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बिंद टोली एक, अफसाने हजार

बिंद टोली एक, अफसाने हजार – बिंद टोली हटाने काे लेकर प्रशासन की तारीख-पर-तारीख – बाधा दूर होती, तो बन जाती बात – प्रभात पड़ताल- फोटो सरोज- संवाददाता, पटना दीघा-सोनपुर रेल सह सड़क पुल चालू होने की राह की सबसे बड़ी बाधा दीघा बिंद टोली आज भी प्रशासन की वजह से जहां थी, वहीं बनी […]

बिंद टोली एक, अफसाने हजार – बिंद टोली हटाने काे लेकर प्रशासन की तारीख-पर-तारीख – बाधा दूर होती, तो बन जाती बात – प्रभात पड़ताल- फोटो सरोज- संवाददाता, पटना दीघा-सोनपुर रेल सह सड़क पुल चालू होने की राह की सबसे बड़ी बाधा दीघा बिंद टोली आज भी प्रशासन की वजह से जहां थी, वहीं बनी हुई है. जिला प्रशासन तारीख-पर-तारीख और बैठक-दर-बैठक के बावजूद उसे शिफ्ट करने की दिशा में चार कदम से आगे चल नहीं सका है. यह स्पष्ट है कि जब तक गाइड बांध नहीं बनेगा, तब तक एप्रोच रोड नहीं तैयार होगा और इसके बगैर पुल चालू नहीं किया जा सकता है. यदि यह पुल चालू हो जाता, तो उत्तरी बिहार से कनेक्शन और बेहतर हो जाता, लेकिन लोगों के हिस्से में एक साल से बस इंतजार-पर-इंतजार सामने आ रहा है. यदि यह चालू होता है तो सोनपुर, छपरा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज समेत उत्तर बिहार के लोगों को पटना और पटना से उत्तर बिहार आने-जाने में काफी सहूलियत होगी. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि महात्मा गांधी सेतु का लोड कम होगा. बिंद टोली पर कोर्ट का आदेश आये भी लगभग छह महीने हो गये, लेकिन बिंद टोली शिफ्ट नहीं किया जा सका है. कोर्ट बिंद टोली के निवासियों की याचिका खारिज कर चुका है, जिसमें उन्होंने वहीं पर बसे रहने की अपील की थी. इसके बाद बारी प्रशासन की है. जिला प्रशासन ने बिंद टोली के निवासियों के साथ बैठक की थी, जिसमें वहां के कुछ लोग वहां से हटने को तैयार हो गये. लेकिन, वे मनचाही जमीन मांग रहे हैं.कुर्जी मोड़ के पास जमीन देने को प्रशासन तैयार प्रशासन सभी विस्थापितों को जमीन देने के लिए तैयार है. कुर्जी मोड़ के पास साढ़े छह एकड़ जमीन पर बसाने की तैयारी चल रही है, लेकिन कभी बिंद टोली निवासी वहां जाने को तैयार होते हैं तो कभी पीछे हट जाते हैं. जबकि, उन्हें 10 फुट रास्ता भी देने की बात चल रही है. प्रशासन ने चुनाव के बाद दीघा बिंद टोली के लोगों के साथ बैठक की और लोगों को बताया गया कि जनहित की एक बड़ी योजना है, जो उनकी वजह से अटकी हुई है. यदि वे शिफ्ट नहीं होंगे, तो फिर सख्त रवैया अपनाते हुए खाली कराया जायेगा. इस पर अब अगली कार्रवाई की बारी है. बिंद टोली पर बनाना है गाइड बांधबिंद टोली के 205 परिवार जिस जगह बसे हैं, उस जगह पर गाइड बांध बनना है. गाइड बांध इस कारण बनेगा, क्योंकि गंगा की धारा पुल के लिए असुरक्षित नहीं बन सके. इसके लिए बिंद टोली को पूरी तरह हटाना होगा. इधर रेलवे का कहना है कि जैसे ही जगह खाली होगी, दो महीने के अंदर गाइड बांध बन कर तैयार हो जायेगा. इसके बाद सीआरएस इंस्पेक्शन होगा और हरी झंडी मिलते ही ट्रेनों का चलना शुरू हो जायेगा. सुरक्षा कारणों से गाइड बांध का काम पूरा हुए बगैर इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी नहीं मिलेगी. बिंद टोली इन बॉक्स 205 : विस्थापित होनेवाले परिवारों की संख्या 6.15 एकड़ : कुल जमीन प्रशासन ने किया है चिह्नित 3 डिसमिल : प्रत्येक परिवार को मिलनी है जमीन 10 फुट : रास्ता कराया जाना है बस्ती को मुहैया क्या कहते हैं कमिश्नर बिंद टोली को वहां से हटाया जाना है. प्रशासन ने सभी परिवारों के लिए जमीन भी देख ली है. कुर्जी मोड़ में ही सभी परिवारों को तीन तीन डिसमिल जमीन देकर बसाया जायेगा. हमने सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है, अभी वह रेवेन्यू विभाग में है. जैसे ही उस पर अंतिम मुहर लगेगी, सभी विस्थापित परिवारों को वहां पर जमीन मुहैया करा देंगे. – आनंद किशोर, कमिश्नर, पटना क्या कहते हैं अपर समाहर्ता इसी सप्ताह से प्रशासन बिंद टोली को वहां से शिफ्ट करना शुरू कर देगा. हम इसके लिए सारी औपचारिकताएं पूरी कर चुके हैं. उनके साथ बैठक भी हुई है. लोगों ने बताया है कि जमीन देख कर सभी परिवार खुद ही वहां से हट जायेंगे. – उमाशंकर मंडल, अपर समाहर्ता, पटना\\\\B

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