पीएमजीएसवाइ : केंद्र नहीं दे रहा है 8700 करोड़
पटना : राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की 15 हजार किलोमीटर सड़क केंद्र के 60-40 के फाॅर्मूले में फंस गयी है. केंद्र के पास बिहार का 8743 करोड़ बकाया है. इस वजह से नयी योजना भी नहीं भेजी जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में बारहमासी सड़क का निर्माण राज्य सरकार की प्राथमिकता और मुख्यमंत्री के सात निश्चय में शामिल है. केंद्र सरकार ने पीएमजीएसवाइ के अधीन बननेवाली सड़कों के लिए पैसे के आवंटन को नया फाॅर्मूला बनाया है.
केंद्र सरकार अब शत प्रतिशत की बजाये मात्र साठ प्रतिशत राशि ही खर्च करेगी. जबकि, राज्य सरकार को बाकी के चालीस प्रतिशत राशि खर्च करनी होगी. केंद्र इस फाॅर्मूले के तहत पैसे कम भेज रही है. जबकि, राज्य सरकार का दावा है कि यह पुरानी योजना है, इसलिए पैसे का आवंटन पुरानी शर्तों के तहत केंद्र को करना है.
वित्तीय वर्ष 2013-14 में पीएमजीएसवाइ फेज -1 में बिहार ने 20199 करोड़ की योजना केंद्र के पास भेजी थी. पहले चरण में केंद्र ने 9648 करोड़ राशि कम भेजी. राशि कम रहने की वजह से 15 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण का मामला फंस गया. पहले इस योजना में शत प्रतिशत राशि केंद्र की ओर से मिलता था, लेकिन अब केंद्र 60 फीसदी राशि ही देगा. 40 फीसदी राशि राज्य को देना है. इस कारण सड़क निर्माण का काम प्रभावित हो रहा है.
यह मौसम सड़क निर्माण के लिए काफी माकूल माना जाता है. मुख्यमंत्री के प्रयास के बाद केंद्र ने 905 करोड़ उपलब्ध कराया. बिहार सरकार अब भी 8743 करोड़ का मांग कर रही है. बिहार सरकार का कहना है कि फेज वन की योजना में केंद्र ने कई राज्यों को पूरी राशि दी तो फिर बिहार को राशि से क्यों वंंचित किया जा रहा है. 60-40 का फार्मूला नयी योजना में लागू हो. सड़क निर्माण के लिए 905 करोड़ मिला है लेकिन संवेदकों का 2100 करोड़ के करीब बकाया है. पूरानी योजना पूरी नहीं हो पाने की वजह से नयी सड़क निर्माण का प्रस्ताव नहीं भेजा जा रहा है.
मंत्री ने कहा
केंद्र हमारे साथ नाइंसाफी कर रहा है. फेज वन में कई राज्यों को केंद्र ने पूरा पैसा दिया. जबकि बिहार के साथ नया फार्मूला लगाया जा रहा है. राशि के अभाव में सड़क निर्माण का काम प्रभावित है. गांवों में बारहमासी सड़क का निर्माण मुख्यमंत्री के निश्चय में है. केंद्र से पैसे का मांग की जा रही है.
शैलेश कुमार. ग्रामीण कार्य मंत्री