चोरी के वाहनों को ठिकाना लगानेवाले 11 और पकड़े गये- पटना और आरा में दिन भर हुई छापामारी में पुलिस को मिली सफलता – पश्चिम बंगाल में वाहन चोरों को पकड़ने गयी है पटना पुलिस की टीम – गर्दनीबाग इलाके में पुलिस ने गैरेज में चरपहिया वाहनों की रिमॉडलिंग का किया था खुलासा- पकड़े गये गिरोह के सदस्यों की निशानदेही पर हो रही है छापेमारी संवाददाता, पटना गर्दनीबाग के न्यू बाइपास सोनाली पेट्रोल पंप के समीप गैरेजों के माध्यम से वाहन रिमॉडलिंग करनेवाले सक्रिय गिरोह के पकड़े जाने के बाद पटना पुलिस को फिर से रविवार को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने शनिवार को छह अपराधियों को पकड़ा था और उनकी निशानदेही पर दिन भर पटना व आरा के कई गैरेजों में छापेमारी की गयी. इसमें गिरोह के 11 सदस्यों को पकड़ा गया. इसमें वाहन चोर व लुटेरे के साथ ही गैरेज संचालक भी शामिल हैं. इसके साथ ही आधा दर्जन चरपहिया वाहन भी बरामद किये गये हैं. पुलिस फिलहाल इनके नामों का खुलासा नहीं कर रही है, क्योंकि इनकी निशानदेही पर कई जिलों में फैले वाहन रिमॉडलिंग गिरोह को पकड़ने के लिए अलग-अलग पुलिस टीम लगातार छापेमारी कर रही है. पटना पुलिस को इन लोगों से यह जानकारी मिली है कि यह गिरोह पश्चिम बंगाल में भी सक्रिय है और पुलिस की एक टीम वहां के लिए रवाना हो गयी है. हाइवे पर लूट के वाहनों को ये लोग पश्चिम बंगाल में ले जाकर ठिकाने लगाते थे. पुलिस ने चार दिन पहले मुस्तकीम व सैफ को पकड़ा था और इन लोगों ने भी पुलिस के समक्ष यह जानकारी दी थी कि एयरपोर्ट इलाके में तीन गाड़ियां बोलेरो, स्कॉपियो व इनोवा को इन लोगों ने लूटा था और उनको पश्चिम बंगाल ले जाकर खपाया था. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. पश्चिम बंगाल भी पटना पुलिस की एक टीम भेजी गयी है. नेपाल तक होती है सप्लाइ वाहनों की चोरी व लूट करने के बाद उनकी रिमॉडलिंग कर दिल्ली, मुंबई, आसाम व नगालैंड के अलावा नेपाल तक सप्लाइ की जाती थी. इसके लिए बिहार सहित अन्य राज्यों में गिरोह के कई सदस्य काम कर रहे हैं. इसका खुलासा पकड़े गये मो शहबाज आलम, मो शमशाद उर्फ जुमराही, मो इस्लाम, तारिक, शोहराब आलम व मो शकील अहमद ने पुलिस के समक्ष किया है. पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार गिरोह का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है और कई वर्षों से यह गोरखधंधा चल रहा है. इंजन तक भेजा जाता था अन्य राज्यों में यह गिरोह चोरी के वाहनों के इंजन को भी अन्य राज्यों में भेजते थे. बताया जाता है कि बहुत से प्रदेशों से केवल इंजन की डिमांड होती है. इससे वहां केवल इंजन ही भेजे जाते थे. जहां से गाड़ी की डिमांड होती थी, वहां गाड़ी भेजी जाती थी. पुलिस जैसे-जैसे छापेमारी कर रही है, वैसे-वैसे सफलता हाथ लग रही है.पत्रकार नगर मामले में ठीक से नहीं हुआ अनुसंधान वर्ष 2013 में पत्रकार नगर पुलिस ने हनुमान नगर में चल रहे दो गैरेज में इसी तरह के गोरखधंधे का खुलासा किया था. लेकिन उस मामले में पुलिस ने ठीक से अनुसंधान नहीं किया. इसके कारण पुलिस मात्र दो गैरेज तक ही सीमित रह गयी, जबकि उस समय यह जानकारी मिली थी कि इंजन व अन्य महत्वपूर्ण पार्ट-पुर्जे को ट्रक में लाद कर अन्य राज्यों में भी भेजा जाता था. यहां तक कि पकड़े गये गैरेज संचालकों ने यह जानकारी दी थी कि वे लोग ट्रांसपोर्ट नगर से ट्रक में लाद कर ट्रक तक का इंजन बाहर भेज देते थे. पुलिस अगर इस मामले में सही ढंग से अनुसंधान करती तो इसी तरह का रैकेट का परदाफाश उस समय भी हो सकता था.
चोरी के वाहनों को ठिकाना लगानेवाले 11 और पकड़े गये
चोरी के वाहनों को ठिकाना लगानेवाले 11 और पकड़े गये- पटना और आरा में दिन भर हुई छापामारी में पुलिस को मिली सफलता – पश्चिम बंगाल में वाहन चोरों को पकड़ने गयी है पटना पुलिस की टीम – गर्दनीबाग इलाके में पुलिस ने गैरेज में चरपहिया वाहनों की रिमॉडलिंग का किया था खुलासा- पकड़े गये […]
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