शहनाई और तालियों की गूंज के साथ बुक फेयर की शुरुआत लाइफ रिपोर्टर पटनाकिसी के हाथ में साहित्य की किताबें, तो किसी के हाथ में बायोग्राफी वही कई लोग नोवेल के पन्ने उलट रहे थे. शाम का समय साथ में शहनाई की गूंज. खुले आकाश के नीचे किताबों का यह भंडार देखने को मिला गांधी मैदान में यहां शुक्रवार को सीआरडी द्वारा 22वां पटना बुक फेयर 2015 का उद्घाटन किया गया. पटना बुक फेयर के शुरुआत के दिन कई लोग यहां किताबों का मुआयना भी कर रहे थे. वहीं कई लोग पहले दिन कम भीड़ में अपनी जरूरत की किताबें खरीदने में बीजी नजर आये. हर कोई बुके फेयर के कोने-कोने में जा कर बुक्स के साथ-साथ प्रकाशन की जानकारी ले रहे थे. इस कार्यक्रम का उद्घाटन चीफ जस्टिस इकबाल अहमद अंसारी द्वारा किया गया. मंच पर मुख्य अतिथि के रूप में जस्टिस राजेंद्र प्रसाद, लेखिका पद्मश्री उषा किरण खान, डाक सेवा के निदेशक परिमल सिन्हा मौजूद थे. अतिथियों द्वारा यहां रिमोट कंट्रोल से डाक विभाग व सीआरडी द्वारा विशेष लिफाफा का आवरण हुआ. उद्घाटन समारोह के दौरान दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट और शहनाई की आवाज गूंज रही थी. ज्ञान और व्यक्तित्व के लिए जरूरी है बुक फेयरपटना बुक फेयर के 30 साल हो गये हैं. इस बार इसका 22वां संस्करण है. मौके पर बुक फेयर सीआरडी के कई वरीय अधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने बताया कि इस बुक फेयर का अपना वजूद है. लोग पटना बुक फेयर में हर बार कुछ नया देखने की कोशिश करते हैं. इसलिए लोगों का ख्याल रखते हुए इस बार भी कई तरह की आकर्षित चीजें मंगायी गयी है, जिसमें जिसमें अनोखा कलाकृति, मेक इन इंडिया स्टॉल और कई तरह की बुक्स मौजूद है, जो लोगों को बुक फेयर में आने के लिए आकर्षित कर रहा है. इस बार बुक फेयर में 320 प्रकाशन और 811 स्टॉल लगाये जा रहे हैं. मौके पर जस्टिस ने बताया कि ज्ञान दो तरह के होते हैं पहला लोअर और दूसरा हायर लोअर में बायो, जुलॉजी, पॉल साइंस, हिस्ट्री, मैथ जैसे विषयों का ज्ञान लेना है और हायर नॉलेज व्यक्तित्व है. इसमें यह बताया जाता है कि मनुष्य जिंदा कैसे रहता है? उन्हें जीने के लिए क्या सहीं करना चाहिए? वहीं चीफ जस्टीस कहते हैं कि बुक फेयर सेंटर ऑफ नॉलेज है. आज का जमाना बदल गया है. एक नया जेनरेशन आ गया है. आज के जमाने में नॉलेज और एंटरटेनमेंट के लिए कई तरह के साधन हैं. यह जेनरेशन ज्यादा इंतजार नहीं करता है. इसलिए उन्हें आकर्षित करने के लिए किताबों में ज्ञान होना जरूरी है. पढ़ना-लिखना सिर्फ एजुकेशन नहीं होता है. एक कंपलीट इंसान बनना ही सबसे बड़ा एजुकेशन है. कल का हिस्ट्री क्या बोलेगा यह हम नहीं जानते. इस दुनिया में आगे बढ़ने के लिए दिमाग का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है. मंच पर कई वरीय लोग मौजूद थे, जिन्होंने अपनी-अपनी बात रखी. इस बार भी कला, लेखक, पत्रकार और रंग-मंच से जुड़े लोगों को सम्मान मिलेगा, जिसमें लेखक – अर्चना राज हंसरंग-मंच- भिखारी ठाकुर सम्मान गुल्लु कुमारयक्षिणी सम्मान- अजय शर्मापत्रकार का नाम अभी निर्णय नहीं हुआ है.बुक फेयर के टॉप 5 स्टॉल के टॉप 5 बुक्स, जो इस साल थोड़ा नया है और इन दिनों लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं1- प्रभात प्रकाशनपहला बुक- माई जर्नी- लेखक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम- दाम- 125 रुपयेदूसरा बुक- मैं हूं मलाला- लेखक अनीता गौर- दाम 150 रुपयेतीसरी बुक- आओ बच्चे अविष्कारक बनें- लेखक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम- दाम 150 रुपयेचौथी बुक- सुपर फास्ट कंप्यूटर कोर्स- दाम 395 रुपयेपांचवीं बुक- अकेला आदमी- लेखक संकर्षण ठाकुर- दाम- 200 रुपये2- किताब घर प्रकाशनपहला बुक- अर्धनारीश्वर(उपन्यास) लेखक- विष्णु प्रभाकर- दाम- 495 रुपयेदूसरा बुक- रसीदी टिकट( आत्मकथा) लेखक- अमृता प्रीतम- दाम- 180 रुपयेतीसरी बुक- दिल्ली(उपन्यास) लेखक- खुशवंत सिंह- दाम- 400 रुपयेचौथी बुक- मेरी इक्यावन कविताएं – लेखक- अटल बिहारी वाजपेयी- दाम- 160 रुपयेपांचवीं बुक- कागज का नांव ( उपन्यास ) लेखक- नसिरा शर्मा- दाम- 495 रुपये3- राज कमल प्रकाशनपहला बुक- शेखर एक जीवनी( उत्थान) भाग-1 लेखक- अज्ञेय- दाम- 400 रुपयेदूसरा बुक- खाली नाम गुलाब का- लेखक- अम्बर्तो इको, मदन सोनी- दाम- 800 रुपयेतीसरा बुक- हलन्त – लेखक- हृ्षिकेश सुलभ- दाम- 250 रुपयेचौथा बुक- मेरा सफर तवील है(शायरी) लेखक- अख्तर पयामी- दाम-300 रुपयेपांचवीं बुक- एक औरत और नोट बुक- लेखक- सुधा अरोड़ा- दाम- 300 रुपये4- उपकार प्रकाशनपहला बुक- स्टेट बैंक स्पेशलिस्ट- दाम- 470 रुपयेदूसरा बुक- एयर फोर्स रिक्वायरमेंट टेस्ट- दाम – 260 रुपयेतीसरा बुक- जेनरल नॉलेज, करेंट अफेयर्स- 349 रुपयेचौथा बुक- सीएसआइआर- युजीसी केमिकल साइंसेज- दाम- 899 रुपयेपांचवीं बुक- हैंड बुक फॉर बैंकिंग इंटरव्यू- दाम 140 रुपये5- राजपाल प्रकाशन पहला बुक- देवी के सात रहस्य- लेखक देवदत्त पटनायक- दाम- 295 रुपयेदूसरा बुक- भारतीय पौराणिक कथायें- लेखक- देवदत्त पट्टनायक – दाम- 265 रुपयेतीसरा बुक- आषाढ़ का एक दिन- लेखक मोहन राकेश- दाम 125 रुपयेचौथा बुक- आपका भवीष्य आपके हाथ में है- लेखक- डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम- दाम- 250 रुपयेपांचवीं बुक- खामोशी आंचल में- लेखक- अमृता प्रीतम- दाम 175 पुस्तक का लोकार्पणबुक फेयर को उद्घाटन के दौरान मंच पर प्रस्तुत पाठ्य पुस्तक श्रम अर्थशास्त्र के नये आयाम का लोकार्पण किया गया. यह पुस्तक डॉ कामेश्वर पंडित द्वारा लिखी गयी है. यह श्रम अर्थ शास्त्र के क्षेत्र में एक अनूठी पुस्तक है, जो स्नातक, स्नातकोत्तर स्तर के विभिन्न विषयों, श्रम एवं समाज कल्याण, कार्मिक प्रबंध एंव औधोगिक संबंध एवं कार्मिक प्रबंध में बताया गया है. यह पुस्तक बदलते वैश्विक परिदृश्य में आर्थिक सुधार की दिशा में श्रम अर्थशास्त्र के बदलते विभिन्न आयाम को समाहित करते हुए. प्रकाशन वालों से बातचीत इस बार बुक फेयर में कई नयी किताबें ले कर आये हैं. वहीं कई किताबें ऐसी हैं, जो हमेशा से लोग पसंद करते हैं. इसलिए उन किताबों को भी रखना जरूरी रहता है, ताकि लोग इसे खरीदे बिना हमारे स्टॉल से न जाये. पहले दिन से ही लोग आने लगे हैं.सुरेंद्र सिंह, सेल्स मैन, प्रभात प्रकाशनपटना बुक फेयर का इंतजार एक साल से रहता है. क्योंकि इसमें बहुत अच्छा रिस्पांस मिलता है. इसके अलावा भी कई बुक फेयर में हम लोग स्टॉल लगाते हैं. पिछले बार बुक फेयर से काफी अच्छा रिस्पांस मिला था. इस बार भी उतनी ही उम्मीद है.सुनील शर्मा- किताब घर प्रकाशनजब से पटना बुक फेयर लग रहा है तब से हम लोग यहां स्टॉल लगाते आये हैं. ऐसे में हर साल लोगों की लगाव किताबों से बढ़ता गया है. इसिलए लोगों के पसंद को देखते हुए हर तरह की बुक मंगाते हैं. इस बार भी कई नई किताब मौजूद है, जिसे लोग पसंद करेंगे.राम नरेश सिंह, राज कमल प्रकाशनहम वैसी किताबें ज्यादा रखते हैं, जो स्टूडेंट्स के लिए जरूरी रहता है. क्योंकि जॉब और पढ़ाई से रिलेटेड किताबें स्टूडेंट्स के लिए ही बना है. इसलिए इस बार भी हम कई किताबें मंगाये हैं, जो स्टूडेंट्स के लिए जरूरी है. बुक फेयर में स्टूडेंट्स की संख्या भी ज्यादा होती है.चंद्रकांत, उपकार प्रकाशनहम लोग पटना बुक फेयर में हर बार लोगों को नये-नये किताबों से भेंट कराते हैं. इस बुक फेयर में लोगों की संख्या सबसे ज्यादा रहती है. इसलिए लोगों के पसंद और ना पसंद को देखते हुए किताबें मंगायी गयी है. यहां कई सालों से स्टॉल लगाते आया हूं. अशोक शर्मा- राजपाल प्रकाशनलोगों से बातचीतमुझे बायोग्राफी पढ़ने का बहुत शौक है. इसलिए मैं इस बार भी महान लोगों की बायोग्राफी ले रही हूं, जिसे पढ़ कर बहुत कुछ सिखने का मौका मिलता है. इसके अलावा लव स्टोरी और साहित्य की बुक भी पढ़ती हूं. बुक फेयर में हर तरह की बुक मिल जाती है.रितिका कुमारी- मखनियां कुआंपटना बुक फेयर मुझे सबसे ज्यादा पसंद है. क्योंकि इसमें वह हर बुक मुझे मिल जाती है, जिसे पढ़ने और खरीदने के लिए लोग इस फेयर में आते हैं. यहां आने के बाद कई बुक्स की जानकारी मिल जाती है. इसलिए बुक फेयर में सभी को आना चाहिए.प्रवीण रानी- अशोक राजपथवैसे, तो मैं बुक फेयर में पहले अपने पसंद की लेखक को ढुंडता हूं. मुझे महा पुरूषों की जिंदगी से जुड़ी किताबें पढ़ने का बहुत शौक है. इसलिए ऐसी किताबें पहले खरीदता हूं. पटना बुक फेयर हर उम्र के लोगों के लिए जरूरी है. क्योंकि यहां सभी वर्ग के लोग आते हैं.सत्येंद्र, जक्कनपुरमैं शुरू से किताबों की शौकीन हूं. मुझे साहित्यिक किताबों पढ़ने का बहुत शौक है. इसलिए शुरू से हर बार बुक फेयर भी आती हूं. ऐसे में सबसे पहले साहित्यिक किताबों को खरीदती हूं. क्योंकि मैं साहित्य की किताबों को ज्यादा पढ़ती हूं. यहां सब कुछ मौजूद है.नीलम मिश्रा- खाजपुरापिछले कई दिनों से बुक फेयर का इंतजार था. इसलिए इसकी शुरुआत के दिन ही आ गया हूं. क्योंकि बाद में भीड़ बढ़ने लगती है. ऐसे में पसंद की किताबों को खोजना मुश्किल हो जाता है. आज मैंने चित्रलेखा खरीदा हूं. क्योंकि चित्रलेखा पढ़ने का ज्यादा शौक है.पीके मिश्रा- बेली रोड
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शहनाई और तालियों की गूंज के साथ बुक फेयर की शुरुआत
शहनाई और तालियों की गूंज के साथ बुक फेयर की शुरुआत लाइफ रिपोर्टर पटनाकिसी के हाथ में साहित्य की किताबें, तो किसी के हाथ में बायोग्राफी वही कई लोग नोवेल के पन्ने उलट रहे थे. शाम का समय साथ में शहनाई की गूंज. खुले आकाश के नीचे किताबों का यह भंडार देखने को मिला गांधी […]
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