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तेरा मताधिकार तुझको रहा पुकार..

तेरा मताधिकार तुझको रहा पुकार..लाइफ रिपोर्टर पटनाहिंद हैं हम नयी नसल सुनो.. हिंद की जवां फसल सुनो… तुम वो दौर हो… तमाम उम्र के, जो ना तो कुछ नहीं है जिंदगी.. तेरा मताधिकार तुमको रहा पुकार… रहना नहीं घर में हो के बंद इस बार… इलेक्शन के इस दौर में वोट देने की अपील करता […]

तेरा मताधिकार तुझको रहा पुकार..लाइफ रिपोर्टर पटनाहिंद हैं हम नयी नसल सुनो.. हिंद की जवां फसल सुनो… तुम वो दौर हो… तमाम उम्र के, जो ना तो कुछ नहीं है जिंदगी.. तेरा मताधिकार तुमको रहा पुकार… रहना नहीं घर में हो के बंद इस बार… इलेक्शन के इस दौर में वोट देने की अपील करता यह गाना सुनन को मिला इलेक्शन कमीशन के ऑफिस में. यहां बुधवार को लोगों को वोट देने के प्रति जागरूक करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. चूंकि मतदाताओं को जागरूक एवं प्रोत्साहित करने के लिए स्टेट आइकॉन की अहम भूमिका होती है. ऐसे में विभिन्न स्तरों पर स्टेट आइकॉन, क्षेत्रीय, जिला आईकॉन का चुनाव भारत निर्वाचन आयोग की मार्ग-दर्शिका के आधार पर किया जाता है. कुछ इन्हीं बातों को देखते हुए यहां स्टेट आइकॉन के रूप में बिहार के दो फेमस लोगों पहले गायक एवंं संगीत निर्देशक शशि सुमन और दूसरी माउंट एवरेस्ट पर दो बार चढ़ने वाली विश्व की प्रथम महिला संतोष यादव को स्टेट आइकॉन के रूप में सम्मानित किया गया. इन्होंने लोगों को बताया कि वोट एक ऐसा अधिकार है, जो हर किसी के पास है. इसे कभी नहीं खोना चाहिए. गांव हो या शहर, अमीर हो या गरीब, सभी के लिए वोट एक समान हैै. इसमें किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता. इसमें महिलाओं की भी मुख्य भूमिका है. इस अवसर पर इला रावत ने लोगों को तेरा मताधिकार तुमको रहा पुकार… गा कर लोगों का दिल जीत लिया. वोट की करूंगा अपीलबिहार के लिए कुछ करने में मुझे प्राउड फील होता है, क्योंकि मैं बचपन से बिहार में ही रहा हूं. आज कहीं भी रहता हूं, बिहारी ही कहलाता हूं. एक मशहूर संगीत निर्देशक बनने के बाद अपने स्टेट का आइकॉन बनना शशि के लिए बहुत खास बात है. वे कहते हैं कि मैंनेे कभी नहीं सोचा था कि मुझे यह मौका मिलेगा. मैं लोगों से अपील करूंगा कि वे वोट जरूर दें. इसके लिए जहां जाना होगा, मैं जाऊंगा, क्योंकि वोट करना मेरी ही तरह हर किसी की जिम्मेवारी है. संगीत परिवार से नहीं थाशशि सुमन का बैक ग्राउंड संगीत से नहीं है. उनके परिवार में किसी ने संगीत में कोई मुकाम हासिल नहीं किया है, लेकिन उनके पिता को तबला बजाने का शौक था. वे कहते हैं कि पापा तबला अच्छा बजाते थे. मुझे संगीत में रूचि शुरू से थी. बचपन से गाने का शौक था. पढ़ाई के साथ-साथ संगीत में भी काम करते रहा, इसलिए इसे कभी नहीं भूला. मुंबई में कई साल स्ट्रगल करने के बाद आखिर में मुझे मेरी मंजिल मिल गयी.मैरी कॉम फिल्म से मिली असली पहचानशशि कहते हैं कि राजनीति फिल्म में वे आदेश श्रीवास्तव के साथ काम करते थे. उनसे बहुत कुछ सीखा है. लेकिन असली पहचान मुुझे मैरी कॉम फिल्म से मिली. इस फिल्म में मैंने ही गाने को कंपोज किया था. संजय जी से बहुत कुछ सीखने को मिला. उन्होंने मुझे इस फिल्म में काम करने का मौका दिया, जो मैं कभी नहीं भूल सकता. इस फिल्म का अनुभव हमेशा याद रहेगा. इसके अलावा रामलीला में भी सहायक निर्देशक के रूप में काम करने का मौका मुझे मिला. हमारी अगली फिल्म सबरजीत है, जिसका काम चल रहा है.रियेलिटी शो ने दिया प्लेटफॉर्मइंडियन आइडल फेम कहलाने वाले शशि कहते हैं कि मुझे भी रियेलिटी शो में ही प्लैटफॉर्म मिला था. मैं सारेगामापा 2009 का फाइनलिस्ट भी रहा हूं. साथ ही संगीत में मास्टर डिग्री भी हासिल की है. अगर किसी को भी कला का सही ज्ञान हो, तो वह आगे बढ़ सकता है. बस उसे एक अच्छे प्लेटफॉर्म की जरूरत होती है. रियेलिटी शो से किसी भी कलाकार को बेहतर करने का मौका मिलता है. किसी इंसान को अपनी कला को नहीं मारना चाहिए. वे अब तक देश और विदेशों में 600 से अधिक लाइव शो कर चुके हैं. अपनी मातृभूमि को नहीं भूलना चाहिए मैं सभी युवाओं को यह संदेश देना चाहता हूं कि अपने-अपने टैलेंट के बल पर पूरी दुनिया में परचम लहराओ, लेकिन अपनी मातृभूमि को नहीं भूलो. इसलिए मैं भले ही मुंबई में रहता हूं, लेकिन बिहार से मेरा कनेक्शन हमेशा रहता है. बिहार से जुड़ा हुआ हूं, इसलिए आज यहां का आइकॉन बनने का मौका मिला. संतोष यादवसंतोष यादव माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली विश्व की पहली महिला हैं. इन्होंने पहले मई 1992 में और मई 1993 में एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता हासिल की है. साथ ही इन्हें सन 2000 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया है. वे कहती हैं कि मुझे बिहार का आइकॉन बन कर गौरव महसूस हो रहा है. मैं बिहार की बहू हूं. मुंगेर में मेरा ससुराल है. इसलिए मुझे बिहार से काफी लगाव है. यहां खास कर महिलाओं को वोट के लिए जागरूक करना मेरा पहला मकसद है.इस बार पटना में स्थापित किया कलशसंतोष यादव हर साल दिल्ली में कलश स्थापना करती हैं, लेकिन इस बार वे नवरात्रि बिहार में ही मना रही हैं. वे कहती हैं कि यहां के सभी काम को संभालना है. इलेक्शन का माहौल है. ऐसे में लोगों को जागरूक करना मेरा कर्तव्य है. लोगों को जाति धर्म से ऊपर उठ कर वोट देना है. ऐसे में सबसे ज्यादा महिलाओं को जागरूक करना है, ताकि वे अपनी चौखट को लांघ कर वोट देने घर से निकले. आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां महिलाओं को वोट देने का भी अधिकार नहीं है, इसलिए उन्हें आगे बढ़ाना है.एनसीआरटी की किताबों में पढ़ा जाता हैै इन्हेंसंतोष यादव को बच्चे किताबों में पढ़ते हैं. उन्होंने बताया कि नौवीं कक्षा में एनसीआरटी की किताबों में मेरा जिक्र है, जिसे बच्चे पढ़ते हैं. काम चाहे कोई भी हो, उसे दिल से करना चाहिए. भाव बहुत बड़ी चीज है. इसलिए इंसान को सभी काम भाव के साथ करना चाहिए. एक महिला होने के नाते मैं सभी महिलाओं को आगे बढ़ते देखना चाहती हूं. तभी समाज बदलेगा.

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