ष के नाते मैं इसे स्वत: संज्ञान भी नहीं ले पा रहा हूं. उन्होंने कहा, कोई शिकायत भी नहीं करता.
आखिर मैं कैसे स्वत: संज्ञान लूं और सुनवाई करूं. सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट आदेश दिया है कि रात में बैंड बजाने पर रोक रहेगी. उन्होंने कहा कि एक मुहल्ले में कैसेट का दुकानदार जोर-जोर से साउंडबॉक्स बजाता था. तीसरी कक्षा की एक लड़की ने आयोग को सूचना दी. इसकी पड़ताल करायी गयी और उस दुकान में बाजा बजाने पर रोक लगा दी गयी.
मानवाधिकार का सर्वश्रेष्ठ कार्य बिहार में : नाजकी
राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिलाल नाजकी ने सोमवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस में कहा कि मानवाधिकार के मामले में बिहार की स्थिति दूसरे राज्यों से बेहतर है. राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित मानवाधिकार आयोग की बैठक में बिहार का कार्य सर्वश्रेष्ठ माना गया. इसका कारण राज्य सरकार का पूर्ण सहयोग है. उन्होंने कहा कि आयोग अनुशंसा करनेवाली संस्था है, जबकि उसका त्वरित पालन करना सरकार का काम है. आयोग को जितनी भी शिकायतें मिलीं, 99 फीसदी मामलों का निष्पादन राज्य सरकार ने कर दिया.
उन्होंने आयोग की पहल के बाद राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए कहा, एक स्कूल में तीन हजार विद्यार्थी थे और शिक्षक महज दो थे. जब इस मामले को आयोग ने संज्ञान में लिया, तो वहां पर सात शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गयी. एक मामला पानी तैर कर बच्चों को स्कूल जाने का आया और जब इसको संज्ञान में लिया गया, तो वहां पर नाव की व्यवस्था कर दी गयी.
उन्होंने कहा कि लोगों को मानवाधिकार के नाम पर साेशल एक्टिविस्ट होकर काम करने से कोई नहीं रोक सकता, पर कुछ ऐसे भी मामले आये हैं, जहां पर कुछ लोगों द्वारा पैसा लेकर मानवाधिकार के नाम कार्यालय चला रहे हैं. उन्होंने घोषणा की कि मानवाधिकार आयोग के क्षेत्र में काम करनेवाले सर्वश्रेष्ठ अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकारों को आयोग सम्मानित करेगा. उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा 25 पैसे के पोस्टकार्ड पर भी सुनवाई होती है. न्याय का यह सबसे सस्ता फोरम है.
अधिकारियों को कर रहे प्रशिक्षित : नीलमणि
इस मौके पर मानवाधिकार आयोग के सदस्य नीलमणि ने बताया कि आयोग की ओर से जागरुकता के लिए जिलों में कार्यशाला चलायी जा रही है. जिला स्तर पर सभी पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पुलिस को अलग से प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ही कॉलेज के विद्यार्थियों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है.अन्य सदस्य न्यायमूर्ति मांधाता सिंह मानवाधिकार के संबंध में मीडिया जो सूचना देती है, उसको संपूर्णता में व छानबीन कर दी जानी चाहिए.
खबर लिखते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि कहीं ऐसी गलत सूचना न प्रकाशित हो जाये, जिससे किसी का मानवाधिकार का हनन हो. आयोग के सचिव संजीव कुमार सिन्हा बताया कि मानवाधिकार के नाम पर कुछ लोग गलत काम कर रहे हैं. मीडिया को ऐसे लोगों का उजागर करना चाहिए. इस मौके पर आयोग से एसपी वकील अहमद और उप सचिव अभिजीत कुमार शामिल थे.
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