17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अंतिम चरण में वोटरों ने की ‘दनादन वोटिंग’

बिहार विधानसभा चुनाव,2015 के पांचवें चरण में नौ जिलों की 57 विधानसभा सीटों के लिए छिटपुट घटनाओं को छोड़ कर शांतिपूर्वक मतदान संपन्न हुआ. इससे पहले हुए चार चरणों की वोटिंग के मुकाबले पांचवें चरण में खुल कर मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. पहले चरण में 57, दूसरे में 55, तीसरे चरण में […]

बिहार विधानसभा चुनाव,2015 के पांचवें चरण में नौ जिलों की 57 विधानसभा सीटों के लिए छिटपुट घटनाओं को छोड़ कर शांतिपूर्वक मतदान संपन्न हुआ. इससे पहले हुए चार चरणों की वोटिंग के मुकाबले पांचवें चरण में खुल कर मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
पहले चरण में 57, दूसरे में 55, तीसरे चरण में 53.32 व चौथे चरण 57.59 फीसदी वोटिंग हुई थी. वहीं अंतिम चरण में 60.00 फीसदी वोटिंग हुई. इस बार के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी बात यह रही कि महिलाएं घर से बाहर निकलीं और अपने मताधिकार का जम कर प्रयोग किया.
मधुबनी
मधुबनी कार्यालय
अंतिम चरण में गुरुवार को जिले के 10 विधानसभा क्षेत्रों का चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो गया. लोगों ने चुनावी मैदान में खड़े 144 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला इवीएम मशीन में बंद कर दिया. इससे पहले सुबह में करीब दो दर्जन बूथों पर इवीएम खराब होने के कारण मतदान विलंब से प्रारंभ हुआ.
वहीं, झंझारपुर के बूथ संख्या 49 मतदान केंद्र पर सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवान रंगलाल मीना की मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि मीना बूथ पर सुरक्षा को लेकर तैनात थे. अचानक वह बेहोश हो गये. उन्हें तत्काल प्राथमिक इलाज के लिए झंझारपुर अस्पताल में भरती कराया गया, लेकिन उनकी इलाज के दौरान ही मौत हो गयी.
कई जगहों पर महिला मतदाता की संख्या पुरुष मतदाता की अपेक्षा अधिक थी. जबकि हरलाखी विधानसभा के मधवापट्टी बूथ संख्या 21 पर पीटू कर्मी की तबीयत खराब हो जाने के कारण विलंब से मतदान प्रारंभ किया गया. सुबह की ठंडी हवाओं के बीच मतदाताओं की लाइन बढ़ती गयी.
अधिकांश बूथों पर दोपहर होते होते मतदाताओं की भीड़ कम होती दिखी. बाबूबरही व लौकहा में मतदाताओं ने अपने अपने मांगों को लेकर वोट का बहिष्कार कर दिया. लौकहा के सहोरवा में बूथ संख्या 73 के मतदाताओं ने बूथ दूर होने कारण वोट का बहिष्कार करते हुए सड़क जाम कर दिया. इन लोगों का कहना था कि पूर्व में इन लोगों का बूथ संख्या-72 था जो नजदीक था, लेकिन अब करीब चार किलोमीटर दूर कर दिया गया है.
नेपाल में मधेशी आंदोलन को देखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. कोसी के दियारा सहित सीमा पर एसएसबी व पुलिस के साथ साथ सीआरपीएफ के जवानों को तैनात कर दिया गया था. दसों विधानसभा क्षेत्र में शांति पूर्वक चुनाव संपन्न हो गया.
सुपौल
युवतियों में भी वोट को ले जबरदस्त उत्साह
सुपौल कार्यालय
विधानसभा चुनाव को लेकर जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में गुरुवार को मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ. मतदान को लेकर युवतियों में भी काफी उत्साह देखा गया. सुबह से ही मतदान केंद्रों पर वोटरों की भीड़ लगने लगी. सभी 1262 बूथों पर सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति की गयी थी.
चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम थे. मतदान को लेकर पड़ोसी जिले व भारत-नेपाल सीमा को सील किया गया था. वहीं 75 मतदान केंद्रों का वेब कांिस्टग करायी गयी. कुल 20 मतदान केंद्रों को मॉडल केंद्र का दर्जा दिया गया था. मतदान केंद्रों पर मतदान का काम शांतिपूर्वक संपन्न हुआ. हालांकि कई मतदान केंद्रों पर मॉक पोल व इवीएम में गड़बड़ी के कारण मतदान की प्रक्रिया सुबह देर से प्रारंभ हुई.
जिले के भवानीपुर व खूंट गांव के लोगों ने सड़क, पुल, बिजली आदि समस्याओं को लेकर मतदान का बहिष्कार किया, जबकि अन्य बूथों पर वोटरों ने काफी बढ़-चढ़ कर मताधिकार का प्रयोग किया.
डीएम एम रामचंद्रु डू, एसपी किम व सभी प्रेक्षकों ने मतदान केंद्रों का जायजा लिया. मतदान के सफल संचालन को लेकर जिला मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी थी, जहां हरेक विधान सभा क्षेत्र से पल-पल की खबरें मिल रही थी. गौरतलब है कि जिले के सुपौल, पिपरा, त्रिवेणीगंज, निर्मली व छातापुर विधान सभा क्षेत्रों में कुल मतदाताओं की संख्या 13 लाख 11 हजार 518 है. कुल 52 प्रत्याशी इस चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं.
अररिया
शुरुआत में वोटिंग कम फिर बढ़ गयी रफ्तार
अररिया कार्यालय
गुरुवार को जिले के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में कमोबेश शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हो गया. इस दौरान जोकीहाट के एक बूथ के अलावा अन्य किसी भी क्षेत्र से किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं मिला. हालांकि मतदान शुरू होने के बाद पहले घंटे में बूथों पर कम लोग नजर आये. पहले घंटे में महज 5.4 प्रतिशत ही वोंिटग हुई.
पर उसके बाद मतदान को लेकर ऐसा उत्साह बढ़ा कि दोपहर के एक बजे तक ही जिले में मतदान का प्रतिशत 40.16 पहुंच गया. अपराह्न् तीन बजे तक ये प्रतिशत बढ़ कर 54.29 हो गया. दूसरी तरफ मतदान के दौरान जहां सेक्टर पदाधिकारियों से लेकर जोनल व सुपर जोनल अधिकारी तक भ्रमण करते रहे.
वहीं डीएम हिमांशु शर्मा व एसपी सुधीर कुमार पोरिका सहित अन्य अधिकारी भी विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लेते रहे. बताया जाता है कि डीआइजी भी कुछ समय के लिए जिले के दौरा पर आये थे.
मतदान को लेकर केवल युवाओं में ही जोश नहीं दिखा, बल्कि बुजुर्ग व लाचार भी अपने मताधिकार को लेकर सजग दिखे. मार्केंिटग यार्ड के बूथ संख्या 137 पर 85 वर्षीय कमल मुखी देवी, कोसी कॉलोनी के बूथ संख्या 90 वर्षीय हीरा रानी व पन्ना देवी और बूथ संख्या 171 पर जरीना खातून भी अपने रिश्तेदारों के साथ वोट डालने पहुंचीं. हालांकि मतदान कमोबेश शांतिपूर्ण ही रहा, पर जिले के सभी छह विधान सभा क्षेत्रों से इवीएम में तकनीकी खराबी के समाचार भी मिलते रहे. इसके चलते कुल 23 बूथों पर कंट्रोल या बैलट यूनिट या दोनों को बदलना पड़ा.
वहीं कमोबेश सभी विधान सभा क्षेत्रों से वोटर परची रहते हुए पीठासीन पदाधिकारियों द्वारा वोंिटग से रोकने की शिकायतें भी मिली. ऐसी शिकायतें जिला नियंत्रण कक्ष को भी बड़ी संख्या में प्राप्त हुई. वहीं बताया गया कि जानकारी मिलने पर जिला पदाधिकारी ने गश्ती दल दंडाधिकारियों के माध्यम से पीठासीन पदाधिकारियों को वोंिटग परची पर वोट करवाने का निर्देश दिया.
पूर्णिया
पूर्णिया में दिखी आधी आबादी की भागीदारी
पूर्णिया कार्यालय
जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों में गुरुवार को शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ. कहीं से भी किसी अप्रिय वारदात की कोई सूचना नहीं मिली. गौरतलब है कि गत विधानसभा चुनाव में जिले में 60.25 फीसदी मतदान हुआ था.
विधानसभा चुनाव, 2015 में इस बार पूर्णिया जिले में 62.95 फीसदी मतदान हुआ. इसमें सबसे अधिक मतदान कसबा विधानसभा में 68.90 फीसदी और सबसे कम रूपौली विधानसभा क्षेत्र में 58.82 फीसदी हुआ. मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से ही मतदाताओं की लंबी कतार लगनी शुरू हो गयी थी. महिलाओं की कतार पुरुषों की अपेक्षा लंबी नजर आयी.
सभी मतदान केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गयी थी, जबकि बिहार पुलिस के जवान भी तैनात किये गये थे. विधानसभा वार प्रतिनियुक्त प्रेक्षक और पुलिस प्रेक्षकों ने अपने-अपने क्षेत्रों का जायजा लिया.
डीएम बाला मुरूगन डी और पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के मतदान केंद्रों का जायजा लिया. एक-दो मतदान केंद्रों पर इवीएम में गड़बड़ी की वजह से मतदान आरंभ होने में विलंब हुआ. कुल मिला कर शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ.
दरभंगा
हार्ट अटैक से मतदान कर्मी की हुई मौत
दरभंगा कार्यालय
जिले के 10 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान शांतिपूर्ण रहा. लोकतंत्र के महापर्व में लोगों ने जम कर अपनी भागीदारी दिखायी. कुछ बूथों पर इवीएम खराब होने से कुछ देर के लिए परेशानी हुई, लेकिन तुरंत इवीएम को बदल कर मतदान शुरू कर दिया गया.
अलीनगर विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 20 पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने कॉक (बगैर गोली की बंदूक से आवाज) फायरिंग की. इस दौरान आक्रोशित लोगों ने तारडीह बीडीओ के वाहन का शीशा भी तोड़ दिया. 10 मिनट मतदान बाधित होने के बाद पुन : शुरू हुआ. बेनीपुर विस क्षेत्र के हाविभौआर गांव स्थित मतदान केंद्र संख्या 34 पर हृदयगति रुकने से एक चुनाव कर्मी की मौत हो गयी.
मृत कर्मी विन्देश्वर साह डीएमसीएच में चतुर्थ वर्ग के पद पर कार्यरत था. अलीनगर विधानसभा क्षेत्र के तारडीह ब्लॉक के बूथ नंबर 20 पर बीडीओ को बूथ पर भारी भीड़ के कारण हंगामा किये जाने की सूचना मिली. सूचना मिलते ही बीडीओ पहुंचे. लोगों को शांति बनाने एवं बूथ से हटकर पंक्ति में खड़ा होने को कहा. इसी बीच कुछ लोगों ने उनके वाहन का शीशा तोड़ दिया. यह देख पुलिस ने कॉक फायंिरग की. फायंिरग के बाद भीड़ नियंत्रित हुई.
करीब दस मिनट के बाद फिर से मतदान शुरू हुआ. इधर, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक अधिकारी दिनभर बूथों पर दौड़ते रहे. नक्सल प्रभावित एपीएम थाना क्षेत्र के सभी 11 बूथों पर भी मतदान शांतिपूर्ण रही. जबकि कुशेश्वरस्थान के तिलकेश्वर ओपी क्षेत्र में घुड़सवार पुलिसकर्मियों के जिम्मे सुरक्षा व्यवस्था सौंपी गयी थी. आइजी अमित कुमार जैन एवं डीआइजी उमाशंकर सुधांशु ने हेलीकॉप्टर से मतदान की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. कुल मिलाकर मतदान शांतिपूर्ण रहा.
कटिहार
वोटिंग में कटिहार जिले ने सबको पीछे छोड़ा
कटिहार कार्यालय
जिले के सातों विधानसभा क्षेत्रों में अंतिम चरण के तहत गुरुवार को मतदान छिटपुट घटनाओं को छोड़ कर शांतिपूर्ण रहा. जिले में रिकॉर्ड 67.27 फीसदी मतदान हुआ. कदवा विस क्षेत्र में द्वाश्य पंचायत में ग्रामीणों व अर्धसैनिक बलों के बीच झड़प में 16 राउंड फायरिंग हुई. वहीं कदवा विस क्षेत्र के ही डंडाखोरा के नवादा बूथ संख्या 22 व 23 पर जवानों ने ग्रामीणों के साथ मारपीट की.
अधिकतर बूथों पर निर्धारित समय सात बजे सुबह से ही मतदान शुरू हो गया. मतदान को लेकर हर विस क्षेत्र में मतदाताओं में उत्साह था. सुबह छह बजे से ही मतदान केंद्र पर मतदाताओं का आना शुरू हो गया था.
छह बजे मॉक पोल के बाद सात बजे से औपचारिक मतदान शुरू हुआ. हालांकि हर विधानसभा क्षेत्र में कुछ बूथों पर इवीएम की गड़बड़ी की वजह से मतदान शुरू होने में एक-दो घंटे का विलंब हुआ.
जिले के सभी 1682 बूथों पर अर्धसैनिक बल तैनात थे. इसके अलावा जिला पुलिस के जवानों को भी बूथों पर लगाया गया था. चुनाव प्रेक्षक, सेक्टर दंडाधिकारी, जोनल दंडाधिकारी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी लगातार बूथों का निरीक्षण करते रहे. जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम संजय कुमार ंिसह ने कुछ बूथों पर स्वयं निरीक्षण किया तथा शांतिपूर्ण हो रहे मतदान पर संतोष जताया.
इसके बाद डीएम समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला नियंत्रण कक्ष में बैठ कर जिले के सातों विधानसभा क्षेत्रों की मतदान प्रक्रिया की मॉनीटंिरग करते रहे. मतदान को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह था. हालांकि कदवा, बरारी, कोढ़ा विधानसभा क्षेत्रों के कुछ बूथों पर सुरक्षा कर्मियों के साथ स्थानीय लोगों की नोक-झोंक भी हुई. दंडाधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों के पहुंचने के बाद लोगों को शांत कराया गया.
जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों में से पहली बार कटिहार विधानसभा क्षेत्र में इवीएम मशीन के साथ वीवीपैट लगाया गया था. इससे मतदाताओं को मतदान के बाद वीवीपैट मशीन के डिस्पले पर जिन उम्मीदवारों को वह वोट डाले, वह दिखाई पड़ जाता था. जिले के 125 बूथों पर वेबकांिस्टग की भी व्यवस्था की गयी थी. हर विधानसभा क्षेत्र के चार-चार बूथों को मॉडल बूथ बनाया गया था.
किशनगंज
शाम तक वोटरों ने दिखाया दम
किशनगंज कार्यालय
पांचवें व अंतिम चरण में जिले के चार विधानसभा सीटों के लिए मतदान शांतिपूर्ण रहा. चार चरणों के मुकाबले पांचवें चरण में मतदान ज्यादा हुआ. चार बजे अपराह्न् तक 64.1 प्रतिशत मतदान हुआ.
सुबह बूथ पर वोटरों की लंबी कतार थी, फिर शाम में भी वोटरों की लंबी कतार दिखी. शहर में कई जगहों पर इवीएम खराब होने की भी सूचना मिली, जिसे ठीक कर लिया गया. मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता थी. जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं में उत्साह देखा गया. खास कर आधी आबादी की हनक साफ दिख रही थी.
वोटिंग के दौरान शहर में वाहनों का परिचालन बंद रहा. सड़कें सुनी थीं. शाम के बाद बाजार व अन्य जगहों पर चहल-पहल बढ़ी. वहीं जिलाधिकारी सह जिला निर्वाची पदाधिकारी अनिमेष कुमार पराशर व पुलिस अधीक्षक राजीव रंजन ने संयुक्त रूप शहरी क्षेत्र के बूथों का मुआयना किया. किशनगंज में चुनाव के दौरान अर्धसैनिक बल की 40 कंपनियों के साथ-साथ रैफ, एसटीएफ, बीएमपी व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति से मतदान के दौरान कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं घटी.
मधेपुरा
सुबह सात बजे ही लगी कतार
मधेपुरा कार्यालय
जिले में शुरुआती दौर में अधिकतर जगहों पर इवीएम खराब की शिकायत होने के बावजूद 57.84 फीसदी मतदान हुआ. अन्य दिनों की अपेक्षा गुरुवार की सुबह ज्यादा सर्द थी, लेकिन सुबह सात बजे मतदान केंद्रों पर लंबी-लंबी कतार लग गयी थी. महिलाएं अधिक संख्या में थीं.
वे मतदान के बाद ही खाना बनाने की ठान रखी थी. हालांकि, अधिकतर जगहों पर वोटिंग शुरू होते ही इवीएम खराब होने की शिकायत मिली. लेकिन, जिला प्रशासन ने इसकी पूर्व तैयारी कर ली थी. बैकअप इवीएम की व्यवस्था के कारण खराब इवीएम की समस्या 20 मिनट से आधे घंटे में सुलझा ली गयी. सुबह जब वोटिंग शुरू हुई, तो कुहासा होने के कारण पर्याप्त रोशनी नहीं थी.
हालांकि प्रशासन ने बिजली का प्रबंध किया था, लेकिन कई जगह बल्ब नहीं लगने की शिकायत की गयी. दोपहर होते-होते मतदान की रफ्तार धीमी पड़ गयी.जिला मुख्यालय में मधेपुरा में मतदाता शांतिपूर्ण रहा. सांसद शरद यादव ने भी अपने मतदान केंद्र संख्या-188 आदर्श मध्य विद्यालय, भिरखी में मतदान किया. जिला मुख्यालय में पीएस कॉलेज में आदर्श मतदान केंद्र बनाया गया था.
सहरसा
खराब 33 इवीएम बदली गयीं
सहरसा कार्यालय
पांचवें व आखिरी चरण में जिले की चारों विधानसभा सीटों के लिए गुरुवार को मतदान संपन्न हो गया. जिले में सहरसा, सिमरी बख्तियारपुर, सोनवर्षा व महिषी में कुल 50.78 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. सिमरी बख्तियारपुर व महिषी में शाम के तीन बजे तक मतदान करने की गति अधिक थी, जबकि सहरसा व सोनवर्षा में शाम के पांच बजे तक वोट डाले गये. मतदान को लेकर सुबह से ही सभी बूथों पर मतदाताओं की कतार लगनी शुरू हो गयी थी.
समय से पहले ही पुरुष व महिलाओं की खासी संख्या मतदान केंद्र पहुंच चुकी थी. हांलाकि कई बूथों पर इवीएम की खराबी के कारण मतदान में व्यवधान उत्पन्न हुआ. शहरी क्षेत्र में ऐसे कुल 33 इवीएम बदली गयीं. इस कारण इन जगहों पर मतदान में एक से डेढ़ घंटे की देरी हुई. केंद्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा सुरक्षा की कमान संभाले जाने के कारण कहीं से भी किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली. सभी जगह सुरक्षा के कड़े घेरे में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया.
मतदान को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिये 75 विधानसभा प्रेक्षक टीआर मीणा, 74 विधानसभा के प्रेक्षक हरजीत ंिसह, 76 विधानसभा के प्रेक्षक निर्मल शर्मा, 77 विधानसभा के प्रेक्षक शंकर प्रसाद नंदी , डीएम विनोद ंिसह गुंजियाल, एसपी विनोद कुमार, एएसपी मृत्युंजय चौधरी, सदर थानाध्यक्ष संजय कुमार ंिसह व अन्य लगे हुए थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें