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वाहन चलाना होगा महंगा

पटना : अब ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ियों के निबंधन शुल्क महंगा हों जायेगा. परिवहन विभाग अपना राजस्व संसाधन में बढ़ोतरी के लिए इसके मौजूदा फीस बढ़ाने पर विचार कर रहा है. आनेवाले दिनों में वाहन के शौकीन लोगों को संबंधित काम के लिए जेबें अधिक ढ़ीली करनी होगी. विभाग फीस बढ़ाने को लेकर सभी पहलुओं […]

पटना : अब ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ियों के निबंधन शुल्क महंगा हों जायेगा.
परिवहन विभाग अपना राजस्व संसाधन में बढ़ोतरी के लिए इसके मौजूदा फीस बढ़ाने पर विचार कर रहा है. आनेवाले दिनों में वाहन के शौकीन लोगों को संबंधित काम के लिए जेबें अधिक ढ़ीली करनी होगी. विभाग फीस बढ़ाने को लेकर सभी पहलुओं पर मंथन करने में जुट गया है.
अभी वर्ष 1992 में तैयार फीस स्ट्रक्चर पर ही काम चल रहा है. वर्ष 2000 में झारखंड के अलग होने के बाद वहां पुराने फीस स्ट्रक्चर को बदल कर नया फीस लागू किया गया. बिहार में अभी 23 साल पुराना फीस स्ट्रक्चर लिया जा रहा है. राज्य में नयी सरकार ने अपने राजस्व संसाधन बढ़ाने के लिए रेवेन्यू जेनरेट विभाग को टास्क सौंपा है.
सीएम के साथ विभाग की हुई समीक्षा बैठक में कई मुद्दे पर चर्चा हुयी. विभाग में वाहन से संबंधित काम में लगनेवाले फीस का अध्ययन कर देखा जा रहा है कि किस मद में कितना फीस बढ़ाया जा सकता है.
विभाग में ड्राइविंग लाईसेंस, इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस, कंडक्टर लाइसेंस, लेने सहित उसका रिन्युअल, गुम होने पर डुप्लीकेट लाइसेंस लेने, कंवर्सन, इंडोर्समेंट, वाहन के अस्थायी निबंधन व स्थायी निबंधन, निबंधन का रिन्युअल, निबंधन का प्रमाण पत्र, वाहन का
स्वामित्व ट्रांसफर, व्यावसायिक वाहन के परमिट आदि लेने के लिए फीस लगता है. विभाग सभी प्रकार के काम में फीस बढ़ाने पर विचार कर रहा है.
विभागीय कमेटी कर रही मंथन
23 साल पुराने फीस स्ट्रक्चर पर मंथन करने के लिए विभाग में कमेटी गठित की गयी है. परिवहन आयुक्त नवीन चंद्र झा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी है. कमेटी में संयुक्त परिवहन आयुक्त अशोक कुमार झा, आरटीए पटना सचिव ईश्वर चंद्र सिन्हा,ओएसडी आजीव वत्सराज, अवर सचिव बलराम प्रसाद के अलावा छपरा व भोजपुर के डीटीओ शामिल हैं.
कमेटी फीस स्ट्रक्चर को लेकर मंथन करने में जुटी है कि किस काम में कितना फीस बढ़ाया जाये. विभागीय सूत्र ने बताया कि विभाग का राजस्व टारगेट बढ़ाने पर फीस में बदलाव करने पर विचार हो रहा है.

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