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हर जिले में खुलेगा इंजीनियरिंग कॉलेज : नीतीश

फैसला : मुख्यमंत्री ने की विज्ञान व प्रावैिधकी, निगरानी, उद्योग व गन्ना उद्योग विभाग की समीक्षा दरभंगा व गया में साइंस सेंटर व पटना में साइंस सिटी का तेज हो निर्माण पटना : राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थापना की जायेगी. वहीं, जिन 11 जिलों में पॉलिटेक्निक कॉलेज नहीं है, वहां जल्द-से-जल्द […]

फैसला : मुख्यमंत्री ने की विज्ञान व प्रावैिधकी, निगरानी, उद्योग व गन्ना उद्योग विभाग की समीक्षा
दरभंगा व गया में साइंस सेंटर व पटना में साइंस सिटी का तेज हो निर्माण
पटना : राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थापना की जायेगी. वहीं, जिन 11 जिलों में पॉलिटेक्निक कॉलेज नहीं है, वहां जल्द-से-जल्द जमीन खोज कर पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना की जायेगी.
यह निर्देश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग के समीक्षात्मक बैठक में दिया है. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके सात निश्चयों के तहत सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना होगी.
इसके लिए इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट अथॉरिटी बियाडा के माध्यम से आवश्यक जमीन की पहचान की जायेगी. वहीं, औरंगाबाद, अरवल, भोजपुर, बक्सर, सीवान समेत जिन 11 जिलों में पॉलिटेक्निक कॉलेज नहीं हैं, वहां जल्द से जल्द जमीन का चयन कर पॉलिटेक्निक की स्थापना की जायेगी. इसके लिए मुख्य सचिव अपने स्तर से संबंधित जिलों के डीएम को निर्देश देंगे. मुख्यमंत्री ने दरभंगा और गया में साइंस सेन्टर और पटना में साइंस सिटी के निर्माण में तेजी लाने का भी निर्देश दिया. साथ ही पटना तारामंडल के पुराने मशीनों की जगह डिजिटल मशीन लगाने का भी निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि तारामंडल में जो बिरसैक (बीआइआरएसएसी) चलता है, उसके द्वारा सेटेलाइट इमेज के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों को आवश्यक डाटा उपलब्ध कराने के लिए उपयोग किया जाये. रिमोट सेनसिंग के काम के लिए बिरसैक को नोडल एजेंसी बनाये जाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया गया. इस काम के लिए बिरसैक के सुदृढ़ीकरण करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग के प्रधान सचिव को दिया. सभी तकनीकी संस्थानों के प्रयोगशालाओं व कार्यशालाओं को दुरुस्त करने को भी कहा गया.
बैठख में विज्ञान व प्रावैधिकी मंत्री जयकुमार सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव रवि मितल, विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग के प्रधान सचिव डॉ. ई. एल. एस. एन. बाला प्रसाद, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग के निदेशक अतुल सिन्हा समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
इन जिलों में हैं इंजीनियरिंग कॉलेज :-
मुजफ्फरपुर, भागलपुर, नालंदा, गया, मोतिहारी, दरभंगा और छपरा
पुलिसकर्मियों की बहाली के लिए बनेगा नियुक्ति कमीशन
पटना : मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के दौरान पुलिस कर्मियों की बहाली के लिए एक अलग ‘पुलिस नियुक्ति कमीशन’ बनाने का प्रस्ताव गृह विभाग ने पेश किया. इस पर सीएम नीतीश कुमार ने इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर जल्द भेजने को कहा. उन्होंने कहा कि पुलिस महकमे में नियुक्तित की प्रक्रिया में तेजी लायें और विभिन्न रिक्त पदों पर पारदर्शी तरीके से जल्द नियुक्ति की जाये. इसके साथ ही सीएम ने अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी लायी जाये, ताकि आश्रितों को जल्द लाभ मिले.
सीएम ने राज्य में महिला पुलिस कर्मियों को हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराने पर खासतौर से जोर देने की बात कही. इसके लिए सभी थानों में महिला कर्मियों के लिए शौचालय का निर्माण करायें. शौचालय निर्माण कराने के लिए विकेंद्रीकृत व्यवस्था की जाये, ताकि इनका निर्माण जल्द से जल्द हो सके. उन्होंने सभी थानों में महिलाओं के रहने और अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अलग बैरक का निर्माण कराने को कहा. ये खास बैरक सिर्फ महिलाओं के लिए होगा.जिसमें तमाम मूलभूत सुविधाएं मौजूद रहेंगी.
सिपाही से इंस्पेक्टर तक के 16, 530 पद खाली
राज्य में इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक के 16 हजार 530 पद खाली पड़े हुए हैं. इन्हें जल्द भरने की कवायद करना बेहद जरूरी है. इन पदों के खाली रहने की वजह से राज्य में ‘बेटर पुलिसिंग’ की बात पूरी तरह से साबित नहीं हो पा रही है. इसमें विभिन्न स्तर पर हजारों स्वीकृत पद ऐसे हैं, जो लंबे समय से खाली पड़े हुए हैं. इस कारण पुलिस और पब्लिक का राष्ट्रीय औसत प्रति एक लाख की आबादी पर 138 है, जबिक बिहार में यह औसत महज 74 है. इसे 125 करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए इन पदों को भरने की जरूरत है.
इनके इतने पद खाली
इंस्पेक्टर- 114
एसआइ- 3,965
एएसआइ- 3,469
हवालदार- 4,277
सिपाही- 3,093
जेल के अंदर सख्त करें मॉनीटरिंग
सीएम ने कहा कि जेल के आंतरिक मॉनीटरिंग सिस्टम को अधिक कारगर बनाने की जरूरत है. इसके लिए तकनीकी साधनों का प्रयोग बड़े स्तर पर करने का निर्देश सीएम ने दिया है. जेल के अंदर आने-जाने वाले व्यक्तियों और उनके साथ जाने वाले सामानों पर खासतौर से कड़ी निगरानी रखी जाये. उन्होंने अग्निशमन की समीक्षा करते हुए कहा कि छोटे और संकीर्ण जगहों पर भी अग्निशमन का काम सुचारू रूप से चल सके, इसके लिए मोटरसाइकिल मिस्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाये.

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