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पति-पत्नी की कमाई का आरटीआइ खोल रहा पोल
पटना: हमारा समाज जागरूक समाज बन सके, इसके लिए ऐसे कई अधिकार जनता को दिये गये हैं, जिनका वे इस्तेमाल भी कर रहें हैं. महिला हो या पुरुष, वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हैं. इन्हीं अधिकारों में एक है सूचना का अधिकार. इनके इस्तेमाल से करप्शन पर भले ही कोई लगाम न लगा हो, […]
पटना: हमारा समाज जागरूक समाज बन सके, इसके लिए ऐसे कई अधिकार जनता को दिये गये हैं, जिनका वे इस्तेमाल भी कर रहें हैं. महिला हो या पुरुष, वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हैं. इन्हीं अधिकारों में एक है सूचना का अधिकार. इनके इस्तेमाल से करप्शन पर भले ही कोई लगाम न लगा हो, पर पति-पत्नी के झूठ की पोल खोलने में अहम योगदान जरूर निभा रहा है. जी हां, जिला शिक्षा कार्यालय में पति-पत्नी कुछ इसी तरह से सूचना का अधिकार का लाभ उठा रहे हैं.
प्रतिदिन 20 फीसदी मामले पति-पत्नी के : ये तो मात्र चंद उदाहरण हैं. जिला कार्यालय में ऐसे ढेरों मामले हैं, जिनमें पति और पत्नी अपनी-अपनी आवश्यकताओं के अनुसार एक-दूसरे की वेतन संबंधी सूचनाएं ले रहें हैं. जिला शिक्षा कार्यालय की मानें, तो प्रतिदिन 25 से अधिक आवेदन आते हैं. इनमें से 20 फीसदी मामले पति-पत्नी के होते हैं, जो एक-दूसरे का वेतन जानना चाहते हैं.
भेजे जाते हैं डीडीओ के पास : इन मामलों को डीडीओ के पास भेज दिया जाता है. डीडीओ द्वारा संबंधित शिक्षक और शिक्षिकाओं को पूरी जानकारी उपलब्ध कराते हैं. इसके अलावा मामलों के आधार पर बीइओ और डीइओ को मामला भेज दिया जाता है. कई मामलों में तो पत्नियों को ये भी मालूम नहीं होता है कि उसके पति किस स्कूल में कार्यरत हैं. इसकी भी जानकारी नहीं होती है. इससे जिला कार्यालय को भी सूचना देने में काफी समय लग जाता है. पुराने डिटेल के आधार पर जिला द्वारा जानकारी उपलब्ध करायी जाती है.
केस वन
नेहा (बदला हुआ नाम) पिछले पांच वर्षों से परेशान है. उनके पति पालीगंज हाइस्कूल में शिक्षक हैं. कई सालों से उनके व्यवहार में परिवर्तन होने से उनकी पत्नी नेहा परेशान-सी थी. बच्चों के लिए पढ़ाई व अन्य कार्यों के लिए जब पति से पैसे की मांग करती तो, वे अक्सर पैसा नहीं मिला है का बहाना देते. इससे वे जिला शिक्षा कार्यालय में सूचना के अधिकार के तहत पति के वेतन संबंधी कई जानकारी मांगी है.
केस टू
विक्रम मध्य विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका के पति ने अपनी पत्नी द्वारा ली गयी छुट्टियों का पूरा ब्योरा सूचना के अधिकार के तहत निकलवा रहे हैं. इसी तरह पति को इस बात का भी शक था कि पत्नी स्कूल में निर्धारित समय तक नहीं रहती है. स्कूल के नाम पर बाहर का चक्कर लगाती है. ऐसे में पत्नी विद्यालय में कितने घंटे रहती है, समय पर क्लास लेती है या नहीं, इन बातों के लिए आवेदन दिया है.
केस तीन
बदला हुआ नाम रिंकी अपने पति से वेतन के बारे में पूछ-पूछ कर परेशान हो गयी है, पर शिक्षक पति न तो वेतन की कोई जानकारी देते हैं और न खर्च की गयी राशि का हिसाब. कभी-कभी तो मामला इससे भी आगे निकल जाता है. ऐसे में पत्नी ने विभाग से ही जानकारी लेनी उचित समझी. सूचना के अधिकार के तहत पति के वेतन संबंधी पूरी जानकारी ली.
अप्रैल से अब तक 186 मामले दर्ज
सूचना के अधिकार को देख रहे अनींद्र चंद्र वर्मा बताते हैं कि इस वित्तीय वर्ष सूचना के अधिकार के तहत पपत्र ‘क’ 186 आवेदन आये. इनमें वेतन संबंधी से लेकर पेंशन आदि तक की सूचनाएं मांगी गयी थीं. वहीं, प्रपत्र ‘घ’ के तहत 105 मामलों में सूचना नहीं मिलने पर डीइओ द्वारा प्रथम अपील के रूप में सुनवाई की गयी.
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