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10 वर्षों में बिहार में बंद हुए सिंगल स्क्रीन वाले 156 सिनेमाहॉल

10 वर्षों में बिहार में बंद हुए सिंगल स्क्रीन वाले 156 सिनेमाहॉल 10 वर्षों में बिहार में मात्र पांच सिने प्लेक्स और मल्टीप्लेक्स ही खुले झारखंड सिने प्लेक्स और मल्टीप्लेक्स खोलने में बिहार से आगे लखीसराय में एक भी सिनेमा हॉल नहीं, लोग वीडियो हाॅलों में कर रहें सिने मनोरंजन पटना के सिनेमा हॉलों को […]

10 वर्षों में बिहार में बंद हुए सिंगल स्क्रीन वाले 156 सिनेमाहॉल 10 वर्षों में बिहार में मात्र पांच सिने प्लेक्स और मल्टीप्लेक्स ही खुले झारखंड सिने प्लेक्स और मल्टीप्लेक्स खोलने में बिहार से आगे लखीसराय में एक भी सिनेमा हॉल नहीं, लोग वीडियो हाॅलों में कर रहें सिने मनोरंजन पटना के सिनेमा हॉलों को 24, जबकि अन्य जिलों के सिनेमा हॉलों को देना पड़ता है आठ प्रतिशत मनोरंजन कर सिनेमा प्रोत्साहन नीति भी बिहार में रही बेअसरसंवाददाता, पटना सिंगल सिनेमा हॉलों में फिल्मों का मजा लेना अब आम दर्शकों के लिए दुश्वार हो चला है. फिल्में महंगी होने और सिनेमा व्यवसाय के रिस्की हो जाने के कारण सूबे में जल्दी कोई सिनेमा हॉल खोलने को तैयार नहीं हो रहा. यह हाल तब है, बिहार में नया सिनेमा हॉल खोलने के लिए सरकार ने प्रोत्साहन नीति बनायी है. इस नीति के तहत नया सिनेमा हॉल खोलने वालों को पांच वर्षों तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. यही नहीं, नया सिनेमा हॉल बनाने के लिए उद्योग विभाग ऋण भी मुहैय्या करा रहा है. लखीसराय में तो अब कोई सिंगल सनेमा हाॅल रहा ही नहीं. वहां के दर्शक अब वीडियो हॉलों में सिने मनोरंजन कर रहे हैं. हां, 10 वर्षों में कुछ शहरों में मल्टीप्लेक्स या सिंगल प्लेक्स सिनेमा हॉल जरुर खुले है, हालांकि वे अंगुलियों पर गिनने लायक ही हैं. पटना में 10 वर्षों में सिने पॉलिस, फन रिजेंट और एलिफिंस्टन, हाजीपुर में एसआरएस और गया में एपीआर जैसे सिने प्लेक्स और मल्टीप्लेक्स ही खुले हैं, जबकि झारखंड इस मामले में आगे निकल गया है. झारखंड के बोकारो में पीवीआर, धनबाद में आइनेक्सट, रांची में फन, ग्लीज, आइनेक्सट और पाॅप कार्न, टाटा में आइनेक्सट और देवधर में भी आइनेक्सट सिने प्लेक्स और मल्टीप्लेक्स सिनेमा हॉल खुले हैं. बिहार में सिनेमा हाॅलों को 24 से आठ प्रतिशत ही मनोरंजन कर ही देना पड़ता है. सिर्फ पटना के ही सिनेमा हॉलों को 24 प्रतिशत मनोरंजन कर देना पड़ता है, जबकि अन्य जिलों के सिनेमा हॉलों को महज आठ प्रतिशत ही मनोरंजन कर लगता है. यही नहीं, वातानुकूलित सिनेमा हॉलोे को प्रोत्साहन देने के लिए प्रति दर्शक तीन रुपये मेंटेंनेंस शुल्क का अनुदान भी मिल रहा. सिनेमा हॉलों की बंदी से सिने रिप्रजेंटेटिव्स और अन्य कर्मचारियों की भी हालत खस्ता है. सिंगल सिनेमा हॉलों की घटती संख्या ने बिहार से सिने दर्शक अब टीवी या वीडियों पर फिल्में देख कर संतोष कर रहे हैं. बिहार में चालू और बंद सिंगल स्क्रीन वाले सिनेमा हॉल ——————————————-जिला कुल कितने थे हॉल चालू हॉल बंद हॉल पटना 28 15 13 अररिया 05 02 03 औरंगाबाद 05 03 02 बेगूसराय 19 11 08 भभुआ 02 00 00भागलपुर 26 14 12 बक्सर 20 11 09 दरभंगा 21 18 03 मोतिहारी 38 27 11 गया 16 10 06 गोपालगंज 31 15 16 जहानाबाद 03 02 01 जमुई 07 00 00कटिहार 08 04 04 खगड़िया 07 03 04 किशनगंज 03 02 01 लखीसराय 02 00 02 मधेपुरा 07 02 05 मधुबनी 62 38 24 मुंगेर 27 08 19 मुजफ्फरपुर 33 14 19 नालंदा 08 05 03 नवादा 13 07 06 पूर्णिया 10 05 05 रोहतास 20 11 09 सहरसा 07 05 02 समस्तीपुर 34 14 20 छपरा 26 09 17 शेखपुरा 02 01 01 शिवहर 02 01 01 सीतामढ़ी 18 11 07 सीवान 22 19 03 सुपौल 02 01 01 —————————————————-(नोट : खबर दोबारा पढ़ी गयी है)

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