सोलर प्लेट से पांच प्रतिशत कम किया जा सकता है वायु प्रदूषण संवाददाता, पटनादेश में पहला प्रदूषित शहर दिल्ली है, तो दूसरे स्थान पर राजधानी पटना. दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए एक अभियान चलाया, लेकिन इससे वायु प्रदूषण कम नहीं हुआ. पटना के वातावरण में जहरीली धूलकण की मात्रा 149 माइक्रोग्राम व 164 माइक्रोग्राम है, जो मानक से छह गुना अधिक है. वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए डीजल की खपत कम करने की जरूरत है. अगर राजधानी की छतों पर सोलर प्लेट लगे, तो तीन से पांच प्रतिशत वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है. रविवार को सेंटर फाॅर इंवायरमेंट एंड इनर्जी डेवलपमेंट (सीइइडी) के सीइओ रमापति कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राजधानी में दो से नौ घंटे बिजली गुल रहती है. इससे गैर घरेलू क्षेत्र में बड़े-बड़े पावर वाले जेनरेटर से बिजली का उपयोग किया जाता है. सौ मेगावाट बिजली प्रति घंटा उत्पन्न करने के लिए 25 हजार लीटर डीजल जलाया जाता है. साथ ही कोयला, ईंट भट्टा, अनफीट वाहनों की संख्या अधिक, कचरा को जलाने आदि से भी वायु प्रदूषण हो रहा है, जिस पर लगाम लगाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राजधानी में वायु प्रदूषण में हाे रही अप्रत्याशीत वृद्धि से निबटने के लिए तत्काल ठोस योजना बनाने की जरूरत है. उन्होंने मांग की कि सरकार मजबूत इच्छाशक्ति दिखाते हुए अविलंब प्रदूषण से निबटने के लिए कारगर कदम उठाये. इस मौके पर सीइइडी की प्रोग्राम मैनेजर अंकिता ज्योति भी उपस्थित थीं.
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सोलर प्लेट से पांच प्रतिशत कम किया जा सकता है वायु प्रदूषण
सोलर प्लेट से पांच प्रतिशत कम किया जा सकता है वायु प्रदूषण संवाददाता, पटनादेश में पहला प्रदूषित शहर दिल्ली है, तो दूसरे स्थान पर राजधानी पटना. दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए एक अभियान चलाया, लेकिन इससे वायु प्रदूषण कम नहीं हुआ. पटना के वातावरण में जहरीली धूलकण की मात्रा 149 माइक्रोग्राम व […]
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