पटना: आइजीआइएमएस में रेडियोलॉजी व पैथोलॉजी विभाग में उपकरण व मैन पाॅवर बढ़ाने को लेकर सोमवार को बैठक आयोजित की गयी, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि दो माह के भीतर दोनों विभाग की कमियों को दूर कर लिया जायेगा, इसको लेकर उपकरण खरीद की प्रक्रिया तेज की जायेगी और विभाग को इसकी जानकारी दी जायेगी.
बैठक में शामिल सदस्यों के मुताबिक उपकरण की कमी होने से रेडियोलॉजी में अल्ट्रासाउंड के लिये 20 दिन बाद का नंबर दिया जाता है, जिससे मरीज बाहर इलाज के लिये चले जाते हैं या दलालों के चक्कर में पड़ कर बीमारी बढ़ ही जाती है.
अल्ट्रासाउंड में मशीन कम, भीड़ अधिक : अल्ट्रासाउंड मशीनों की संख्या फिलहाल तीन है, मरीजों की संख्या दो सौ से अधिक. मशीन कम होने के कारण मरीजों को आठ दिन पहले नंबर लगाना पड़ता है. कभी-कभी मरीज दलालों के चक्कर में पड़ जाते हैं़
रेडियोलॉजी व पैथोलॉजी विभाग को विकसित किया जायेगा. इसको लेकर निदेशक के नेतृत्व में बैठक आयोजित की गयी और उसमें उपकरण खरीद का पूरा ब्योरा बनाया गया. मरीजों की जांच तुरंत हो और उसकी रिपोर्ट उनको तुरंत मिले, इसकी पूर्ण व्यवस्था दो माह के भीतर कर लिया जायेगा.
डॉ एसके शाही, एमएस
मिलने वाली सुविधाएं
अल्ट्रासाउंड : तीन (हर दिन मरीजों की संख्या 100-150) जांच के लिए लंबी लाइन
एक्सरे : दो (हर दिन मरीजों की संख्या 200 से अधिक) रिपोर्ट व जांच के लिए दो दिनों तक मरीजों को इंतजार करना पड़ता है.
बायोप्सी : आइजीआइएमएस प्रबंधन के मुताबिक जांच रिपोर्ट 15 दिन, चिकित्सकों के मुताबिक एक माह
एफएनएसी : संस्थान के मुताबिक रिपोर्ट तीन दिन, चिकित्सकों के मुताबिक 15 दिन