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सरकार कपड़ा व्यवसाय कर रही चौपट
वैट का विरोध. कपड़ा व्यवसाय पर टैक्स बढ़ाने के खिलाफ दूसरे दिन भी बंद रहीं दुकानें पटना : जब लगन में कमाई की बारी आयी तो सरकार ने इस पर टैक्स लाद कर हमारे व्यवसाय को चौपट करने की साजिश रच दी है. कपड़ा पर 5 प्रतिशत बिक्री कर लादने से कपड़ा व्यापारियों का मनोबल […]
वैट का विरोध. कपड़ा व्यवसाय पर टैक्स बढ़ाने के खिलाफ दूसरे दिन भी बंद रहीं दुकानें
पटना : जब लगन में कमाई की बारी आयी तो सरकार ने इस पर टैक्स लाद कर हमारे व्यवसाय को चौपट करने की साजिश रच दी है. कपड़ा पर 5 प्रतिशत बिक्री कर लादने से कपड़ा व्यापारियों का मनोबल टूट रहा है.
सरकार इसे अविलंब खत्म करने की घोषणा करे. नए टैक्स को काला कानून बताते हुए सरकार के खिलाफ बिहार टेक्सटाइल चैंबर ऑफ कामर्स ने दूसरे दिन भी प्रदर्शन किया. राजधानी तथा इसके आसपास के कपड़ा व्यवसायियों ने अपनी दुकानें बंद रखी और धरना-प्रदर्शन में सरकार के इस फैसले पर 48 घंटे की बंदी रख कर विरोध दर्ज किया. प्रधान सचिव रंजीत सिंह ने बताया कि व्यापारियों का प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा.
हम काली पट्टी लगाकर लगातार सरकार के फैसले का विरोध करेंगे और गणतंत्र दिवस के बाद फिर से आंदोलन की रणनीति बनायी जायेगी.
खेतान मार्केट में आयोजित धरने में संगठन से जुड़े सैंकड़ो व्यापारी जुटे और उन्होंने सरकार के खिलाफ कई नारे लगाये. साड़ी पर कर लादने को उन्होंने नारी के सम्मान से जोड़ते हुए साड़ी है नारी का सम्मान इसे छीन रही सरकार जैसा नारा भी गढ़ा है. प्रधान सचिव रंजीत सिंह ने बताया कि सरकार का यह कदम पूरी तरह व्यापार विरोधी है.
उधर बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने भी सरकार के खिलाफ औपचारिक विरोध जताया है.बीआइए के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा है कि 60 सालों से कपड़ा पर स्थानीय कर, बिक्री कर या वैट लागू नहीं किया गया है. पड़ोसी राज्यों झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी कपड़ा वैट के दायरे में नहीं है. इस कारण अवैध धंधे करनेवाले को बढ़ावा मिलेगा.
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