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जांच के नाम पर फंस गयी है लाखों की दवा
छह माह से भंडार में रखे हैं एंटी स्नैक के वैक्सीन कॉरपोरेशन ने बरसात में ही अस्पतालों में भेजने के लिए खरीदा था वैक्सीन पटना : कहीं एक ओर दवा के लिए अस्पतालों में हाहाकार मचा हुआ है, तो कहीं दवा भंडार में रखे-रखे खराब हो रही है. स्वास्थ्य विभाग की मॉनीटरिंग और बीएमएसआइसीएल की […]
छह माह से भंडार में रखे हैं एंटी स्नैक के वैक्सीन
कॉरपोरेशन ने बरसात में ही अस्पतालों में भेजने के लिए खरीदा था वैक्सीन
पटना : कहीं एक ओर दवा के लिए अस्पतालों में हाहाकार मचा हुआ है, तो कहीं दवा भंडार में रखे-रखे खराब हो रही है. स्वास्थ्य विभाग की मॉनीटरिंग और बीएमएसआइसीएल की लेट-लतीफी से छह माह पूर्व खरीदी गयी एंटी स्नैक का वैक्सीन भंडार में सिर्फ क्वालिटी टेस्ट के नाम पर रखा हुआ है.
इस वैक्सीन को बरसात में सभी अस्पतालों में पहुंचाना था, लेकिन बरसात खत्म हो गयी और अब ठंड आ गयी. बावजूद इसका अब तक क्वालिटी टेस्ट नहीं हो पाया है. वहीं अस्पतालों इस वैक्सीन के नहीं भेजे जाने से सांप के डसने के बाद अस्पताल पहुंचनेवाले मरीजों को बाहर से वैक्सीन खरीद कर लाना पड़ रहा है.
दवा की जब तक जांच नहीं हो जायेगी, तब तक उसे अस्पतालों में नहीं भेजा जायेगा. यह नियम इस कारण से बनाया गया है कि पूर्व में घटिया दवा के कारण एक मरीज की मौत ऑपरेशन टेबल पर ही हो गयी थी, लेकिन यह अजीब बात है कि अधिकारी इसी नियम का हवाला देकर जांच में महीनों लगा दे रहे हैं और मरीजों तक दवाइयां नहीं पहुंच पा रही हैं.
हर दिन पहुंचते हैं मरीज
बिहार के प्रत्येक जिले में इस वैक्सीन की मांग है और यह समय पर मरीज को नहीं मिलने के बाद उसकी मौत भी लगभग तय है. ऐसे में इस दवा को परचेज करने के बाद भी भंडार में रखा हुआ है और अस्पतालों में इसी वैक्सीन के लिए परिजन हंगामा करते हैं या बाहर से लाकर मरीजों की जान बचाते हैं.
वैक्सीन को दो माह पूर्व ही खरीदा गया है और उसकी क्वालिटी की जांच हो रही है. जांच में थोड़ी देर हुई है. जल्द ही जांच करा कर उसे अस्पतालों में भेज दिया जायेगा.
– अनिल कुमार, स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव सह प्रवक्ता
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