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देशद्रोह में छात्र संघ अध्यक्ष गिरफ्तार, बिहार के हैं कन्हैया

जेएनयू. अफजल गुरु के समर्थन में कार्यक्रम का मामला कोर्ट में कहा, संिवधान में मेरी पूरी आस्था नयी दिल्ली : जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को राष्ट्रद्रोह के एक मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें एक स्थानीय अदालत ने तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने कोर्ट […]

जेएनयू. अफजल गुरु के समर्थन में कार्यक्रम का मामला
कोर्ट में कहा, संिवधान में मेरी पूरी आस्था
नयी दिल्ली : जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को राष्ट्रद्रोह के एक मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें एक स्थानीय अदालत ने तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने कोर्ट में कार्यक्रम को लेकर एक सीडी भी पेश की, जिसे कोर्ट ने लैपटॉप पर देखा.
इधर कन्हैया ने पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि संविधान में पूरी आस्था है. कन्हैया पर आरोप है कि उन्होंने संसद पर आतंकी हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी के खिलाफ एक कार्यक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन की मनाही के बाद भी परिसर में आयोजित किया. उनकी गिरफ्तारी भाजपा सांसद महेश गिरि और एबीवीपी सदस्यों की शिकायतों के बाद राष्ट्रद्रोह व आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज होने के एक दिन बाद की गयी है. इधर, गिरफ्तारी को लेकर छात्रों में आक्रोश भड़क गया.
गैर भाजपा दलों ने इसकी आलोचना करते हुए इसे ‘आपातकाल जैसी’ स्थिति करार दिया, तो भाजपा ने कड़ी कार्रवाई की वकालत की. इस बीच भाकपा सचिव डी राजा ने परिसर का दौरा करके कुलपति व रजिस्ट्रार से मुलाकात की. छात्रों के हितों का संरक्षण की मांग की.
समर्थन व विरोध में प्रदर्शन
विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने कुलपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. प्रशासन ने इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की जिसमें छात्रों की तुलना आतंकवादियों से की जा रही है.
इससे पहले एबीवीपी सदस्यों ने इंडिया गेट पर एक विरोध मार्च निकाला. इधर, जेएनयू शिक्षक संघ ने भी गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे अनावश्यक करार दिया. वहीं विवि के कुलपति जगदीश कुमार ने कहा कि िववि ऐसी गतिविधियों की कड़ी निंदा करता है, जो देश के कानूनों का उल्लंघन करती है.
क्या है मामला
विवाद इस सप्ताह के शुरू में तब उत्पन्न हुआ था जब कुछ छात्रों ने पूरे परिसर में पोस्टर चिपकाकर लोगों का आह्वान किया था कि वे ‘अफजल गुरु और मकबूल भट की फांसी’ के खिलाफ और ‘लोकतांत्रिक अधिकारों और आत्मनिर्णय के लिए कश्मीरियों के संघर्ष’ के साथ एकजुटता दिखाते हुए एक विरोध मार्च में शामिल होने के लिए विश्वविद्यालय के साबरमती ढाबे पर एकत्रित हों.
एबीवीपी सदस्यों ने इस कार्यक्रम पर आपत्ति जतायी और कुलपति को पत्र लिखकर कहा कि किसी भी शैक्षिक संस्थान के परिसर में इस तरह का मार्च नहीं होना चाहिए. इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने मार्च रद्द करने का आदेश जारी किया . यद्यपि अनुमति रद्द होने के बावजूद आयोजक इस कार्यक्रम के साथ आगे बढ़े और इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन के स्थान पर इस पर सांस्कृतिक, कला व फोटो प्रदर्शनी आयोजित की .
िबहार के हैं कन्हैया
कन्हैया कुमार बेगूसराय जिले के बिहट के मसनदपुर टोले का रहनेवाले हैं. वह भाकपा माले की विचारधारा से जुड़े हैं. उनके दो भाई और एक बहन हैं. मां का नाम मीना देवी और पिता का नाम जयशंकर सिंह हैं. बड़े भाई प्राइवेट नौकरी करते हैं, जबिक छोटा भाई पीजी की पढ़ाई पूरी कर एमफिल कर रहा है. कन्हैया जेएनयू से पीएचडी कर रहे हैं.
आठ छात्रों पर कसा शिकंजा
जेएनयू ने परिसर में अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ आयोजित कार्यक्रम मामले में अनुशासनात्मक जांच होने तक आठ छात्रों के शैक्षिक गतिविधियों में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी है. इन छात्रों को छात्रावासों में रहने की इजाजत दी गयी है, ताकि वे निष्पक्ष जांच के लिए अपना पक्ष रख सकें.
भारत मां का अपमान कभी सहन नहीं किया जा सकता. आज देवी सरस्वती की वंदना का दिन है. मां सरस्वती आशीर्वाद देती है कि उनके कंठ से जो स्वर निकले वो राष्ट्र को और उन्नत करने के लिए निकलें.
स्मृति ईरानी, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री
जेएनयू का लोकंतत्र मूर्खतापूर्ण विभाजनकारी नारों को बाहर कर देने में पूर्णत: समर्थ है. भाजपा व एबीवीपी जेएनयू को इसलिए बदनाम करना चाह रही हैं कि वह वामपंथ का किला बना हुआ है.
दीपंकर भट्टाचार्य,महासचिव, भाकपा माले

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