पटना : श्रीकृष्णापुरी थाने के राजापुर पुल पास हुए स्वर्ण व्यवसायी रविकांत प्रसाद की हत्या मामले में पुलिस ने एक और आरोपित व मास्टरमाइंड गणेश (मैनपुरा, पाटलिपुत्र) को पकड़ लिया. इसे मैनपुरा इलाके में ही पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली. इसके साथ ही पुलिस ने दुर्गेश शर्मा के गिरोह पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है और उस गिरोह के तीन सदस्य सुमन (मैनपुरा, पाटलिपुत्र), अखिलेश (दुजरा देवी स्थान, बुद्धा कॉलोनी) व राजू माली (बुद्धा कॉलोनी) को भी पकड़ लिया.
अब पुलिस को इस घटना में शामिल गिरोह के सरगना दुर्गेश, लाइनर विक्की, गोली मारनेवाला करमू व एक अन्य विक्रम उर्फ पगला की तलाश है. विक्की के माध्यम से ही दुर्गेश शर्मा गिरोह के सारे अपराधी मैनेज होते थे और गणेश को भी दुर्गेश से निर्देश मिलता था. इस संबंध में एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि इस घटना को अंजाम देनेवाले अन्य अपराधियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि पकड़े गये अपराधियों ने कई अहम जानकारी दी है, उस पर फिलहाल अनुसंधान जारी है.
हर माह 10 हजार मिलते थे गणेश को
पकड़े गये गणेश ने कई अहम राज का खुलासा पुलिस के समक्ष किया है. उससे पुलिस को जानकारी मिली है कि वे लोग दुर्गेश शर्मा के इशारे पर काम करते हैं और विक्की के मोबाइल फोन पर दुर्गेश शर्मा निर्देश देता था. इसके बाद विक्की उन लोगों को फलां काम होने की जानकारी देता था. इसके अलावा वह दुर्गेश शर्मा के इशारे पर आसपास के व्यवसयियों से रंगदारी भी वसूलते थे और एक माह में 50 से 60 हजार की रंगदारी वसूल हो जाती थी. उसे प्रतिमाह दस हजार रुपये मिलते थे. इसके अलावा पर्व-त्यौहार में भी कपड़े-जूते खरीदने के साथ ही मिठाई के लिए भी पांच से दस हजार विक्की के माध्यम से आते थे.
रवि को काफी दिनों से जानता था
गणेश ने पुलिस को बताया कि वह काफी दिनों से रविकांत को जानता था. क्योंकि, उसकी दुकान के बगल में ही उसका भी घर है और वह हमेशा वहां आता-जाता था. उसके पास शनिवार की सुबह में मुनचुन, विक्की और करमू आया और उसने बताया कि चलो अपना काम किया जाये. विक्की ने बताया कि रविकांत की हत्या नहीं करनी है, बल्कि उसके पैर में गोली मारनी है. इसके बाद वह दुकान पर गया, तो करमू ने गोली चला दी, जो उसके सीने में लगी. इसके बाद वह वहां से हट गया. घर बगल में था, इसलिए उस समय किसी ने शक नहीं किया. उसे उम्मीद नहीं थी कि पुलिस उस तक पहुंच जायेगी.
मुनचुन की निशानदेही पर खुलासा
व्यवसायी की हत्या की घटना होने के कुछ देर बाद ही पुलिस टीम मुनचुन के घर पर पहुंच गयी थी और फिर मुनचुन ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इसके बाद पुलिस ने मुनचुन को दो दिनों के रिमांड पर लिया और पूछताछ के बाद ही सारी घटना का खुलासा हो गया. मुनचुन ने ही बताया था कि इस घटना को दुर्गेश शर्मा के कहने पर अंजाम दिया गया था और अंजाम देने में उसके साथ गणेश, विक्की, विक्रम उर्फ पगला और करमू शामिल थे.
इधर एडीजी सुनील कुमार बोले हत्या में शामिल अपराधियों का होगा स्पीडी ट्रायल
पटना. बिहार पुलिस के एडीजी मुख्यालय सुनील कुमार ने रविवार को कहा कि राजापुर पुल इलाके में शनिवार को रविकांत की हुई हत्या में शामिल चार और अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फटकार के बाद पुलिस मुख्यालय में देर शाम संवाददाता सम्मेलन कर अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इस हत्याकांड में शामिल सभी अपराधियों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल चला कर उन्हें सजा दिलायी जायेगी. पूरे राज्य में चले विशेष अभियान में 1825 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
एडीजी ने कहा कि स्वर्णकार हत्याकांड का मुख्य आरोपित दुर्गेश शर्मा को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा. 24 घंटे के भीतर अधिकांश अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इस घटना में शामिल मुख्य अपराधी मुनचुन ने सरेंडर किया है. उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की गयी. उसकी निशानदेही पर तीन अपराधी गणेश, राजू, अखिलेश व सुमन को गिरफ्तार किया गया है.
सूचना देनेवालों का नाम गुप्त रखा जायेगा : एडीजी मुख्यालय ने लोगों से आह्वान किया कि अगर किन्हीं से भी कोई अपराधी रंगदारी की मांग कर रहा हो या उनके इलाके में कोई अपराधी लोगों को परेशान कर रहा हो तो पुलिस को सूचना दें. सूचना देनेवालों का नाम गुप्त रखा जायेगा.
थाना प्रभारी की हत्या में शामिल अपराधी पकड़े गये : एडीजी सुनील कुमार ने बताया कि अररिया के भरगामा के थाना प्रभारी प्रवीण कुमार की हत्या में शामिल अपराधी मुन्ना दास और शशि महतो को गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों के खिलाफ मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, अररिया, सुपौल आदि में 40 से अधिक मामले दर्ज हैं. नौबतपुर में मनोज सिन्हा गैंग के अर्पित सिंह को गिरफ्तार किया गया.
लांडे की रिपोर्ट पर इओयू को जांच का जिम्मा : एसटीएफ के एसपी शिवदीप लांडे ने कैमुर में एनएच पर सालाना 1800 करोड़ की कर चोरी की जो रिपोर्ट दी है, उसकी जांच का जिम्मा इओयू को दिया गया है. एडीजी मुख्यालय सुनील कुमार ने इस बात का खंडन किया कि किसी के प्रेशर में किसी पुलिस अधिकारी का तबादला होता है. लांडे के संबंध में आइबी की कोई रिपोर्ट मुख्यालय को नहीं मिली है.