कार्यक्रम का उद्घाटन फुलवारीशरीफ के जदयू विधायक श्याम रजक ने किया. एलुमिनी मीट में कॉलेज के सैकड़ों पूर्व छात्रों ने मस्ती की. देर रात तक पुराने दिनों को पूर्ववर्ती छात्र याद करते रहे. कुछ डॉक्टरों ने काॅलेज की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा की. श्याम रजक ने कहा कि देश में दांत के डॉक्टर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, ऐसे में बिहार को भी डेंटिस्ट की काफी जरूरत है. उन्होंने कहा कि पटना डेंटल कॉलेज में दो साल से एडमिशन, प्रोफेसर की कमी व अन्य समस्याओं का एक रिपोर्ट कार्ड तैयार करेंगे. इस समस्या को वह विधानसभा में उठायेंगे. साथ ही प्रदेश सरकार को भी पटना डेंटल कॉलेज की समस्याओं से अवगत करायेंगे.
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एलुमिनी मीट: कॉलेज की समस्या दूर करेंगे
पटना: 26 साल पहले कॉलेज का माहौल कितना अच्छा था. हम सभी दोस्त कैंपस में बैठते थे. डाॅ एलके मल्होत्रा का लेक्चर याद है? वह पल तो भूल ही नहीं सकते, जब मल्होत्रा सर के क्लास में मजा आता था. उक्त बातें पटना डेंटल कॉलेज से 1984 बैच से पढ़ कर निकले डॉ अमलेश और […]
पटना: 26 साल पहले कॉलेज का माहौल कितना अच्छा था. हम सभी दोस्त कैंपस में बैठते थे. डाॅ एलके मल्होत्रा का लेक्चर याद है? वह पल तो भूल ही नहीं सकते, जब मल्होत्रा सर के क्लास में मजा आता था. उक्त बातें पटना डेंटल कॉलेज से 1984 बैच से पढ़ कर निकले डॉ अमलेश और उनके साथियों ने रविवार को कॉलेज के एलुमिनी मीट के दौरान कहीं. कार्यक्रम का आयोजन पटना डेंटल काॅलेज के पूर्ववर्ती छात्रों की ओर से किया गया था.
कभी 300 मरीज आते थे
पहले पूरे बिहार के मरीज यहां इलाज कराने आते थे. यही वजह है कि यहां रोजाना 300 मरीज आते थे. लेकिन, अब यहां 50 मरीज भी नहीं आते हैं. मशीन, डॉक्टर आदि की कमी के कारण यह समस्या है.
डॉ वीके सिंह, पूर्व प्रिंसिपल, पीडीसी
नामांकन को होती थी मारामारी
एक समय ऐसा था जब यहां एडमिशन कराने के लिए बड़े स्तर पर प्रतियोगिता होती थी. यहां पढ़नेवाले छात्र आज देश-विदेश में कॉलेज का नाम रोशन कर रहे हैं. सरकार को सुविधाएं देनी चाहिए.
डॉ रवींद्र कुमार, पूर्ववर्ती छात्र, पीडीसी
कई ने छोड़ दी नौकरी
पटना डेंटल कॉलेज में पिछले साल प्रोफेसर, टीचर आदि पदों पर भरती हुई. लेकिन, सैलरी कम होने के कारण तीन प्रोफेसर ने नौकरी छोड़ दी. टीचर नहीं होने के चलते छात्र भगवान भरोसे पढ़ाई पूरी करते हैं.
डॉ अमलेश कुमार, पीडीसी आयोजन सचिव
कॉलेज पर सरकार का ध्यान नहीं
प्रदेश में अधिक से अधिक दांत के डॉक्टर हों, इसलिए पटना डेंटल कॉलेज की स्थापना की गयी थी. लेकिन, आज यह बदहाल की स्थिति में है. मैंने इसी कॉलेज से पढ़ाई की है. कॉलेज का ही देन है कि मैं इस कॉलेज में प्रिंसिपल भी रहा हूं. इन दिनों इस कॉलेज पर सरकार का ध्यान नहीं है.
डॉ चितरंजन प्रसाद, पूर्व प्रिंसिपल, पीडीसी
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