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किस आधार पर किया लोकायुक्त नियुक्त

हाइकोर्ट. पूर्व जज को दिया नोटिस, छह नवंबर को मांगा जवाब पटना : पटना उच्च न्यायालय ने लोकायुक्त नियुक्ति मामले में पूर्व जज श्याम किशोर शर्मा को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने छह नवंबर को उनसे जवाब मांगा है कि आखिर किस आधार पर उनकी नियुक्ति लोकायुक्त के लिए की गयी है. कार्यवाहक मुख्य […]

हाइकोर्ट. पूर्व जज को दिया नोटिस, छह नवंबर को मांगा जवाब
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने लोकायुक्त नियुक्ति मामले में पूर्व जज श्याम किशोर शर्मा को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने छह नवंबर को उनसे जवाब मांगा है कि आखिर किस आधार पर उनकी नियुक्ति लोकायुक्त के लिए की गयी है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने न्यायाधीश श्याम किशोर शर्मा के अलावा बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष केसी साहा को भी नोटिस जारी किया है.
राज्य सरकार ने खंडपीठ को बताया कि जस्टिस श्याम किशोर शर्मा और पूर्व आइएएस अधिकारी केसी साहा को लोकायुक्त के पद पर नियुक्ति की है. दोनों को अगले सप्ताह शपथ दिलाने के लिए सरकार ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी है.
कमेटी ने सुझाये थे तीन नाम
इस पर कोर्ट ने कहा कि लोक आयुक्त पद के लिए चयनित व्यक्तियों को बिना हाइकोर्ट की अनुमति के शपथ नहीं दिलायी जायेगी. कोर्ट को याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि 2015 में पटना उच्च न्यायालय की सर्च कमेटी ने सेलेक्शन कमेटी को तीन जजों के नाम सुझाये थे.
इनमें जस्टिस मिहिर कुमार झा, जस्टिस जेएन सिंह और जस्टिस अखिलेश चंद्रा के नाम थे, जबकि, 2014 में सर्च कमेटी ने जस्टिस श्याम किशोर शर्मा के नाम का प्रस्ताव दिया था. आइएएस अधिकारी रहे बीपीएससी के अध्यक्ष केसी साहा का नाम प्रशासनिक सर्च कमेटी की ओर से 2014 और 2015 दोनों ही साल प्रस्तावित किये गये थे
.
राज्य सरकार ने लोकायुक्त के तीन पद स्वीकृत किये हैं. इनमें से एक पद पर जस्टिस चंद्रमोहन प्रसाद पहले से कार्यरत हैं, जबकि बाद में स्वीकृत किये गये दो पदों के लिए जस्टिस श्याम किशाेर शर्मा व आइएएस अधिकारी रहे केसी साहा के नाम तय किये गये हैं. मिथिलेश कुमार सिंह नाम के व्यक्ति ने दोनों लोकायुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए लोकहित याचिका दायर की है.
पटना : प्रतियोगिता परीक्षा में उत्तीर्ण होने व ज्वाइनिंग की तमाम प्रक्रिया पूरी कर लेने के बावजूद 26 कनीय अभियंताओं को जल संसाधन विभाग में नियुक्ति के लिए एक-दो माह नहीं, वल्कि तीन वर्षों का लंबा इंतजार करना पड़ा.
26 कनीय अभियंताओं की नियुक्ति का मामला 2012 से ही कोर्ट में चल रहा था. अब जाकर कोर्ट ने उनकी नियुक्ति को हरी झंडी दी है. इन सारे कनीय अभियंताओं को एक नवंबर को विभाग में अपना-अपना योगदान देना है. जल संसाधन विभाग ने 2012 में कनीय अभियंताओं के रिक्त पदों के लिए परीक्षा ली थी.
प्रतियोगिता परीक्षा और इंटरव्यू में कुल 26 पास हुए थे. 26 कनीय अभियंताओं को जल संसाधन विभाग में नियुक्ति का निर्देश भी दिया गया था. इसी बीच विनोद कुमार ने कनीय अभियंताओं की नियुक्ति को लेकर कोर्ट में चुनौती पेटिशन फाइल कर दी. तब से कनीय अभियंताओं की नियुक्ति का मामला अधर में लटका था.
कोर्ट ने दो दिन पहले 26 कनीय अभियंताओं की नियुक्ति प्रक्रिया को वैध करार दिया. फैसले के आलोक में जल संसाधन विभाग ने 26 कनीय अभियंताओं को पांच विभागों में योगदान कराने का निर्णय लिया है. जल संसाधन विभाग ने अपने यहां सिर्फ 12 कनीय अभियंताओं की ही सेवा लेने का निर्णय लिया है.

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