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अब पंचायत स्तर पर तैयार होगा बच्चों का ब्योरा

अब पंचायत स्तर पर तैयार होगा बच्चों का ब्योरासमाज कल्याण विभाग की ओर से बाल संरक्षण समिति का हो रहा गठन अनुपम कुमारी, पटनाप्रत्येक पंचायत में कितने बच्चे हैं, कितने बच्चे स्कूल में हैं और कितने स्कूल से बाहर? इन सारी बातों की जानकारी पंचायत स्तर पर होगी. जी हां, समाज कल्याण विभाग की ओर […]

अब पंचायत स्तर पर तैयार होगा बच्चों का ब्योरासमाज कल्याण विभाग की ओर से बाल संरक्षण समिति का हो रहा गठन अनुपम कुमारी, पटनाप्रत्येक पंचायत में कितने बच्चे हैं, कितने बच्चे स्कूल में हैं और कितने स्कूल से बाहर? इन सारी बातों की जानकारी पंचायत स्तर पर होगी. जी हां, समाज कल्याण विभाग की ओर से पहली बार बाल संरक्षण समिति का गठन किया जा रहा है. इसके अंतर्गत पंचायत में 18 वर्ष से कम उम्र केे बच्चाें की पूरी जानकारी समिति के पास होगी. राज्य में बालश्रम की समस्या और ट्रैफिकिंग को कम करने के उद्देश्य से बाल संरक्षण योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में पंचायत स्तर और शहरी क्षेत्र में वार्ड स्तर पर समिति का गठन किया जाना है, ताकि प्रत्येक पंचायत और वार्ड स्तर पर बच्चों की पूरी जानकारी मिल सके. वर्तमान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होने से बच्चे आसानी से ट्रैफिकिंग के शिकार हो रहे हैं, जिसकी सूचना तक नहीं मिल पाती है. कई बार तो बच्चे के लापता होने की स्थिति में उसकी सही-सही जानकारी तक उपलब्ध नहीं हो पाती है. ऐसे में अब समितियां अपने-अपने इलाके के जन्मे बच्चे से लेकर स्कूल जाने वाले सभी बच्चों की जानकारी रखेगी, ताकि बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके. पंचायत और वार्ड स्तर पर पंजी तैयार की जायेगी. इसमें प्रत्येक इलाका वाइज बच्चों की उम्र, उनका पता व पूरी जानकारी दर्ज होगी. इसके अलावा स्कूल में कितने बच्चे नामांकित हैं और कितने स्कूल से बाहर, इन सारी बातों की भी जानकारी अब पंजी में दर्ज की जायेगी. समिति में ये होंगे सदस्य समिति का गठन मुखिया की अध्यक्षता में की जायेगी. इसमें सरपंच, आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका व पंचायत समिति के सदस्य शामिल होंगे. इसके अलावा स्कूल शिक्षक, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, अनुसूचित जाति और जनजाति व नि:शक्त कल्याण से जुड़े सामाजिक संगठनाें की भी सहभागिता होगी. ये बच्चों से जुड़ी सूचनाएं एकत्रित करेंगे. समिति के कार्य समिति न केवल बच्चों से जुड़ी सूचनाएं एकत्रित करेगी, बल्कि उनसे जुड़ी समस्याओं का निदान भी करेगी. जैसे स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों को स्कूल से जोड़ना, बालश्रम को रोकना, बाल-विवाह जैसी कुरीतियों के प्रति जागरूक करना. इसके अलावा सरकारी योजना की जानकारी व उनके क्रियान्वयन कार्यों की जिम्मेदारी भी समिति की होगी. कोट इस माह के अंत तक समिति का गठन किया जाना है, ताकि समुचित देख-रेख की सारी योजनाओं की सुविधा से बच्चे लाभान्वित हो सकें. इसके लिए यूनिसेफ से भी तकनीकी सहयोग ली जा रही है. इमामुद्दीन अहमद, निदेशक, समाज कल्याण विभाग\\\\B

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