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तीसरा चरण : 40% विधानसभा क्षेत्र संवेदनशील, बढ़ेगी सुरक्षा

पटना : विधानसभा चुनाव का तीसरा चरण भी सुरक्षा की दृष्टि से कम चुनौतीपूर्ण नहीं है. पिछले दोनों चरणों में जिन 81 विधानसभाओं में वोट पड़ चुके हैं. उनमें आधा से ज्यादा सीटें नक्सल ग्रस्त थीं. इसकी तुलना में तीसरे चरण में अति या अर्ध नक्सल प्रभावित सीटों की संख्या नहीं के बराबर है. वाबजूद […]

पटना : विधानसभा चुनाव का तीसरा चरण भी सुरक्षा की दृष्टि से कम चुनौतीपूर्ण नहीं है. पिछले दोनों चरणों में जिन 81 विधानसभाओं में वोट पड़ चुके हैं. उनमें आधा से ज्यादा सीटें नक्सल ग्रस्त थीं. इसकी तुलना में तीसरे चरण में अति या अर्ध नक्सल प्रभावित सीटों की संख्या नहीं के बराबर है. वाबजूद इसके उपद्रवी और दबंगई से प्रभावित या चुनाव के दौरान इसकी आशंका वाली 50 में से 20 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिसे बेहद संवेदनशील घोषित किया गया है. यानी तीसरे चरण की 40 फीसदी सीटें संवेदनशील हैं.
इन विधानसभा सीटों पर पूजा के दौरान भी खासतौर से चौकसी बरती गयी थी. इनमें खासतौर से रैफ जवानों की तैनाती की गयी थी. केंद्रीय बलों की बेहतर बंदोबस्ती के कारण किसी पूजा के दौरान कोई घटना नहीं हुई. चुनाव में भी इन सीटों पर कड़ी नजर रखने के लिए चाक-चौबंद तैयारी की गयी है. पास के जिन जिलों में चुनाव संपन्न हो गया है, वहां भी केंद्रीय सुरक्षा बलों को पूरी तरह से हटाया नहीं गया है.
नालंदा को छोड़कर पांच जिलों में संवेदनशील सीटें
तीसरे चरण में छह जिलों सारण, वैशाली, नालंदा, पटना, भोजपुर और बक्सर की 50 विधानसभा सीटों में मतदान होना है. उनमें नालंदा जिला को छोड़कर अन्य पांच जिलों की 20 विधानसभा सीटों को संवेदनशील माना जा रहा है. इसमें पटना- दीघा, बांकीपुर और मोकामा, वैशाली- लालगंज और राघोपुर, सारण- एकमा, बनियापुर, तरैया, मढ़ौरा और छपरा, बक्सर- ब्रम्हपुर, डुमरांव, राजपुर और बक्सर, भोजपुर- आरा, अगियांव, संदेश, बड़हरा, जगदीशपुर और तरारी विधानसभाएं शामिल हैं. ये क्षेत्र सांप्रदायिक, दबंगई और उपद्रवियों के लिहाज से संवेदनशील हैं.
मैदानी इलाकों में नक्सली घुसपैठ की आशंका
इस बार तीसरे चरण के मतदान के दौरान संवेदनशील सीटों के अलावा नक्सली घुसपैठ की आशंका के कारण भी चौकसी ज्यादा बरती जा रही है. इस चरण में कोई भी सीटें पूरी तरह से नक्सल प्रभावित नहीं हैं. नक्सल गतिविधि के आधार पर श्रेणी बी में सारण और वैशाली जिले हैं. जबकि श्रेणी-सी में नालंदा, पटना, भोजपुर और बक्सर जिले आते हैं. परंतु एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, इन कम प्रभावित नक्सल क्षेत्रों (या जिन इलाकों में लंबे समय से कोई नक्सली गतिविधि नहीं हुई हो) में नक्सली अपनी धमक दिखा सकते हैं. कुछ जिलों में नक्सलियों के घुसपैठ की खबर भी मिली है. चूंिक नक्सलियों के गढ़ में इस बार कड़ी चौकसी के कारण इनके मंसूबे नाकाम रहे थे. इन कारणों से मैदानी इलाकों में नक्सली गतिविधि की आशंका जतायी जा रही है.
750 कंपनी केंद्रीय फोर्स की हुई तैनाती
तीसरे चरण में शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए 750 कंपनी केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं. इसमें करीब 600 कंपनी सुरक्षा बलों को दुर्गा-पूजा के पहले की तैनात कर दिया गया था. इन फोर्सों ने पूजा के दौरान पूरी मुस्तैदी से शांति व्यवस्था बनाये रखने में अहम भूमिका अदा की. जिन सुरक्षा बलों को जहां तैनात किया गया है, वह चुनाव तक वहीं बने रहेंगे. इसके अलावा संवेदनशील या जरूरत के मुताबिक कुछ स्थानों पर चुनाव के पहले करीब 150 कंपनी फोर्स की अतिरक्ति तैनाती की जायेगी.
बढ़ सकती है हेलीकॉप्टरों की संख्या
सभी संवेदनशील और महत्वपूर्ण स्थानों पर हेलीकॉप्टर से भी निगरानी होगी. इसके लिए एक या दो अतिरक्ति हेलीकॉप्टर मंगवाये जा सकते हैं. पिछले दोनों चरण में दो हेलीकॉप्टर तैनात थे. इस चरण में इनकी संख्या तीन या चार हो सकती है. इसके अलावा एयर एंबुलेंस भी एक के स्थान पर दो तैनात किये जा सकते हैं. ड्रोन का प्रयोग इस चरण में बेहद कम होने की संभावना है. बख्तरबंद गाड़ियां समेत सुरक्षा के अन्य इंतजाम पिछले दोनों चरणों की तरह ही रहेंगे.

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