पटना : पटना हाइकोर्ट ने नगर निगम को जनवरी से घर-घर से कूड़ा उठाने की सेवा बहाल करने का निर्देश दिया है. कूड़ा का उठाव समय पर नहीं होने के मामले की जस्टिस नवीन सिन्हा व शैलेश कुमार सिन्हा ने सुनवाई की.
सुनील कुमार की याचिका पर कोर्ट ने कहा कि नगर निगम डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की सेवा बहाल करे. अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी. कोर्ट ने कहा कि अगर निगम जनवरी से ऐसी व्यवस्था नहीं करती है, तो कोर्ट में उपस्थित होकर जवाब देना होगा. कोर्ट ने कहा कि अरुण कुमार मुखर्जी की लोकहित याचिका पर ही कचरा कैसे हटाया जाये, इस पर आदेश दे दिया गया था.
नगर निगम ने डोर-टू-डोर कचरा हटाने के लिए चार माह का समय मांगा था. अगर जनवरी से यह सेवा बहाल नहीं होती है, तो कोर्ट नागरिक सुविधाओं के समाधान के लिए सरकार की नीति को असफल घोषित कर देगा.
गंगा में गंदगी पर नाराजगी: पटना हाइकोर्ट ने गंगा नदी में गंदगी फैलाने और शव फेंकने से रोकने की दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस नवीन सिन्हा व शैलेश कुमार सिन्हा ने निगम को इस मामले में पांच दिसंबर तक समाधान निकाल लेने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने कहा कि अगर अगली सुनवाई तक कोई व्यवस्था नहीं होता है, तो नगर निगम के कमिश्नर व नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को कोर्ट में हाजिर होकर जवाब देना होगा. कोर्ट में सात अक्तूबर का एक सीडी दिखाया गया, जिसमें मरा हुआ जानवर बीच शहर में दिखा.
इस मामले पर पहले ही पीआइएल फाइल हुआ था. इसमें नगर निगम के कमिश्नर ने इस तरह की गंदगी को शहर से बाहर फेंकने की बात कही थी. लेकिन इस आदेश का पालन नहीं हुआ. कोर्ट ने पांच दिसंबर तक निर्णय लेने का आदेश दिया है.